नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान इलाके में झाड़ियों में दो बच्चों की लाशें मिली हैं। इनमें से एक शव सात साल के लड़के का और एक पांच साल की लड़की का है। दोनों शव बुरी हालत में मिले हैं।
पुलिस ने इस बात की पुष्टि कर दी है ये कि ये शव उन दोनों भाई-बहन के हैं, जिन्हें 26 फरवरी को मंडावली इलाके से अगवा कर लिया गया था और इनके अपहरण की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी। इन बच्चों की पहचान सात-वर्षीय मनसिज और पांच-वर्षीय यशबी के रूप में हुई।
परिवार के मुताबिक अपहर्ताओं ने फोन कर फिरौती के लिए 30 लाख रुपये की मांग की थी। पुलिस अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में जुटी है।
दोनों बच्चों का मंडावली के बुद्धा मार्ग स्थित एक स्कूल के बाहर से अपहरण कर लिया गया था। अपहर्ताओं ने वारदात को अंजाम देने के लिए बच्चों के घर में बाहर से ताला लगा दिया था, ताकि उनकी मां समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाए। पड़ोसियों की मदद से ताला तुड़वाने के बाद मां स्कूल पहुंची, तब तक दोनों बच्चों का अपहरण किया जा चुका था।
इसके बाद बच्चे के पिता के मोबाइल फोन पर अपहर्ता ने फोन कर 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी। पीसीओ से कॉल करने की वजह से उनके बारे में सुराग नहीं मिल पाया। मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए क्राइम ब्रांच की भी कई टीमें जुटीं, लेकिन बदमाशों का सुराग नहीं लगा।
पुलिस ने इस बात की पुष्टि कर दी है ये कि ये शव उन दोनों भाई-बहन के हैं, जिन्हें 26 फरवरी को मंडावली इलाके से अगवा कर लिया गया था और इनके अपहरण की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी। इन बच्चों की पहचान सात-वर्षीय मनसिज और पांच-वर्षीय यशबी के रूप में हुई।
परिवार के मुताबिक अपहर्ताओं ने फोन कर फिरौती के लिए 30 लाख रुपये की मांग की थी। पुलिस अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में जुटी है।
दोनों बच्चों का मंडावली के बुद्धा मार्ग स्थित एक स्कूल के बाहर से अपहरण कर लिया गया था। अपहर्ताओं ने वारदात को अंजाम देने के लिए बच्चों के घर में बाहर से ताला लगा दिया था, ताकि उनकी मां समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाए। पड़ोसियों की मदद से ताला तुड़वाने के बाद मां स्कूल पहुंची, तब तक दोनों बच्चों का अपहरण किया जा चुका था।
इसके बाद बच्चे के पिता के मोबाइल फोन पर अपहर्ता ने फोन कर 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी। पीसीओ से कॉल करने की वजह से उनके बारे में सुराग नहीं मिल पाया। मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए क्राइम ब्रांच की भी कई टीमें जुटीं, लेकिन बदमाशों का सुराग नहीं लगा।
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