दिल्ली हाईकोर्ट ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 2016 में हुए आतंकवादी हमलों पर आधारित हंसल मेहता की फिल्म 'फराज' की रिलीज पर अंतरिम रोक लगाने संबंधी याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. होली आर्टिसन कैफे पर हमले की शिकार दो लड़कियों की माताओं की याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने फिल्म की रिलीज पर रोक का पूर्व का आदेश भी वापस ले लिया.
दो माताओं ने निदेशक हंसल मेहता एवं अन्य के खिलाफ अर्जी दायर की थी और इस आधार पर फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग की थी कि फिल्म के जरिये उनकी बेटियों को 'खराब परिप्रेक्ष्य' में दर्शाया जाएगा और इसके कारण न केवल उनकी मानसिक पीड़ा फिर से सामने आएगी, बल्कि मृतकों की निजता के अधिकारों का उल्लंघन भी होगा.
अपने 33 पन्नों के आदेश में, अदालत ने कहा कि मृतका की निजता का अधिकार उनकी माताओं को विरासत में नहीं मिल सकता है. एक जुलाई 2016 की शाम को पांच बंदूकधारियों ने ढाका में होली आर्टिसन कैफे पर धावा बोल दिया था, जिसमें 22 लोग मारे गए थे. मृतकों में ज्यादातर विदेशी थे.
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