नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दो लोगों की गिरफ्तारी के साथ एक ‘कबूतरबाजी’ गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। अमेरिकी वीजा का लालच देकर ये हर यात्री से 10 लाख रुपये लेकर उन्हें फर्जी दस्तावेज देते थे।
आरोपी की पहचान रवि सिंह और यश राज आनंद के रूप में हुई है। अमेरिकी दूतावास की ओर से इस संबंध में शिकायत मिलने के बाद इन्हें नई दिल्ली जिले के अधिकारी ने गिरफ्तार किया।
रवि सिंह ने नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास में 19 मार्च को गैर प्रवासी वीजा के लिए आवेदन किया था। वीजा आवेदन की प्रक्रियाओं के तहत उसने अपना आवेदन जमा कराया, जहां उसने दावा किया कि वह ए-891 जी डी कॉलोनी मयूर विहार 3, नई दिल्ली स्थित ‘ट्रू मार्क टावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड’ के लिए काम करता है।
बहरहाल, दूतावास के अधिकारियों से इंटरव्यू के दौरान सिंह ने बताया कि वह ‘ट्रू मार्क टावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड’ के साथ काम नहीं करता। उसने यह भी खुलासा किया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास यश राज आनंद नाम के एक व्यक्ति ने कंपनी का लेटरहेड दिया था।
शिकायत के बाद मुख्य एजेंट आनंद और सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया जो नकली दस्तावेजों के आधार पर जरूरतमंद लोगों को अमेरिका भेजने का काम करते थे।
आरोपी की पहचान रवि सिंह और यश राज आनंद के रूप में हुई है। अमेरिकी दूतावास की ओर से इस संबंध में शिकायत मिलने के बाद इन्हें नई दिल्ली जिले के अधिकारी ने गिरफ्तार किया।
रवि सिंह ने नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास में 19 मार्च को गैर प्रवासी वीजा के लिए आवेदन किया था। वीजा आवेदन की प्रक्रियाओं के तहत उसने अपना आवेदन जमा कराया, जहां उसने दावा किया कि वह ए-891 जी डी कॉलोनी मयूर विहार 3, नई दिल्ली स्थित ‘ट्रू मार्क टावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड’ के लिए काम करता है।
बहरहाल, दूतावास के अधिकारियों से इंटरव्यू के दौरान सिंह ने बताया कि वह ‘ट्रू मार्क टावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड’ के साथ काम नहीं करता। उसने यह भी खुलासा किया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास यश राज आनंद नाम के एक व्यक्ति ने कंपनी का लेटरहेड दिया था।
शिकायत के बाद मुख्य एजेंट आनंद और सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया जो नकली दस्तावेजों के आधार पर जरूरतमंद लोगों को अमेरिका भेजने का काम करते थे।
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