अरविंद केजरीवाल मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने CBI को नोटिस जारी कर मांगा जवाब. दरअसल, आबकारी नीति घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. बता दें कि सीबीआई ने 26 जून को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था और अदालत ने उन्हें 3 दिन की सीबीआई रिमांड में भेज दिया था. इसके बाद रिमांड खत्म होने पर अदालत ने केजरीवाल को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
क्या है पूरा मामला
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने CBI द्वारा अपनी गिरफ्तारी को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई और अदालत ने इस मामले में सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए 7 दोनों का समय दिया है जबकि सीबीआई के जवाब दाखिल करने के बाद 2 दिन का समय अरविंद केजरीवाल को दिया गया है. ताकि सीबीआई के जवाब पर वह अपना जवाब दाखिल कर दें और इसके बाद इस मामले की सुनवाई 17 जुलाई को होगी.
अभिषेक मनु सिंघवी ने दी ये दलील
अरविंद केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए. सिंघवी ने दलील रखते हुए कहा कि इस मामले में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि अरविंद केजरीवाल पहले से ही गिरफ्तार हैं और तिहाड़ जेल में बंद है. सिंघवी ने कहा कि इस मामले में अगस्त 2022 में FIR दर्ज हुई थी जबकि पिछले साल ही सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था और अरविंद केजरीवाल ने पूरा सहयोग किया था. अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल के अरेस्ट मेमो पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह भी कानून सम्मत नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए 10 में से लेकर 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी थी. फिलहाल अरविंद केजरीवाल 2 जून से लगातार तिहाड़ जेल में बंद हैं. तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान 26 जून को सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को अपनी हिरासत में लिया और दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट में पेश करने के बाद गिरफ्तार कर लिया.
अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट द्वारा दी गई तीन दिन की सीबीआई रिमांड को भी चुनौती दी है और अदालत में याचिका लगाई है कि उनको इस मामले में तुरंत रिहा किया जाए.
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