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मुंबई में हुए 26/11 हमले की अहम कड़ी माने जा रहे अबू जिंदाल को गुरुवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पेशी हुई। इस पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस ने अबू जिंदाल की 15 दिनों की रिमांड की मांग की जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
जिंदाल की हिरासत को लेकर तीन भारतीय एजेंसियों के बीच आपस में ही ठनी हुई है।
एनआईए ने अबू जिंदाल के खिलाफ अलग से दो केस दर्ज किए हैं। वह चाहती है कि जिंदाल का रिमांड उसे मिले वहीं मुंबई पुलिस भी 26/11 हमले के केस में जिंदाल से पूछताछ करना चाहती है।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त में आया अबू जिंदाल रोज नए राज खोल रहा है। जिंदाल ने बताया कि 26/11 को हुए मुंबई हमले के लिए दस की बजाय बारह आतंकियों को भेजा जाना था लेकिन दो ट्रेनिंग में पास न होने की वजह से नहीं भेजे गए। अबू ने कबूल किया कि हमले से एक दिन पहले कराची में कैदाबाद के करीब मलीर में एक कंट्रोल रूम बनाया गया था जिसमें जिंदाल के अलावा छह लोग मौजूद थे।
कंट्रोल रूम में मौजूद आईएसआई के एजेंट लगातार अपने एक बड़े अधिकारी के संपर्क में थे और उसे मेजर जनरल पुकार रहे थे। उसी अफसर ने कंट्रोल रूम सेटअप कराने में मदद भी की थी।
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