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This Article is From Jul 23, 2020

दिल्‍ली के ऐतिहासिक चांदनी चौक को मिला नया लुक, इन व्‍यवस्‍थाओं से लगेंगे 'चार चांद..'

क्षेत्र को नया लुक देने के लिए बिजली कर तार अंडरग्राउंड किये गए है और पानी की नई पाइप लाइन और गैस पाइपलाइन डाली गई है.

दिल्‍ली के ऐतिहासिक चांदनी चौक को मिला नया लुक, इन व्‍यवस्‍थाओं से लगेंगे 'चार चांद..'
सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा होने के बाद चांदनी चौक की खूबसूरती निखर आएगी
नई दिल्ली:

दिल्ली के ऐतिहासिक चांदनी चौक के पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण  (Chandni Chowk renovation work) का काम नवंबर के पहले हफ्ते तक पूरा हो सकता है. गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने चांदनी चौक में चल रही पुनर्विकास परियोजना का जायजा लिया और कहा 'चाँदनी चौक के मेन इलाक़े का पुनर्विकास किया जा रहा है.इसे खूबसूरत बनाया जा रहा है. ये एतिहासिक जगह है, पुरानी जगह है.. पुरानी महिमा को वापस लाया जा रहा है. सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक ये नॉन मोटराइज व्हीकल  एरिया रहेगा. टूरिस्ट भी आयेंगे. उम्मीद है कि नवंबर पहले हफ़्ते से शुरू हो जायेगा.. वैसे मई में शुरू होना था लेकिन कोरोना की वजह से देरी हुयी'

क्या है परियोजना
दरअसल दिसंबर 2018 में दिल्‍ली सरकार ने चांदनी चौक के पुनर्विकास  के काम का शिलान्यास किया था. इस योजना को शाहजहानाबाद रीडिवेलपमेंट प्रोजेक्‍ट का नाम दिया गया. इसके तहत लाल किले के सामने ठीक चांदनी चौक पर मौजूद जैन लाल मंदिर से लेकर और फतेहपुरी मस्जिद तक की 1300 मीटर की सड़क का पुनर्विकास और सुंदरीकरण होना था इस प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 66 करोड़ थी और इसका काम मार्च 2020 तक पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन पहले दिल्ली में प्रदूषण के चलते निर्माण कार्य पर रोक रही और उसके बाद कोरोना के चलते काम बंद हो गया. जिसके चलते अब इस प्रोजेक्ट की लागत करीब ₹90 करोड़ तक पहुंच गई है और मुख्यमंत्री नवंबर के पहले हफ्ते तक काम पूरा होने की उम्मीद जता रहे हैं.

पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण का मतलब
चांदनी चौक में जैन लाल मंदिर से लेकर फतेहपुरी मस्जिद तक के 13 सौ मीटर के हिस्से के पुनर्विकास और सौंदर्य करण का मतलब यह है कि यहां बिजली की तार अंडरग्राउंड कर दी गई हैं. पानी की नई पाइप लाइन डाली गई हैं साथ ही पाइप के जरिए गैस यहां पहुंच सके इसके लिए गैस पाइपलाइन भी बिछा दी गई. पानी की निकासी के लिए बेहतर सीवर सिस्टम किया गया है. दृश्य की बात करें तो जैन लाल मंदिर से लेकर फतेहपुरी मस्जिद तक अब पूरी सड़क सीमेंट कंक्रीट की होगी. फिलहाल सड़क का रंग भी लाल नजर आ रहा है. यही नहीं सड़क को डिवाइडर से अलग करने के लिए जो छोटे पिलर लगाए गए हैं वह लाल पत्थर के हैं और डिवाइडर पर आम लोगों के बैठने के लिए पत्थर का ही फर्नीचर लगाया गया है. यह सब लाल रंग का है इसलिए सीधे लाल किले से मेल खाता है. सबसे खास बात है की सड़क कितनी चौड़ी है उतने ही चौड़े अब फुटपाथ होंगे. करीब 5.5 मीटर की दोनो तरफ़ सड़क है तो तो वही एक तरफ़ 5.4 मीटर और एक तरफ़ 6 मीटर का फुटपाथ है. फुटपाथ पर लाल ग्रेनाइट पत्थर लगा हुआ है

मोटर व्हीकल की नो एंट्री
इस इलाके में ट्रैफिक जाम सबसे बड़ी समस्या थी इसलिए अब सुबह 9:00 बजे से लेकर रात के 9:00 बजे तक इस पूरी सड़क को नो मोटर व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. यानी कोई भी दो पहिया वाहन या फिर कार या फिर ट्रक या टेंपो सुबह 9 बजे से लेकर रात के 9 बजे तक यहां पर नहीं आ सकेगा. हालांकि लोगों की सुविधा के लिए रिक्शा चल सकती है.

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