दिल्ली के मुख्य सचिव से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल सरकार की तरफ से पहली बार औपचारिक तौर पर कोई बयान सामने आया है. केजरीवाल सरकार में विजिलेंस मंत्री आतिशी ने इस पूरे मामले को लेकर कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार किसी भी भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस रखती है. इसलिए जैसे ही यह मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने आया तो उन्होंने तुरंत इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं.इस मामले को लेकर एक रिपोर्ट भी पेश की गई है. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि दिल्ली सरकार ने अब इस रिपोर्ट को सीबीआई और ईडी को भेज दिया है. आपको बता दें कि सीएम केजरीवाल ने अपनी मंत्री आतिशी को पहले ही इस रिपोर्ट को सीबीआई और ईडी को भेजने के आदेश दिए थे.
इस रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आतिशी ने आगे कहा कि इस मामले में फिलहाल शुरुआती जांच रिपोर्ट दाखिल की गई है. इसके आधार पर एक्शन लिया जाएगा. और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि बामनौली में जो जमीन अधिग्रहण हुआ है उसमें 850 करोड रुपए से ज़्यादा का मुआवज़ा बढ़ाने का मामला निकलकर सामने आया है.
क्या है आरोप ?
इस मामले के चर्चा में आने के बाद अब ये जानना बेहद जरूरी है कि मुख्य सचिव नरेश कुमार पर आखिर आरोप क्या हैं? सूत्रों के अनुसार मुख्य सचिव नरेश कुमार पर भूमि के मूल्यांकन में 22 गुना मूल्य बढ़ाने का आरोप लगा है, जिससे उनके बेटे करण चौहान से जुड़ी कंपनी को लाभ हो. उसी कंपनी द्वारा 2015 में भूमि का 7% सर्किल दर से अधिग्रहण करने के संबंधित मामले को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी को भेजा गया है.
CM केजरीवाल ने LG को भेजी रिपोर्ट
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्य सचिव से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कुछ दिन पहले ही विजिलेंस मंत्री आतिशी की रिपोर्ट को LG को भेजा है. मुख्यमंत्री ने चीफ सेक्रेटरी को तुरंत पद से हटाने और सस्पेंड करने की सिफ़ारिश की है. CM केजरीवाल ने आतिशी को ये रिपोर्ट CBI और ED को भेजने के आदेश दिए हैं. बता दें कि इससे पहले दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में विजिलेंस मंत्री आतिशी की रिपोर्ट में उन्हें पद से हटाने की सिफारिश की गई थी. 670 पन्नों की रिपोर्ट में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार को तुरंत उनके पदों से हटाने की सिफ़ारिश की. ताकि वो जांच को प्रभावित नहीं कर सकें और मामले से जुड़ी सभी फाइलों को तुरंत जब्त किया जाए.
CBI और ED को भी भेजी गई है रिपोर्ट
विजिलेंस मंत्री आतिशी की रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि मुख्य सचिव और डिविजनल कमिश्नर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए. साथ ही इस रिपोर्ट को सीबीआई को भेजा जाए, ताकि वो मामले की जांच कर सके. ED को भी मामले की जांच के लिए कहा जाए. जांच लंबित रहने तक नरेश कुमार और अश्विनी कुमार को सर्विस रूल के तहत निलंबित किया जाए.सूत्रों के अनुसार अब इस रिपोर्ट को सीबीआई और ईडी को भेज दिया गया है.
रिपोर्ट में इन बातों को किया गया है जिक्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य सचिव और जमीन मालिकों के ऐसे संबंध हैं, जिनको खारिज नहीं किया जा सकता. मुख्य सचिव का बेटा करण चौहान अनंत राज ग्रुप के सरीन के व्यवसाय से जुड़ा है. जो जमीन मालिकों का दामाद है. कहा गया कि यहां तक भी लगता है कि मुख्य सचिव के बेटे करण चौहान के अपने व्यवसाय को भी सरीन ने सपोर्ट और प्रमोट किया. इन लिंक की ओर जांच जरूरी है. रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि पहली नजर में मुख्य सचिव की तत्कालीन डीएम हेमंत कुमार और जमीन मालिकों के साथ मिलीभगत दिखती है. लेकिन विजिलेंस इन्क्वायरी केवल तत्कालीन डीएम हेमंत कुमार के खिलाफ हुई, जिनका पहले ट्रांसफर और फिर उन्हें निलंबित किया गया.
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