- लाल किले के सामने हुए बम विस्फोट में हमलावर उमर उन नबी के करीबी आमिर राशिद अली को एनआईए ने गिरफ्तार किया
- आमिर राशिद अली कश्मीर के पंपोर का रहने वाला है और जिस कार में धमाका हुआ वह उसके नाम पर रजिस्टर्ड थी
- आमिर एक प्लंबर है जबकि उसका भाई उमर इलेक्ट्रिशियन का काम करता है और दोनों पर आतंकी साजिश का आरोप है
दिल्ली के लाल किले के सामने i20 कार में 10 नवंबर को हुए बम विस्फोट में एनआईए को बड़ी कामयाबी मिली है. ये एक आत्मघाती हमला था. एनआईए ने आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के करीबी आमिर राशिद अली को गिरफ्तार कर लिया है, जो कश्मीर का रहनेवाला है. हमले में इस्तेमाल i20 कार आमिर के नाम पर ही रजिस्टर्ड है. ऐसा बताया जा रहा है कि आमिर ने उमर के साथ मिलकर ही इस आतंकी साजिश को अंजाम दिया था. आखिर, उमर का ये कश्मीरी दोस्त कौन है और धमाके के बाद कहां गायब हो गया था? आइए आपको बताते हैं आमिर राशिद अली की पूरी कुंडली.
कश्मीर के पंपोर का रहने वाला है आमिर राशिद
दिल्ली के लाल किला इलाके में 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट मामले में NIA ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने कथित तौर पर आत्मघाती हमलावर उमर के साथ मिलकर यह हमला प्लान किया था. गिरफ्तार आरोपी का नाम आमिर राशिद अली है. वह जम्मू-कश्मीर के संबूरा, पंपोर का रहने वाला है. सबसे खास बात यह है कि जिस कार में IED लगाकर धमाका किया गया था, वह कार आमिर के नाम पर रजिस्टर्ड थी. NIA ने दिल्ली में छापा मारकर आमिर को पकड़ा. इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस से अपने हाथ में लेने के बाद एजेंसी लगातार इस आरोपी की तलाश कर रही थी.

प्लंबर है आमिर राशिद
आमिर राशिद के परिवार ने बताया कि वह प्लंबर का काम करता है और उसके भाई को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसका नाम उमर है. उमर इलेक्ट्रीशियन का काम करता है. परिवार का कहना है कि आमिर राशिद अली कभी दिल्ली गया ही नहीं. सिर्फ कार इनकी है और उसका भी रजिस्ट्रेशन जम्मू-कश्मीर का है. इनके पिता की मौत कुछ साल पहले ही हुई थी. एनआइए को जांच में पता चला है कि इस पूरी साजिश को आमिर राशिद अली ने कथित आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के साथ मिलकर अंजाम दिया. उमर उन नबी, पुलवामा का निवासी था और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर था.

अब तक 73 गवाहों और घायलों के बयान दर्ज
NIA के मुताबिक, आमिर विशेष रूप से दिल्ली आया था, ताकि धमाके के लिए कार खरीदी जा सके. यही कार बाद में VBIED (Vehicle-Borne Improvised Explosive Device) में बदल दी गई. फॉरेंसिक जांच से यह भी पुष्टि हो गई कि कार चलाने वाला मृत ड्राइवर उमर उन नबी ही था. NIA ने उमर उन नबी की एक और कार भी जब्त की है. फिलहाल इस वाहन की गहन जांच चल रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसे इस साजिश में कैसे और कितना इस्तेमाल किया गया था. एजेंसी अब तक 73 गवाहों और घायलों के बयान दर्ज कर चुकी है. कई तकनीकी और डिजिटल सबूत भी मिले हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है.

एनआईए इस जांच में दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस, यूपी पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है. जांच टीम अब बड़े नेटवर्क को पकड़ने, फंडिंग के सोर्स का पता लगाने और मास्टरमाइंड्स की पहचान करने पर फोकस कर रही है. एजेंसी कई लीड्स पर काम कर रही है और जांच को जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा और यूपी तक चल रही है. माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे बड़ी आतंकी साजिश है, जिसे NIA जल्द पूरी तरह उजागर कर सकती है. यह गिरफ्तारी मामले में अब तक की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इससे पूरे मॉड्यूल और नेटवर्क की दिशा साफ हो रही है.
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