दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने गुरुवार को मोबाइल ऐप ‘सुल्ली डील' के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 A के तहत केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल से मिली शिकायत के बाद ये कार्रवाई की. आरोप है कि इस एप पर धर्म विशेष की महिलाओं की फोटो का प्रयोग बिना उनकी जानकारी के किया जा रहा था. अब दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच करेगी कि आखिर इन सबके पीछे कौन है. महिलाओं के फोटो उनके सोशल मीडिया प्लेटफार्म से लिये गए. बुधवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा था. उन्होंने इसे गंभीर साइबर अपराध बताते हुए कहा था कि महिलाओं की तस्वीरें और उनकी निजी जानाकरी का इस्तेमाल कानून का उल्लंघन है.
‘सुल्ली डील' मोबाइल ऐप बीते रविवार को बनाया गया, जिस पर सोशल मीडिया से उठाई गई धर्म विशेष की महिलाओं की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया था. सुल्ली धर्म विशेष की महिलाओं के लिए अपमानजनक शब्द माना जाता है. इस मोबाइल ऐप पर करीब 80 से ज्यादा महिलाओं की तस्वीरें, उनके नाम और ट्विटर हैंडल की जानकारी दी गई, जिस पर टाइटल था ‘फाइंड योर सुल्ली'. इस पर क्लिक करने के साथ ही महिला की तस्वीर, नाम और हैंडल की जानकारी यूजर को दी जा रही थी.
ये मोबाइल ऐप होस्टिंग प्लेटफॉर्म गिटहब पर बनाया गया था, जो सोमवार को हटा दिया गया. सूत्रों के मुताबिक गिटहब ने मामले की जांच शुरू करते हुए कहा कि वो प्रताड़ना, भेदभाव और हिंसा के खिलाफ है. इस ऐप में जिन महिलाओं की तस्वीरें हैं वो भी नाराज़ हैं. इस ऐप के खिलाफ नोएडा और मुंबई पुलिस भी जांच कर रही है. अब जांच में ही साफ होगा कि ये मोबाइल ऐप बनाने वाला कौन है.
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