
नई दिल्ली:
दिल्ली में डेंगू को लेकर अब मामला दिल्ली हाइकोर्ट में पहुंच गया है। हाइकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि डेंगू से निपटने के लिए नगर निगमों को फंड क्यों जारी नहीं किया गया। सरकार को इसका जवाब तीन दिनों में देना होगा, क्योंकि हाईकोर्ट 24 सितंबर को मामले की सुनवाई करेगा।
कांग्रेस नेता अजय माकन की याचिका
हाईकोर्ट ने कांग्रेसी नेता अजय माकन की याचिका पर केजरीवाल सरकार से जवाब मांगा है। माकन ने अपनी याचिका में कहा है कि केजरीवाल सरकार ने डेंगू कंट्रोल प्रोग्राम के तहत नगर निगमों को देने के लिए और जागरूकता फैलाने के लिए 81.40 करोड़ रुपये का फंड रखा है, लेकिन यह फंड खर्च ही नहीं किया। सरकार उस वक्त हरकत में आई जब डेंगू का प्रकोप फैल चुका था और कई मौतें हो चुकी थीं। सरकार को राजनीति छोड़कर यह फंड रिलीज करना चाहिए। एक महीने बाद डेंगू फैलना रुक जाएगा।
निगम में अस्थाई कर्मचारी नियुक्त हों
माकन ने कहा है कि अगर दिल्ली सरकार और नगर निगम पहले हरकत में आए होते तो हालात पर पहले ही काबू पाया जा सकता था। नगर निगम मच्छरों की रोकथाम के लिए कदम उठाने में नाकाम रही क्योंकि उसके पास स्टाफ की कमी है। हाइकोर्ट निगम को अस्थाई कर्मचारी नियुक्त करने के आदेश दे।
केंद्र सरकार केंद्रीय पूल से डॉक्टरों की नियुक्ति करे
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में कोई भी अस्पताल चाहे वह प्राइवेट हो या सरकारी, डेंगू के मरीज को किसी भी कारण भर्ती करने से इनकार नहीं करेगा। अगर कोई अस्पताल ऐसा करे तो कोर्ट उस पर भारी जुर्माना लगाए। कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश जारी करे कि वह केंद्रीय पूल से दिल्ली में और सरकारी डॉक्टरों की नियुक्ति करे। दिल्ली हाईकोर्ट अपनी निगरानी में एक कमेटी का गठन करे जो केंद्र, निगम और दिल्ली सरकार के कामकाज पर नजर रखे और हर तीन दिन में विभागों से रिपोर्ट तलब करे कि उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। डेंगू का प्रकोप सबसे ज्यादा झुग्गियों, अवैध कालोनियों और गांवों में है इसलिए इन इलाकों का ज्यादा ध्यान रखा जाए।
कांग्रेस नेता अजय माकन की याचिका
हाईकोर्ट ने कांग्रेसी नेता अजय माकन की याचिका पर केजरीवाल सरकार से जवाब मांगा है। माकन ने अपनी याचिका में कहा है कि केजरीवाल सरकार ने डेंगू कंट्रोल प्रोग्राम के तहत नगर निगमों को देने के लिए और जागरूकता फैलाने के लिए 81.40 करोड़ रुपये का फंड रखा है, लेकिन यह फंड खर्च ही नहीं किया। सरकार उस वक्त हरकत में आई जब डेंगू का प्रकोप फैल चुका था और कई मौतें हो चुकी थीं। सरकार को राजनीति छोड़कर यह फंड रिलीज करना चाहिए। एक महीने बाद डेंगू फैलना रुक जाएगा।
निगम में अस्थाई कर्मचारी नियुक्त हों
माकन ने कहा है कि अगर दिल्ली सरकार और नगर निगम पहले हरकत में आए होते तो हालात पर पहले ही काबू पाया जा सकता था। नगर निगम मच्छरों की रोकथाम के लिए कदम उठाने में नाकाम रही क्योंकि उसके पास स्टाफ की कमी है। हाइकोर्ट निगम को अस्थाई कर्मचारी नियुक्त करने के आदेश दे।
केंद्र सरकार केंद्रीय पूल से डॉक्टरों की नियुक्ति करे
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में कोई भी अस्पताल चाहे वह प्राइवेट हो या सरकारी, डेंगू के मरीज को किसी भी कारण भर्ती करने से इनकार नहीं करेगा। अगर कोई अस्पताल ऐसा करे तो कोर्ट उस पर भारी जुर्माना लगाए। कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश जारी करे कि वह केंद्रीय पूल से दिल्ली में और सरकारी डॉक्टरों की नियुक्ति करे। दिल्ली हाईकोर्ट अपनी निगरानी में एक कमेटी का गठन करे जो केंद्र, निगम और दिल्ली सरकार के कामकाज पर नजर रखे और हर तीन दिन में विभागों से रिपोर्ट तलब करे कि उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। डेंगू का प्रकोप सबसे ज्यादा झुग्गियों, अवैध कालोनियों और गांवों में है इसलिए इन इलाकों का ज्यादा ध्यान रखा जाए।
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