नई दिल्ली:
दिसंबर 2012 में राजधानी में एक चलती बस में मेडिकल छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के नाबालिग दोषी को आज (रविवार को) रिहा किया जाना है। इस रिहाई का विरोध कर रहे पीड़िता की मां ने कहा है कि नाबालिग दोषी की रिहाई के खिलाफ दिल्ली महिला आयोग द्वारा देर रात सुप्रीम जाना महज एक दिखावा है और केंद्र एवं दिल्ली सरकार पूरी तरह से फेल रही है और उन्होंने हमें निराश किया है।
NDTV से आशा देवी ने कहा कि इसका क्या मतलब है कि याचिका पर सोमवार को सुनवाई की जाएगी और वह आज बाहर आ जाएगा। उन्होंने (महिला आयोग) ने कार्रवाई में देर की और वह भी हमारे विरोध-प्रदर्शन करने के बाद। यह उनके हमारे साथ होने का महज दिखावा भर है।
मामले का नाबालिग दोषी, जोकि अब 21 साल का हो चुका है, घटना के उन दोषियों में से एक है, जिन्होंने 16 दिसंबर 2012 को राजधानी में एक चलती बस में 23 वर्षीय ज्योति सिंह के साथ दरिंदगी की थी। नाबालिग दोषी की आज बाल सुधार गृह से रिहाई होनी है। इस घटना के चार दोषियों को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है, जबकि एक तिहाड़ जेल में मृत पाया गया था।
दरअसल, निर्भया कांड में दोषी नाबालिग़ की रिहाई से पहले दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करने को राजी हो गया। हालांकि अदालत ने दोषी की रिहाई पर रोक नहीं लगाई। 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए नृशंस गैंगरेप के इस नाबालिग दोषी को मिली तीन साल की सजा पूरी हो गई है और उसे आज (रविवार को) शाम 5 बजे रिहा किया जाना है।
न्यायमूर्ति एके गोयल और न्यायमूर्ति यूयू ललित की एक अवकाशकालीन पीठ ने देर रात करीब दो बजे अपना आदेश सुनाया और मामले की अगली सुनवाई सोमवार को तय कर दी। बहरहाल, आयोग की अध्यक्ष मालीवाल और आयोग के वकीलों ने उम्मीद जताई कि चूंकि यह मामला अब न्यायालय में विचाराधीन है, लिहाजा सरकार और दिल्ली पुलिस नाबालिग दोषी को रिहा नहीं करेगी।
NDTV से आशा देवी ने कहा कि इसका क्या मतलब है कि याचिका पर सोमवार को सुनवाई की जाएगी और वह आज बाहर आ जाएगा। उन्होंने (महिला आयोग) ने कार्रवाई में देर की और वह भी हमारे विरोध-प्रदर्शन करने के बाद। यह उनके हमारे साथ होने का महज दिखावा भर है।
मामले का नाबालिग दोषी, जोकि अब 21 साल का हो चुका है, घटना के उन दोषियों में से एक है, जिन्होंने 16 दिसंबर 2012 को राजधानी में एक चलती बस में 23 वर्षीय ज्योति सिंह के साथ दरिंदगी की थी। नाबालिग दोषी की आज बाल सुधार गृह से रिहाई होनी है। इस घटना के चार दोषियों को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है, जबकि एक तिहाड़ जेल में मृत पाया गया था।
दरअसल, निर्भया कांड में दोषी नाबालिग़ की रिहाई से पहले दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करने को राजी हो गया। हालांकि अदालत ने दोषी की रिहाई पर रोक नहीं लगाई। 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए नृशंस गैंगरेप के इस नाबालिग दोषी को मिली तीन साल की सजा पूरी हो गई है और उसे आज (रविवार को) शाम 5 बजे रिहा किया जाना है।
न्यायमूर्ति एके गोयल और न्यायमूर्ति यूयू ललित की एक अवकाशकालीन पीठ ने देर रात करीब दो बजे अपना आदेश सुनाया और मामले की अगली सुनवाई सोमवार को तय कर दी। बहरहाल, आयोग की अध्यक्ष मालीवाल और आयोग के वकीलों ने उम्मीद जताई कि चूंकि यह मामला अब न्यायालय में विचाराधीन है, लिहाजा सरकार और दिल्ली पुलिस नाबालिग दोषी को रिहा नहीं करेगी।
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