प्रतीकात्मक तस्वीर
सैंन फ्रांसिस्को:
पिछले साल दिसंबर में दिल्ली में एक कैब ड्राइवर पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने अमेरिकी कोर्ट में ऐप आधारित कैब सर्विस उबर के खिलाफ दर्ज किया गया मामला अपनी मर्जी से वापस ले लिया है। मंगलवार को कोर्ट ने यह जानकारी दी। इस मामले के बाद महिला सुरक्षा को लेकर अच्छा खासा हो हल्ला हुआ था।
ड्राइवर पर चल रहा दिल्ली हाई कोर्ट में मामला...
यह महिला गुड़गांव गुड़गांव की फाइनैंस कंपनी में काम करती हैं। उन्होंने कैब ड्राइवर पर रेप करने और उन्हें मारने पीटने का आरोप लगाया था। ड्राइवर को शिकायत दर्ज होने के हफ्ते भर के भीतर पकड़ लिया गया था और आईपीसी की कई धाराएं उस पर लगाई गई थीं। इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट कर रहा है।
केस के दौरान उबर का तर्क था कि...
महिला ने जनवरी में अमेरिका में उबर पर इस तर्क के साथ केस दर्ज किया था कि कंपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के पैमाने पर फेल हुई। उबर के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर ट्रैविस कालानिक ने तब इस पूरी घटना को डरावना बताया था और न्याय दिलवाने का वचन दिया था। हालांकि केस के दौरान उबर का तर्क था कि महिला ने गलत व्यापारिक इकाई पर केस ठोका है, ड्राइवर का उबर वी वी नामक कंपनी के साथ कॉन्ट्रेक्ट था जोकि नीदरलैंड बेस्ड व्यापारिक इकाई है जिसका यूएस में ऑपरेशन्स से कोई लेना देना नहीं है।
केस कैसे सेटल हुआ, नहीं हुआ खुलासा...
इसका खुलासा नहीं किया गया है कि केस कैसे सेटल हुआ। उबर और महिला ने इस बाबत कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में, दोनों पक्षों ने केस को आपस में सुलझाने की बात मान ली थी। वैसे बता दें कि उबर के लिए भारत (जितने शहर यह कैब सर्विस कवर करती है, उस हिसाब से बात करें तो) अमेरिका के बाहर के देशों में सबसे बड़ा बाजार है।
ड्राइवर पर चल रहा दिल्ली हाई कोर्ट में मामला...
यह महिला गुड़गांव गुड़गांव की फाइनैंस कंपनी में काम करती हैं। उन्होंने कैब ड्राइवर पर रेप करने और उन्हें मारने पीटने का आरोप लगाया था। ड्राइवर को शिकायत दर्ज होने के हफ्ते भर के भीतर पकड़ लिया गया था और आईपीसी की कई धाराएं उस पर लगाई गई थीं। इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट कर रहा है।
केस के दौरान उबर का तर्क था कि...
महिला ने जनवरी में अमेरिका में उबर पर इस तर्क के साथ केस दर्ज किया था कि कंपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के पैमाने पर फेल हुई। उबर के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर ट्रैविस कालानिक ने तब इस पूरी घटना को डरावना बताया था और न्याय दिलवाने का वचन दिया था। हालांकि केस के दौरान उबर का तर्क था कि महिला ने गलत व्यापारिक इकाई पर केस ठोका है, ड्राइवर का उबर वी वी नामक कंपनी के साथ कॉन्ट्रेक्ट था जोकि नीदरलैंड बेस्ड व्यापारिक इकाई है जिसका यूएस में ऑपरेशन्स से कोई लेना देना नहीं है।
केस कैसे सेटल हुआ, नहीं हुआ खुलासा...
इसका खुलासा नहीं किया गया है कि केस कैसे सेटल हुआ। उबर और महिला ने इस बाबत कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में, दोनों पक्षों ने केस को आपस में सुलझाने की बात मान ली थी। वैसे बता दें कि उबर के लिए भारत (जितने शहर यह कैब सर्विस कवर करती है, उस हिसाब से बात करें तो) अमेरिका के बाहर के देशों में सबसे बड़ा बाजार है।
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