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This Article is From May 30, 2024

टेलीमार्केटिंग कॉल है या किसी और की? अब ऐसे पहचानें, स्कैमर्स पर भी कसेगी नकेल

दूरसंचार विभाग के मुताबिक, इन दिनों मैसेज के जरिए धड़ल्ले से वित्तीय धोखाधड़ी की जा रही है. सरकार इससे सख्ती से निपट रही है. विभाग के मुताबिक पिछले 3 महीनों में 8 हेडर्स का इस्तेमाल करके 10 हजार से ज्यादा धोखाधड़ी वाले मैसेज भेजे जा चुके हैं.

टेलीमार्केटिंग कॉल है या किसी और की? अब ऐसे पहचानें, स्कैमर्स पर भी कसेगी नकेल
मोबाइल फोन से टेलीमार्केटिंग मैसेज या कॉल किया तो कट जाएगा कनेक्शन.(प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:

टेलीमार्केटिंग मैसेज और कॉल्स (Telemarketing Calls) के लिए कंपनियां अब मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी. अगर कोई भी कंपनी ऐसा करती है तो शिकायत मिलने पर उसका कनेक्शन काट दिया जाएगा. दूरसंचार विभाग ( Department Of Telecom) ने यह कदम कमर्शियल मैसेज में पारदर्शिता लाने, अनचाहे कस्टमर कॉन्टेक्ट से बचने और धोखाधड़ी से निपटने के मकसद से उठाया है. दूरसंचार विभाग ने टेलीमार्केटिंग के लिए अलग से 160 से शुरू होने वाली 10 नंबर की सीरीज जारी करने का फैसला लिया है. अब बैंक इन्श्योरेंस कंपनी, बीमा कंपनी, राज्य और केंद्र के बैंक और क्रेडिट कार्ड और पेंशन प्रोवाइडर कंपनियों को अब इन्हीं नंबरों का इस्तेमाल करना होगा. वहीं इस तरह के मैसेज भेजने के लिए 180 या 140 सीरीज वाले नंबरों का इस्तेमाल करना होगा.

 हालांकि बिजली और गैस सप्लाई कंपनियों के लिए किसी नियम का जिक्र नहीं किया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि दूर संचार विभाग के इस कदम से अनचाही कॉल्स पर लगाम जरूर लगेगी. क्यों कि अब नंबर देखकर यह पहचानना आसान हो जाएगा कि कॉल या मैसेज किसी टेलीमार्केटिंग कंपनी का है या किसी और का.

अब टेलीमार्केटिंग कॉल्स पहचानना होगा आसान

विभाग की तरफ से मंगलवार को जारी एक कार्यालय ज्ञापन के मुताबिक, 10 अंक वाली इस नंबर सीरीज को इस तरह तैयार किया गया है कि दूरसंचार ग्राहकों को कॉल करने वाली इकाइयों के साथ दूरसंचार ऑपरेटर और कॉल की जगह के बारे में भी पता चल जाएगा. आधिकारिक बयान के मुताबिक, "दूरसंचार वाणिज्यिक संचार उपभोक्ता वरीयता नियमन (टीसीसीसीपीआर), 2018 के तहत विशेष रूप से सेवा और लेनदेन संबंधी फोन कॉल के लिए एक अलग नंबर वाली सीरीज 160 आवंटित करने का फैसला लिया गया है."

  • इसका मकसद ग्राहकों को सरकारी निकायों और विनियमित संस्थाओं द्वारा की गई कॉल और सरकारी अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करने वालों की तरफ से की जाने वाली कॉल के बीच फर्क कर पाने में मदद करना है.
  • नई नंबर सीरीज सरकार और नियामकों के लिए 1600 एबीसीएक्सएक्सएक्स प्रारूप में जारी की जाएगी. इसमें ‘एबी' दूरसंचार सर्किल का कोड दिखाएगा.
  • दिल्ली के लिए 11, मुंबई के लिए 22 का कोड होगा. वहीं ‘सी' वाला अंक दूरसंचार सेवा प्रदाता का कोड दिखाएगा, जबकि 'एक्सएक्सएक्स' 000-999 के बीच के अंक होंगे.
     

दूरसंचार विभाग ने जारी की 160 की सीरीज

इसी तरह आरबीआई, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) और बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) से विनियमित होने वाली वित्तीय संस्थाओं के लिए 10 अंक की संख्या 1601एबीसीएक्सएक्सएक्स प्रारूप में जारी की जाएगी.  दूरसंचार सेवा प्रदाता 160 सीरीज वाला नंबर आवंटित करने से पहले हरेक इकाई का समुचित सत्यापन करेगा. इसके अलावा उसे इच्छुक इकाई से एक शपथ-पत्र लेना होगा कि वह इस शृंखला के तहत आवंटित नंबर का इस्तेमाल सेवा और लेनदेन की कॉल के लिए ही करेगी.

फिलहाल टेलीमार्केटिंग कंपनियां किसी को भी अपना प्रॉडक्ट बेटने के लिए धड़ल्ले से 10 डिजिट वाले मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर रही हैं. इससे लोगों को अनचाही कॉल्स से दो चार होना पड़ता है. अभी ये फर्क करना मुश्किल हो जाता है कि आखिर कॉल किया किसने है. जब कि नई व्यवस्था में टेलीमार्केटिंग की कॉल या मैसेज पहचानना आसान हो जाएगा. 

स्कैमर्स पर लगाम कसने की तैयारी

दूरसंचार विभाग के मुताबिक, इन दिनों मैसेज के जरिए धड़ल्ले से वित्तीय धोखाधड़ी की जा रही है. सरकार इससे सख्ती से निपट रही है. विभाग के मुताबिक पिछले 3 महीनों में 8 हेडर्स का इस्तेमाल करके 10 हजार से ज्यादा धोखाधड़ी वाले मैसेज भेजे जा चुके हैं. अगर इस तरह के मैसेज या कॉल्स आपको आती हैं तो इसकी शिकायत उपभोक्ता संचार साथी पोर्टल पर दर्ज कराई जा सकती है. नई व्यवस्था के बावजूद अगर 10 डिजिट वाले मोबाइल नंबरों से मैसेज भेजा जाता है तो इसकी शिकायत 1909 पर दर्ज कराई जा सकती है. 

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