जगह की कमी से निपटने के लिए दिल्ली मेट्रो का मयूर विहार फेज़ वन इंटरचेंज स्टेशन पतली सड़क के बीचों-बीच खास तौर से डिजायन किए गए खंभों पर खड़ा होगा।
कैन्टलेवर तकनीक में सड़क के बीच में एक खंभे पर स्टेशन खड़ा होता है। मानक निर्माण प्रक्रिया के तहत सड़क के दोनों तरफ और खंभे होते हैं। डीएमआरसी ने सिर्फ 22 मीटर चौड़े खुदीराम बोस मार्ग पर बनने वाले स्टेशन के लिए कैन्टलेवर तकनीक के इस्तेमाल का फैसला किया है।
मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि जगह की कमी की वजह से कंट्रोल रूम और अन्य परिचालन संबंधी इकाइयां स्टेशन के बगल में एक पार्क में तीन मंजिला इमारत में होंगी।
नए स्टेशन और मौजूदा स्टेशन को 102 मीटर लंबे गलियारे से जोड़ा जाएगा। नए स्टेशन की ऊंचाई 22 मीटर है, जबकि मौजूदा स्टेशन की ऊंचाई 12 मीटर है।
अधिकारी ने कहा कि ऊंचाई में 10 मीटर के फर्क को ध्यान में रखते हुए हमें गलियारे के समुचित ढलान को कायम रखने के लिए एक अतिरिक्त फर्श जोड़ना पड़ा, ताकि मुसाफिर आसानी से आ जा सकें। स्टेशन के निर्माण का काम शुरू हो चुका है और पहला खंभा पूरा होने वाला है।
यह स्टेशन 58 किलोमीटर लंबे मुकुंदपुर-शिव विहार गलियारे का हिस्सा होगा, जो मेट्रो के तीसरे चरण की सबसे बड़ी लाइन है। इसमें 19 किलोमीटर का हिस्सा भूमिगत, जबकि 39 किलोमीटर का हिस्सा जमीन से ऊपर होगा। 12 स्टेशन भूमिगत और 26 जमीन से ऊपर होंगे।
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