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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहा गर्मी का सितम, जानें आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज?

दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान 39.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत तापमान से 2.3 डिग्री सेल्सियस अधिक है. आज अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 40 डिग्री सेल्सियस और 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहा गर्मी का सितम, जानें आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज?
नई दिल्ली:

दिल्ली-एनसीआर समेत लगभग पूरे उत्तर भारत में गर्मी का सितम दिखना शुरू हो चुका है. घरों के फैन फुल स्पीड पर फर्राटा भर रहे हैं, लोग अपने कूलर और एसी की सर्विस करा के उन्हें गर्मी का मार झेलने के लिए दुरुस्त कर रहे हैं. कहीं गर्मी से बुरा हाल है, तो कहीं मौसम अजीब सा रंग दिखा रहा है. आज देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम का मिजाज बदला-बदला सा नजर आएगा. उत्तर और पश्चिम भारत में भीषण गर्मी और लू ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है, जबकि पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्यों में बारिश और आंधी की संभावना बनी हुई है.

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दिल्ली-एनसीआर में मौसम का क्या हाल

दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह की शुरुआत भी हल्की ठंडी हवाओं के साथ हुई. लेकिन दोपहर में सूरज की तपिश बढ़ने के साथ ये ठंडी हवा गर्म हवाओं में तब्दील हो जाएगी. दिल्ली एनसीआर में आज मौसम गर्म रहेगा. आईएमडी के अनुसार, आज के दिन अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. हालांकि आसमान साफ ही रहेगा, और हवा की गति 10-15 किमी प्रति घंटा रहेगी.

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दिल्ली में बीते 24 घंटों में अधिकतम तापमान 39.1 °C और न्यूनतम तापमान 23.4 °C दर्ज किया गया. मौसम विभाग के अनुसार, अगले सात दिनों का पूर्वानुमान इस प्रकार है:

  • 17 अप्रैल: न्यूनतम 25 डिग्री, अधिकतम 40 डिग्री, आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे.
  • 18 अप्रैल: न्यूनतम 24 डिग्री, अधिकतम 40 डिग्री, दिन में तेज सतही हवाएं चलेंगी.
  • 19 अप्रैल: न्यूनतम 25 डिग्री, अधिकतम 40 डिग्री, दिन में तेज सतही हवाएं चलेंगी.
  • 20 अप्रैल: न्यूनतम 25 डिग्री, अधिकतम 40 डिग्री, दिन में तेज सतही हवाएं चलेंगी.
  • 21 अप्रैल: न्यूनतम 25 डिग्री, अधिकतम 40 डिग्री, मुख्य रूप से आसमान साफ रहेगा.
  • 22 अप्रैल: न्यूनतम 25 डिग्री, अधिकतम 40 डिग्री, मुख्य रूप से आसमान साफ रहेगा.

उत्तर प्रदेश में गर्मी की तपिश

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित अधिकांश हिस्सों में आज मौसम साफ जरूर रहेगा लेकिन गर्मी का सितम भी दिखेगा. इस दौरान अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. साथ ही हवाएं 10-15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी. पूर्वी उत्तर प्रदेश में हल्की नमी के कारण उमस बढ़ सकती है. फिलहाल आईएमडी ने बारिश की कोई संभावना नहीं जताई है.

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राजस्थान में भीषण गर्मी, जैसलमेर में पारा 46 तक पहुंचा
 

पूर्वी राजस्थान में लू की चेतावनी जारी की गई है, जबकि पश्चिमी राजस्थान में छिटपुट धूल भरी आंधी की गुंजाइश बनी हुई है. अधिकतम तापमान 42 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. राजस्थान में भीषण गर्मी का दौर जारी और बुधवार को जैसलमेर में 46 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. दिन के समय जैसलमेर सबसे गर्म स्थान रहा. जैसलमेर के बाद फलौदी में अधिकतम तापमान 44.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. विभाग ने बताया कि बाड़मेर, गंगानगर, जोधपुर, चित्तौड़गढ़, चूरू और जालौर में क्रमश: 44.5 डिग्री, 44.3 डिग्री, 43.2 डिग्री, 43.0 डिग्री, 42.6 डिग्री और 42.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. विभाग के अनुसार, राज्य में अन्य स्थानों पर दिन का तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा. विभाग ने बताया कि राज्य में गर्मी का दौर अभी जारी रहने का अनुमान है.

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इस बार मानसून में जमकर बरसेंगे बदरा

IMD के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून मौसम में भारत में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है, जिससे फसलों की अच्छी पैदावार की उम्मीद बढ़ गई है. आईएमडी ने कहा कि मानसून के दीर्घकालिक पूर्वानुमान के अनुसार, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर क्षेत्र के बड़े हिस्से में सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है, जबकि मराठवाड़ा और उससे सटे तेलंगाना के कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है.

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पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव एम रविचंद्रन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत में चार महीने (जून से सितंबर) के मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है तथा कुल वर्षा दीर्घावधि औसत 87 सेमी का 105 प्रतिशत (पांच प्रतिशत की मॉडल त्रुटि के साथ) रहने का अनुमान है.'' दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून से 30 सितंबर तक सक्रिय रहता है.

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आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘‘मानसून के दौरान सामान्य वर्षा की 30 प्रतिशत संभावना, सामान्य से अधिक वर्षा की 33 प्रतिशत संभावना तथा अत्यधिक वर्षा की 26 प्रतिशत संभावना है.'' आईएमडी के अनुसार, 50 वर्ष के औसत 87 सेंटीमीटर के 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को ‘सामान्य' माना जाता है. दीर्घावधि औसत के 90 प्रतिशत से कम वर्षा को ‘कम' माना जाता है, 90 प्रतिशत से 95 प्रतिशत के बीच को ‘सामान्य से कम', 105 प्रतिशत से 110 प्रतिशत के बीच को ‘सामान्य से अधिक' तथा 110 प्रतिशत से ज्यादा को ‘अधिक' वर्षा माना जाता है.

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अप्रैल से जून के बीच दिखेगा गर्मी का कहर

मानसून के दौरान जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, तमिलनाडु, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है. मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बड़े हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है. ये देश के मुख्य मानसून क्षेत्र हैं जहां कृषि मुख्यतः वर्षा आधारित होती है. देश के कई हिस्से पहले से ही भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं और अप्रैल से जून की अवधि में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ने का अनुमान है. इससे बिजली ग्रिड पर दबाव पड़ सकता है और पानी की कमी हो सकती है.

मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, जो लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है.

कुल खेती योग्य क्षेत्र का 52 फीसदी हिस्सा वर्षा आधारित प्रणाली पर निर्भर है. यह देशभर में बिजली उत्पादन के अलावा पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को फिर से भरने के लिए भी अहम है। इसलिए, मानसून के मौसम में सामान्य वर्षा का पूर्वानुमान देश के लिए एक बड़ी राहत है. हालांकि, सामान्य वर्षा का यह मतलब नहीं है कि पूरे देश में हर जगह एक समान बारिश होगी. जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा आधारित प्रणाली की परिवर्तनशीलता और अधिक बढ़ जाती है.

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