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This Article is From Nov 10, 2023

दिल्ली-एनसीआर को खतरनाक प्रदूषण से राहत, हल्की बारिश का सिलसिला शुरू

मौसम विभाग के क्षेत्रीय केंद्र ने कुछ घंटे पहले ही कहा था कि, दिल्ली एनसीआर और आसपास के इलाके में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश जल्द होगी

दिल्ली-एनसीआर को खतरनाक प्रदूषण से राहत, हल्की बारिश का सिलसिला शुरू
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

Delhi-NCR Rain: दिल्ली-एनसीआर में देर रात में अचानक हल्की बारिश का सिलसिला शुरू हो गया. यह बारिश भारी वायु प्रदूषण (Air Pollution) से राहत देने वाली है. दिल्ली के मौसम विभाग के क्षेत्रीय केंद्र ने कुछ घंटे पहले ही दिल्ली एनसीआर और आसपास के इलाके में बारिश होने की संभावना जताई थी. मौसम विभाग ने दक्षिण-पश्चिम दिल्ली और एनसीआर (गुरुग्राम), रोहतक (हरियाणा) के अलग-अलग स्थानों और आसपास के इलाकों में गरज के साथ हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश होने की बात कही थी. 

मौसम विभाग ने कहा था कि दक्षिण-पश्चिम दिल्ली और एनसीआर (गुरुग्राम), रोहतक (हरियाणा) के अलग-अलग स्थानों और आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम तीव्रता के साथ गरज के साथ बारिश होगी.मौसम केंद्र ने कहा है कि दिल्ली और आसपास के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश होगी. 

मौसम विभाग ने कहा था कि दिल्ली के तुगलकाबाद, इग्नू, डेरामंडी, एनसीआर के गाजियाबाद, इंदिरापुरम, छपरौला, नोएडा, दादरी, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद के अलग-अलग स्थानों और आसपास के इलाकों में गरज के साथ हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश होगी. अगले कुछ घंटों के दौरान रेवाडी, बावल (हरियाणा) भिवाड़ी (राजस्थान) में बारिश होगी.

विभाग ने दिल्ली के बवाना, कंझावला, मुंडका, जाफरपुर, नजफगढ़, एनसीआर के बहादुरगढ़, गुरुग्राम, मानेसर के कुछ स्थानों और आसपास के इलाकों के अलावा रोहतक, खरखौदा, मट्टनहेल, झज्जर, फरुखनगर, कोसली में हल्की तीव्रता वाली बारिश या बूंदाबांदी होने की बात कही थी.

दिल्ली-एनसीआर के अलावा गोहाना, गन्नौर, महम, सोनीपत, खरखौदा, चरखी दादरी, सोहना, रेवाड़ी, बावल, बड़ौत, बागपत, खेकड़ा (यूपी) में अगले दो घंटे में बारिश की संभावना जताई गई थी.

विभाग ने कहा था कि अगले दो घंटों के दौरान मोदीनगर, किठौर, गढ़मुक्तेश्वर, पिलखुवा, हापुर , एनसीआर के लोनी देहात, हिंडन एएफ स्टेशन, गन्नौर, महम, महेंद्रगढ़, नारनौल (हरियाणा) सकौती टांडा , दौराला, मेरठ और खेकड़ा में बारिश होने की संभावना है.उसने कहा था कि यूपी के हस्तिनापुर, चांदपुर, हापुड, गुलौटी, सियाना, सिकंदराबाद और बुलन्दशहर में भी बारिश हो सकती है.

दिल्ली सरकार 20 नवंबर तक कृत्रिम बारिश कराने के पक्ष में

दिल्ली सरकार ने खतरनाक वायु प्रदूषण से निपटने के लिए शहर में कृत्रिम बारिश की प्रक्रिया पर आने वाले पूरे खर्च को वहन करने का फैसला किया है. मुख्य सचिव को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सरकार के इस विचार को पेश करने का निर्देश दिया गया है. अधिकारियों के अनुसार अगर केंद्र फैसले का समर्थन करता है, तो दिल्ली सरकार 20 नवंबर तक शहर में पहली कृत्रिम बारिश की व्यवस्था कर सकती है.

दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश पर आने वाली लागत वहन करने का फैसला किया है. अगर केंद्र, दिल्ली सरकार को अपना समर्थन देता है, तो 20 नवंबर तक कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है.'' उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य सचिव को उच्चतम न्यायालय को सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि दिल्ली सरकार सैद्धांतिक रूप से आईआईटी-कानपुर टीम की सलाह के आधार पर पहले और दूसरे चरण की प्रायोगिक पहल की लागत (कुल 13 करोड़ रुपये) वहन करने के लिए सहमत हो गई है.''

अधिकारियों ने कहा कि आईआईटी-कानपुर टीम से मिली जानकारी के अनुसार, कृत्रिम बारिश कराने के लिए केंद्र सरकार के 10 मंत्रालयों और एजेंसियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी.

पहले चरण में 300 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा कवर किया जाएगा

उन्होंने कहा कि टीम ने सिफारिश की है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की आपात स्थिति को देखते हुए, पहले चरण में 300 वर्ग किलोमीटर के हिस्से को कवर करने वाली पहली कृत्रिम बारिश तत्काल की जा सकती है.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा था कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए इस महीने ‘क्लाउड सीडिंग' के जरिए कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है. राय ने आईआईटी-कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ एक बैठक की, जिन्होंने बताया कि ‘क्लाउड सीडिंग' की कोशिश तभी की जा सकती है जब वातावरण में नमी या बादल हों.

मंत्री ने पत्रकारों से कहा था, “विशेषज्ञों का अनुमान है कि 20-21 नवंबर के आसपास ऐसे हालात बन सकते हैं. हमने वैज्ञानिकों से बृहस्पतिवार तक एक प्रस्ताव तैयार करने को कहा है, जिसे उच्चतम न्यायालय को सौंपा जाएगा.” राय ने इस बात पर जोर दिया कि इस प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए केंद्र और राज्य सरकारों दोनों से मंजूरी प्राप्त करना समय के हिसाब से संवेदनशील मामला है.

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