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This Article is From Jul 29, 2020

क्या दिल्ली में सच में सुधरे हैं कोरोनावायरस के हालात, क्या कहते हैं आंकड़े?

दिल्ली में कोरोनवायरस की वास्तविकता पर एक स्टडी में सामने आया है कि यहां पर कोरोना को लेकर अच्छी और बुरी दोनों खबर है, और हां, अच्छी खबर उतनी अच्छी भी नहीं है, जितना दिल्ली सरकार बता रही है.

क्या दिल्ली में सच में सुधरे हैं कोरोनावायरस के हालात, क्या कहते हैं आंकड़े?
दिल्ली में कोरोनावायरस के हालात पर सरकार के दावों में कितनी सच्चाई? (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

Delhi Coronavirus News:  दिल्ली सरकार की ओर से केंद्रशासित प्रदेश में कोरोनावायरस के हालात में लगातार सुधार आने के दावे के बीच दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने सोमवार को सरकार के टेस्टिंग मेथड (Delhi Covid Testing) को लेकर सवाल उठाए थे. कोर्ट ने पूछा था कि दिल्ली में सर्वमान्य मानक PCR टेस्ट की बजाय एंटीजन टेस्ट क्यों कराए जा रहे हैं, जबकि दुनियाभर में एंटीजन टेस्ट (Antigen Tests) को बहुत भरोसेमंद नहीं माना जाता है क्योंकि कई मेडिकल स्टडी में यह साबित हुआ है कि प्रति 100 संक्रमित लोगों में से एंटीजन बस 40 मरीज़ों को ही पकड़ पाता है, बाकी 60 मरीजों को कोविड-मुक्त बता देता है. 

हालांकि, दिल्ली में कोरोनवायरस की वास्तविकता पर एक स्टडी में सामने आया है कि यहां पर कोरोना को लेकर अच्छी और बुरी दोनों खबर है, और हां, अच्छी खबर उतनी अच्छी भी नहीं है, जितना दिल्ली सरकार बता रही है.

टेस्टिंग बढ़ी है

राजधानी में टेस्टिंग बढ़ी है, जो अच्छी खबर है. एक महीने पहले यहां 15,000 टेस्टिंग प्रति दिन हो रही थी, जो अब 21,000 है, यानी दोगुनी लगभग दोगुनी टेस्टिंग. 
 

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पॉजिटिविटी रेट तेजी से घटा है

टेस्टिंग में बढ़ोतरी के साथ दिल्ली सरकार की ओर से रिलीज़ आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने पॉजिटिविटी रेट 22 फीसदी था, जो अब 6 फीसदी हो गया है. पॉजिटिविटी रेट कम होने का मतलब है कि वायरस का संक्रमण फैलने की दर में कमी आई है. 

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हालांकि.....

टेस्टिंग में बढ़ोतरी और पॉजिटिविटी रेट में गिरावट के पीछे तेजी से बढ़ाए गए एंटीजन टेस्ट कारण हैं- जो बहुत भरोसेमंद नहीं माने जाते हैं. दिल्ली में पहले एक दिन में 7,000 टेस्टिंग हो रही थी. जो अब एंटीजन टेस्ट के कारण एक दिन में 14,000 हो गई है. लेकिन इसके साथ ही, यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि राज्य में एंटीजन टेस्टिंग बढ़ने के साथ ही पीसीआर टेस्ट- जो मानक टेस्टिंग विधि मानी जाती है- में कमी आई है. पहले एक दिन में 8,000 पीसीआर टेस्ट हो रहे थे, जो घटकर 5,000 पर आ गए. 

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इसका मतलब है कि दोनों टेस्टिंग मेथड को मिलाकर जो नतीजे आएंगे, वो पूरी तरह से सही नहीं होंगे. सीधा मतलब है कि पॉजिटिविटी रेट में कमी के पीछे एंटीजन टेस्टिंग है, जिसके नतीजों के बारे में मेडिकल स्टडीज़ तक में कहा गया है कि इसमें गलत नतीजे आने का 50 से 60 फीसदी चांस होता है. 

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इसका मतलब है.....

दिल्ली में अभी भी कोरोनावायरस तेजी से बढ़ रहा है. यहां पॉजिटिविटी रेट 5-6 फीसदी नहीं, बल्कि दोगुने आंकड़ों 11-12 फीसदी के आसपास चल रहा है. ये पूरे देश के पॉजिटिविटी रेट के 11-12 फीसदी के बराबर ही है. हालांकि, (पीसीआर टेस्टिंग के नतीजों पर नज़र डालें तो) पिछले महीने के 34 फीसदी पॉजिटिविटी रेट के मुकाबले अब यह दर 11 फीसदी पर आ गई है.
 

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ऐसे में जरूरी है कि सरकार खुद की पीठ थपथपाने की खुशी कोरोना से अपनी लड़ाई को कमज़ोर न पड़ने दे.

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