राहुल गांधी और सोनिया गांधी (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
दिल्ली हाईकोर्ट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी को राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने आयकर विभाग के वित्तीय 2011- 2012 के टैक्स के दोबारा मूल्यांकन करने के नोटिस के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता आयकर विभाग के सामने कार्रवाई के वक्त अपनी शिकायत रख सकते हैं.
मार्च में जारी नोटिस को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ऑस्कर फर्नांडीस ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. आयकर विभाग के मुताबिक राहुल गांधी ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक होने का खुलासा नहीं किया था. 16 अगस्त को आयकर विभाग के टैक्स के पुनर्मूल्यांकन के नोटिस के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ऑस्कर फर्नांडीस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान सोनिया गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम ने कहा था कि यंग इंडियन कंपनी एक चैरिटेबल संगठन है. यंग इंडियन कंपनी ने शेयर धारकों को अभी तक एक रुपया भी नहीं दिया है. उन्होंने कहा था कि आयकर विभाग ने आयकर की गणना गलत तरीके से की है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और ऑस्कर फर्नांडीस के साथ भेदभाव किया जा रहा है. सुनवाई के दौरान आयकर विभाग की ओर से एएसजी तुषार मेहता ने कहा था कि वे कोर्ट के सामने मूल दस्तावेज पेश करने के लिए तैयार हैं.
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आठ अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस मामले में कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया था. जब राहुल गांधी ने कहा था कि जब कोई आय ही नहीं हुई तो फिर उस पर कर कैसा? इसलिए आयकर विभाग कोई कार्रवाई नहीं करे. तब कोर्ट ने कहा था कि हम न तो आयकर विभाग को नोटिस जारी कर सकते हैं और न ही आपको सुरक्षा दे सकते हैं.
सुनवाई के दौरान आयकर विभाग की ओर से एएसजी तुषार मेहता ने कहा था कि जब आयकर विभाग ने राहुल गांधी से पूछा कि क्या वे इन कंपनियों के डायरेक्टर हैं तो राहुल गांधी ने जवाब दिया कि नहीं. इसलिए इन कंपनियों की जांच की जरूरत है, क्योंकि इसमें कर चोरी की आशंका है. सुनवाई के दौरान जब राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट से मांग की थी कि इस मामले की रिपोर्टिंग मीडिया में न की जाए तो कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.
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हाईकोर्ट ने 19 मार्च को आदेश दिया था कि कंपनी दो किश्तों में 15 अप्रैल तक दस करोड़ रुपये आयकर विभाग को जमा करे. कोर्ट ने 5 करोड़ रुपये की पहली किश्त 31 मार्च के पहले और 5 करोड़ रुपये की दूसरी किश्त 15 अप्रैल के पहले जमा करने का आदेश दिया था, लेकिन यह रकम जमा नहीं की गई. हाईकोर्ट ने कहा था कि यंग इंडियन कंपनी द्वारा 10 करोड़ रुपये जमा करने के बाद आयकर विभाग 249.15 करोड़ रुपये जमा करने के लिए दबाव नहीं डालेगा.
VIDEO : राहुल और सोनिया को झटका
यंग इंडियन की स्थापना नवंबर 2010 में हुई थी. इस कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के सभी शेयरों को खरीद लिया था. एजेएल ही नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिक है.
मार्च में जारी नोटिस को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ऑस्कर फर्नांडीस ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. आयकर विभाग के मुताबिक राहुल गांधी ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक होने का खुलासा नहीं किया था. 16 अगस्त को आयकर विभाग के टैक्स के पुनर्मूल्यांकन के नोटिस के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ऑस्कर फर्नांडीस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान सोनिया गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम ने कहा था कि यंग इंडियन कंपनी एक चैरिटेबल संगठन है. यंग इंडियन कंपनी ने शेयर धारकों को अभी तक एक रुपया भी नहीं दिया है. उन्होंने कहा था कि आयकर विभाग ने आयकर की गणना गलत तरीके से की है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और ऑस्कर फर्नांडीस के साथ भेदभाव किया जा रहा है. सुनवाई के दौरान आयकर विभाग की ओर से एएसजी तुषार मेहता ने कहा था कि वे कोर्ट के सामने मूल दस्तावेज पेश करने के लिए तैयार हैं.
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आठ अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस मामले में कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया था. जब राहुल गांधी ने कहा था कि जब कोई आय ही नहीं हुई तो फिर उस पर कर कैसा? इसलिए आयकर विभाग कोई कार्रवाई नहीं करे. तब कोर्ट ने कहा था कि हम न तो आयकर विभाग को नोटिस जारी कर सकते हैं और न ही आपको सुरक्षा दे सकते हैं.
सुनवाई के दौरान आयकर विभाग की ओर से एएसजी तुषार मेहता ने कहा था कि जब आयकर विभाग ने राहुल गांधी से पूछा कि क्या वे इन कंपनियों के डायरेक्टर हैं तो राहुल गांधी ने जवाब दिया कि नहीं. इसलिए इन कंपनियों की जांच की जरूरत है, क्योंकि इसमें कर चोरी की आशंका है. सुनवाई के दौरान जब राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट से मांग की थी कि इस मामले की रिपोर्टिंग मीडिया में न की जाए तो कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.
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हाईकोर्ट ने 19 मार्च को आदेश दिया था कि कंपनी दो किश्तों में 15 अप्रैल तक दस करोड़ रुपये आयकर विभाग को जमा करे. कोर्ट ने 5 करोड़ रुपये की पहली किश्त 31 मार्च के पहले और 5 करोड़ रुपये की दूसरी किश्त 15 अप्रैल के पहले जमा करने का आदेश दिया था, लेकिन यह रकम जमा नहीं की गई. हाईकोर्ट ने कहा था कि यंग इंडियन कंपनी द्वारा 10 करोड़ रुपये जमा करने के बाद आयकर विभाग 249.15 करोड़ रुपये जमा करने के लिए दबाव नहीं डालेगा.
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यंग इंडियन की स्थापना नवंबर 2010 में हुई थी. इस कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के सभी शेयरों को खरीद लिया था. एजेएल ही नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिक है.
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