55 साल के मोहम्मद इकबाल की शराब के नशे में दो लोगों ने पिटाई के मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इकबाल की शराब के नशे में दो लोगों ने पिटाई की थी, बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. पुलिस ने आरोपी धर्मेंद्र और जय प्रकाश को धारा 304 यानी गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस की इस मामले में शुरुआत से लापरवाही रही और जांच में लापरवाही के चलते एक सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया गया है.नार्थ वेस्ट दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके में दिल्ली पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है.
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दरअसल,मॉडल टाउन इलाके में एक लड़की ने 18 दिसम्बर को दिल्ली पुलिस को PCR कॉल पर सूचना दी कि उसके पिता को कुछ लोगों में ड्रिंक में कुछ मिलाकर पिला दिया है और उनकी हालत नाजुक है.पुलिस मौके पर पहुंचती है और पेशे से गार्ड इकबाल नाम के शख्स को अस्पताल ले जाती है और सिर्फ MLC करवा कर मामले से पल्ला झाड़ लेती है जबकि पीड़ित परिवार ने मारपीट का आरोप भी लगाया था.मोहम्मद इकबाल की हालत नाजुक होने के बावजूद दिल्ली पुलिस 18 दिन तक FIR दर्ज नहीं करती.
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अचानक इकबाल की बेटी ने दिल्ली पुलिस को फोन कर जानकारी दी कि उसके पिता की मौत हो गई है. जानकारी मिलते ही दिल्ली पुलिस के हाथ-पांव फूल जाते हैं और मामले में पहली FIR दर्ज होती है वो भी धारा 304 की. जांच में लापरवाही बरतने पर केस के आईओ (सब इंस्पेक्टर) को डीसीपी ने सस्पेंड कर दिया है. नार्थ वेस्ट की डीसीपी विजयन्ता आर्या ने बताया कि मोहम्मद इकबाल, धर्मेंद्र और जय प्रकाश के साथ शराब पी रहा था, इसी दौरान मारपीट हुई उसी में मोहम्मद इकबाल को आरोपियों ने मारा जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था..इकबाल थोड़े कमजोर भी थे इसलिए उनकी मौत हो गई. हमने 304 आईपीसी के तहत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.बड़ा सवाल ये है कि डीसीपी खुद कह रही हैं कि मोहम्मद इकबाल के साथ मारपीट हुई जिस से उनकी तबियत बिगड़ी तो फिर आरोपियों के खिलाफ सिर्फ 304 की धारा के तहत एफआईआर दर्ज क्यों कि गई जबकि मामला हत्या का बनता है...
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