"तो कल्पना करें चुनाव से पहले कितने लोग जेल जाएंगे"? सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमें जमानत रद्द करने का कोई आधार नहीं मिला. इस प्रकार हम जमानत देने से इनकार करने वाले HC के आदेश को रद्द करते है और जमानत देने के पहले के आदेश को बहाल करते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने HC के आदेश को रद्द किया.

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के मामले में यूट्यूबर सत्ताई दुरईमुरुगन (Duraimurugan Sattai) को दी गई जमानत बहाल की है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का जमानत रद्द करने का फैसला रद्द करते हुए बड़ी टिप्पणी की. जस्टिस एएस ओक ने कहा अगर चुनाव से पहले हम यूट्यूब पर आरोप लगाने वाले सभी लोगों को सलाखों के पीछे डालना शुरू कर देते हैं, तो कल्पना करें कि कितने लोग जेल जाएंगे? हाईकोर्ट ने अपीलकर्ता को दी गई जमानत का लाभ रद्द कर दिया. जबकि इस न्यायालय ने पहले अंतरिम जमानत जारी रखी थी. वह 2.5 साल तक जमानत पर रहे. हमें नहीं लगता कि विरोध और विचार व्यक्त करके यह कहा जा सकता है कि उन्होंने अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमें जमानत रद्द करने का कोई आधार नहीं मिला. इस प्रकार हम जमानत देने से इनकार करने वाले HC के आदेश को रद्द करते है और जमानत देने के पहले के आदेश को बहाल करते हैं. कहने की आवश्यकता नहीं कि उचित समझे जाने पर जमानत रद्द करने के लिए आवेदन किया जा सकता है.

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