दिल्ली- NCR में प्रदूषण मामले के चलते निर्माण कार्यों पर रोक के खिलाफ बिल्डर्स फोरम ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है, इसमें छोटी और आवासीय निर्माण गतिविधियों को प्रतिबंध से छूट देने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जल्द सुनवाई से इनकार करते हुए कहा है कि शुक्रवार को सुनवाई करेंगे. बिल्डरों की ओर से पेश विकास सिंह ने कहा कि रोजाना हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है, इसलिए मामले में आज ही आदेश जारी किया जाए. इसस पर CJI एनवी रमना ने कहा कि आपको सरकार के पास जाना चाहिए. हम फिलहाल सुनवाई नहीं कर सकते. हम10 दिसंबर को मुख्य मामले के साथ सुनवाई करेंगे.
दरअसल दिल्ली NCR के 60 से अधिक बिल्डरों के फोरम ने सुप्रीम कोर्ट से ये मांग की है. अर्जी में कहा गया है कि प्रदूषण में सेंट्रल विस्टा, बहुमंजिला इमारतों, मेट्रो निर्माण, फ्लाई-ओवर, अंडरपास आदि जैसी बड़ी व्यावसायिक परियोजनाएं ज्यादा योगदान दे रही हैं. आवासीय घरों, अपार्टमेंट, छोटी इकाइयों और ऐसी अन्य गैर-व्यावसायिक निर्माण गतिविधियों के निर्माण पर निर्माण प्रतिबंध लागू नहीं होना चाहिए.आवासीय और अन्य इकाइयों के छोटे निर्माण से बड़े पैमाने पर प्रदूषण नहीं होता है. NCRमें निर्माण गतिविधियां पूरे प्रदूषण में केवल 6.7-7.9% का योगदान करती हैं.कोविड -19 महामारी ने पहले ही रियल एस्टेट कारोबार को बुरी तरह प्रभावित किया है. सामान्य प्रतिबंध ने बड़ी संख्या में निर्माण श्रमिकों, सुपरवाइजरों और अन्य प्रबंधकीय कर्मचारियों की आजीविका को सीधे प्रभावित किया है, जिन्हें दैनिक या मासिक आधार पर ऐसी साइटों पर रखा जाता है.
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