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1 जुलाई से मैजेंटा लाइन होगी ड्राइवरलेस, जानें बिना ड्राइवर कैसे चलती है दिल्ली मेट्रो

दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) की मैजेंटा लाइन पूरी तरह से जीओए की फोर्थ टेक्नोलॉजी के आधार पर ऑटोमेटेड तरीके से चलेगी. इसके लिए पिछले काफी समय से मैजेंटा लाइन पर ट्रायल भी चल रहा है. DMRC के मुताबिक, अब तक 15-16 ट्रेनों में ड्राइवर केबिनों को हटा दिया गया है.

1 जुलाई से मैजेंटा लाइन होगी ड्राइवरलेस, जानें बिना ड्राइवर कैसे चलती है दिल्ली मेट्रो
दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन होगी पूरी तरह से ड्राइवरलेस.
नई दिल्ली:

दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर मेट्रो 1 जुलाई से बिना ड्राइवर के चलेगी. यह पूरी लाइन ड्राइवरलेस (Delhi Metro Magenta Line Driverless)  होने जा रही है. जून के आखिर तक मेट्रो पूरी तरह से ऑटोमेटेड हो जाएंगी. मैजेंटा लाइन की मेट्रो ट्रेनों से अब ड्राइवरों के केबिन भी हटाए जा रहे हैं, जिससे उस जगह का इस्तेमाल यात्रियों के बैठने के लिए किया जा सके. फिलहाल ड्राइवरलेस मेट्रो में ट्रेन अटेंडेंट की व्यवस्था होती है. अब इनको हटाकर मेट्रो को पूरी तरह से मानव रहित (Automated Metro) कर दिया जाएगा. मैजेंटा लाइन के बाद पिंक लाइन को भी ड्राइवरलेस बनाया जाएगा. अगर दिल्ली मेट्रो के ऑटोमेटेड नेटवर्क की बात करें तो वर्तमान में यह करीब  97 किमी लंबा है और मैजेंटा और पिंक लाइनों पर यह उपलब्ध है. अब सभी के मन में ये सवाल भी जरूर होगा कि आखिर बिना ड्राइवर के ट्रेन चलती कैसे है, ये जानकारी भी आपको खबर में नीचे मिलेगी. 

बिना ड्राइवर के कैसे चलती है मेट्रो?

चालक रहित ट्रेन ऑपरेशन (DTO) मोड के जरिए मेट्रो ट्रेन बिना ड्राइवर के चलती है. इस दौरान मेट्रो को DMRC के कमांड सेंटरों से कंट्रोल किया जाता है. इनमें कोई भी इंसानी हस्तक्षेप नहीं होता है. संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (CBTC) सिग्नलिंग टेक्नोलॉजी से ट्रेनें चलाई जाती हैं. इस दौरान ट्रेनों के उपकरणों की निगरानी रियल टाइम में की जाती है. वैसे ड्राइवरलेस ट्रेन तकनीक का एक पैरामीटर होता है. जो  ग्रेड्स ऑफ़ ऑटोमेशन (GOA) कहलाता है. 

  • जीओए की फर्स्ट टेक्नोलॉजी में ट्रेन ड्राइवर चलाता है. 
  • जीओए की सेकेंड और थर्ड टेक्नोलॉजी में ड्राइवर सिर्फ गेट खोलने और इमरजेंसी हालात में ही ट्रेन चालता है. जबकि ट्रेन रुकती ऑटोमैटिक तरीके से ही है. 
  • जीओए की फोर्थ टेक्नोलॉजी में ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमेटेड होती है. 

मैजेंटा लाइन पर हटाए जा रहे ड्राइवरों के केबिन

बता दें कि इस तरह की टेक्नोलॉजी DMRC के पास साल 2017 से मौजूद है. अब दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पूरी तरह से जीओए की फोर्थ टेक्नोलॉजी के आधार चलेगी. इसके लिए पिछले काफी समय से मैजेंटा लाइन पर ट्रायल भी चल रहा है. DMRC के हवाले से टीओआई में छपी खबर के मुताबिक, अब तक 15-16 ट्रेनों में ड्राइवर केबिनों को हटा दिया गया है. इससे यात्रियों को बैठने के लिए ज्यादा जगह मिल रही है. चरणबद्ध तरीके से ट्रेन अटेंडेंट्स को हटाया जाएगा. अब तीन-चार ट्रेनों के बीच एक अटेंडेंट को रखा जा सकता है.

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अब बिना ड्राइवर के चलेगी मेट्रो ट्रेन

मैजेंटा लाइन पर अगर दिल्ली में पहली ड्राइवरलेस ट्रेन की बात करें तो यह साल 2020 में जनकपुरी पश्चिम से बॉटनिकल गार्डन के बीच शुरू हुई थी. नवंबर  2021 में पिंक लाइन (मजलिस पार्क से शिव विहार) पर भी शुरू कर दिया गया था. जब ड्राइवरलेस ट्रेन जब शुरू की गईं थीं, तो उस दौरान ट्रेन ऑपरेटर मौजूद रहता था. इनका काम कॉन्फिडेंस बढ़ाना और असिस्ट करना होता था. अब मैजेंटा लाइन पूरी तरह से ड्राइवरलैस होने जा रही है. इस दौरान ट्रैक की मॉनिटरिंग की जाएगी, इसके लिए ट्रैक पर कैमरे लगाए गए हैं. क्यों कि ड्राइवर नहीं दिखाई देंगे तो इसलिए ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर के लिए अलार्म की व्यवस्था की गई है. 
 

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