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'मौका मिले तो बंदूक लेकर ...': पहलगाम हमले पर बोलीं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

एनडीटीवी के इमर्जिंग बिजनेस कॉन्क्लेव में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि विश्व में दिल्ली का सम्मान होना चाहिए. पिछली सरकार ने दिल्ली में कुछ काम नहीं किया.

'मौका मिले तो बंदूक लेकर ...': पहलगाम हमले पर बोलीं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
दिल्ली को दिल्ली बनाना चाहती हूं. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
नई दिल्ली:

एनडीटीवी के इमर्जिंग बिजनेस कॉन्क्लेव (NDTV Emerging Business Conclave) में आज दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शिरकत की और इस दौरान पहलगाम हमले पर भी बात की. इस हमले की निंदा करते हुए दिल्ली की सीएम ने कहा, मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकती हूं, पूरे देश में, दिल्ली में, यहां हॉल में बैठे जितने भी लोग हैं, उस हमले को देखकर हर किसी के मन में ये भावना जरूर आई होगा कि मुझे मौका मिले तो बंदूक लेकर जाऊं और गोलियों से भून दूं. हर व्यक्ति यही सोचता है कि मुझे मौके मिले. बता दें पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई है.

"बुनियादी ढांचा सर्वोच्च प्राथमिकता"

राजधानी के विकास को लेकर दिल्ली सरकार का क्या प्लान है? इस सवाल पर रेखा गुप्ता ने कहा, बुनियादी ढांचा सर्वोच्च प्राथमिकता है. हमारी सरकार आते ही कई सारी योजनाएं बनाई गई. हर मायने में दिल्ली अपडेट होनी चाहिए. विश्व में दिल्ली का सम्मान होना चाहिए. सीएम ने पिछली सरकार के काम पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछली सरकार के दौरान दिल्ली की छवि खराब हुई है. पिछली सरकार ने यमुना का समाधान नहीं किया.

"दिल्ली की हर समस्या का समाधान होगा"

मुख्यमंत्री ने दिल्ली के लोगों से वादा करते हुए कहा कि दिल्ली की हर समस्या का समाधान होगा. यमुना की सफाई पर झूठ नहीं बोलूंगी. यमुना की सफाई पर काम किया जा रहा है. दिल्ली को दिल्ली बनाना चाहती हूं. दिल्ला का अपना इतिहास गौरव है. दिल्ली के लोगों का दिल लगना चाहिए. हम दिल्ली के लिए अभी जो योजनाएं बना रहे हैं, वो आनेवाले 100 सालों का रोडमैप है. 

"दिल्ली को गंदा न करें"

रेखा गुप्ता से जब पूछा गया कि दिल्ली को लोगों को आप क्या कहना चाहती हैं. इसपर रेखा गुप्ता ने कहा दिल्ली को साफ रखना है. जो चीज बुरी लगती है वो न करें. ऐसा करने से दिल्ली सुंदर होगी. रेखा गुप्ता ने कहा, हम जब विदेश जाते हैं तो हर नियम का पालन करते हैं. सही से रास्ता क्रॉस करते हैं. शहर को गंदा नहीं करते हैं. लेकिन अपने देश में कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं. सोचते हैं कि अपना शहर है हम कुछ भी कर सकते है. अपना देश है, अपना शहर है, कुछ भी करें. हम लोग ये समझ लें की ये मेरा शहर है, इसे गंदा न करूं, सही से रास्ता क्रॉस करूं. नियमों का पालन करू. ऐसे करने से दिल्ली सुंदर होगी. 

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