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This Article is From Aug 25, 2022

दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन के लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर विचार जारी: रेल मंत्रालय

रेल मंत्रालय (Ministry Of Railways) ने गुरुवार को दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन (Delhi-Varanasi bullet train) परियोजना के व्यावहारिक होने से जुड़ी रिपोर्ट खारिज किये जाने की खबरों से इनकार किया.

दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन के लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर विचार जारी: रेल मंत्रालय
राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर दिल्ली और वाराणसी के बीच कई जगहों पर घुमावदार मार्ग है.
नई दिल्ली:

रेल मंत्रालय (Ministry Of Railways) ने गुरुवार को दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन (Delhi-Varanasi bullet train) परियोजना के व्यावहारिक होने से जुड़ी रिपोर्ट खारिज किये जाने की खबरों से इनकार किया. उसने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पर अब भी विचार जारी है. मंत्रालय ने कहा, ‘‘दिल्ली-वाराणसी उच्च गति की रेल को लेकर डीपीआर (DPR) पर अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है. वास्तविकता यह है कि रेल मंत्रालय को परियोजना रिपोर्ट को लेकर कोई समस्या नहीं है.'' उसने यह भी कहा कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने परियोजना से संबंधित डीपीआर को अंतिम रूप दे दिया है और इसे रेलवे बोर्ड को सौंप दिया है. मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह अनुमोदन देने की प्रक्रिया के तहत डीपीआर रेलवे बोर्ड के विचाराधीन है.''

प्रस्ताव के तहत बुलेट ट्रेन के लिये गलियारा ग्रेटर नोएडा, आगरा, लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी से होकर गुजरना है. मंत्रालय ने यह भी कहा कि हाल ही में डीपीआर पर चर्चा के लिये प्रधान कार्यकारी निदेशक (बुनियादी ढांचा) आर एन सिंह और एनएचएसआरसीएल के अधिकारियों के बीच कोई बैठक नहीं हुई. हालांकि, सूत्रों ने कहा है कि बैठक हुई और दिल्ली-वाराणसी उच्च गति वाली रेल परियोजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट पर चर्चा की गई. इसमें मार्ग पर कई मोड़ होने का हवाला देते हुए परियोजना पर चिंता जतायी गई.

व्यवहार्यता रिपोर्ट में प्रस्ताव किया गया है कि गलियारे का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग-दो के साथ किया जाएगा. इससे सस्ती दर पर जमीन के अधिग्रहण में मदद मिलेगी और निर्माण लागत कम होगी. सूत्रों के अनुसार, हालांकि राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर दिल्ली और वाराणसी के बीच कई जगहों पर घुमावदार मार्ग है. इससे ट्रेन के लिए 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलना बेहद खतरनाक हो सकता है. यह एक तकनीकी मुद्दा है. उसने कहा, ‘‘350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बुलेट ट्रेन चलाने के लिये ‘हाई स्पीड' गलियारे का ट्रैक सीधा होना चाहिए.''


 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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