अरविंद केजरीवाल की विपासना में गहरी रुचि है
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अगले महीने 10 दिन का अवकाश लेकर विपासना के लिए नागपुर जाएंगे। आध्यात्म की इस प्राचीन पद्धति के लिए केजरीवाल 30 जुलाई को नागपुर के आध्यात्म केंद्र में दाखिला लेंगे जहां वह किसी तरह के अखबार, टीवी या मीडिया के संपर्क में नहीं रहेंगे। इस दौरान सरकार का कामकाज डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया संभालेंगे।
केंद्र के साथ खींचातानी
गौरतलब है कि 2014 में लोकसभा चुनाव अभियान के वक्त भी अरविंद केजरीवाल ने इस सत्र में भाग लिया था। इसके एक साल बाद आप ने फरवरी 2015 में भारी वोटों से दिल्ली चुनाव में जीत हासिल की थी। हालांकि इसके बाद लगातार दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच खींचतान का खेल जारी है। आप सरकार ने केंद्र पर बार बार काम नहीं करने देने का आरोप लगाया है, साथ ही अपने 11 विधायकों की गिरफ्तारी को भी साज़िश करार दिया है। एक वीडियो संदेश में अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर यह भी आरोप लगाया कि 'वह इतने बौखलाए हुए हैं कि मेरी हत्या तक करवा सकते हैं।'
वैसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की विपासना में काफी रुचि है और ऐसा भी कहा जाता रहा है कि वह राजनीति से रिटायर होने के बाद अपना जीवन विपासना को समर्पित करना चाहते हैं। पिछले साल उन्होंने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को मुफ्त विपासना कोर्स के लिए भेजने की योजना बनाई थी जिसकी काफी आलोचना की गई थी। शिक्षकों ने कहा था कि सरकार को बिजली, पानी और बेहतर कक्षाएं बनाने पर ज़ोर देना चाहिए।
(इनपुट भाषा से भी)
केंद्र के साथ खींचातानी
गौरतलब है कि 2014 में लोकसभा चुनाव अभियान के वक्त भी अरविंद केजरीवाल ने इस सत्र में भाग लिया था। इसके एक साल बाद आप ने फरवरी 2015 में भारी वोटों से दिल्ली चुनाव में जीत हासिल की थी। हालांकि इसके बाद लगातार दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच खींचतान का खेल जारी है। आप सरकार ने केंद्र पर बार बार काम नहीं करने देने का आरोप लगाया है, साथ ही अपने 11 विधायकों की गिरफ्तारी को भी साज़िश करार दिया है। एक वीडियो संदेश में अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर यह भी आरोप लगाया कि 'वह इतने बौखलाए हुए हैं कि मेरी हत्या तक करवा सकते हैं।'
वैसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की विपासना में काफी रुचि है और ऐसा भी कहा जाता रहा है कि वह राजनीति से रिटायर होने के बाद अपना जीवन विपासना को समर्पित करना चाहते हैं। पिछले साल उन्होंने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को मुफ्त विपासना कोर्स के लिए भेजने की योजना बनाई थी जिसकी काफी आलोचना की गई थी। शिक्षकों ने कहा था कि सरकार को बिजली, पानी और बेहतर कक्षाएं बनाने पर ज़ोर देना चाहिए।
(इनपुट भाषा से भी)
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