दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi assembly elections) में एक बार फिर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पूरी ताकत लगायी जा रही है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में एक बार फिर मुस्लिम वोट बैंक को लेकर कड़ी टक्कर की संभावना है. पिछले 2 चुनावों में आम आदमी पार्टी ने मुस्लिम बहुल सीटों पर भी कांग्रेस को पछाड़ दिया था. साल 2013 में कांग्रेस पार्टी को मुस्लिम बहुल 11 सीटों में से 6 सीट पर जीत हासिल हुई थी. लेकिन 2015 से मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस के हाथ से पूरी तरह फिसल गया. 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने मुस्लिम बहुल 11 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में 2013 की तुलना में 2015 में 18 प्रतिशत की गिरावट हुई थी.
मुस्लिम मतों का क्या रहा है ट्रेंड
- साल 2013 में कांग्रेस पार्टी को मुस्लिम बहुल 11 सीटों में से 6 सीट पर जीत हासिल हुई थी.
- लेकिन 2015 से मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस के हाथ से पूरी तरह फिसल गया.
- जैसा कहा जाता है कि आंकड़ें उसी ओर इशारे करते है कि मुस्लिम समुदाय उसी को वोट करता है जो बीजेपी को हरा सकता है.
- 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 9 सीटों पर जीत मिली थी और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली.
2020 के चुनाव में क्या रहा था समीकरण?
2020 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटर्स पूरी तरह से आम आदमी पार्टी के खाते में चले गए. इस चुनाव में सभी 11 सीटों पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे. चांदनी चौक, मटियामहल, बल्लीमारन, ओखला, सीमापुरी, सीलमपुर, बाबरपुर सीट आम आदमी पार्टी 20% मर्जिन से जीती . ये सीटें किसी दौर में कांग्रेस की ताकत थी.
- विधानसभा चुनावों में कांग्रेस मुस्लिम बहुल 11 सीटों पर तीसरे नंबर पर रहीं.
- LJP एक सीट पर दूसरे नंबर पर रहीं .
- चांदनी चौक, मटियामहल, बल्लीमारन, ओखला, सीमापुरी, सीलमपुर, बाबरपुर सीट आम आदमी पार्टी 20% मर्जिन से जीती .
- कालकाजी, मुस्तफाबाद सीट को आम आदमी पार्टी ने 10 प्रतिशत के मर्जिन से जीत हासिल की.
- गांधीनगर में बीजेपी 5% से और घोंडा सीट को 15% से ज्यादा मर्जिन से जीत हासिल की
- गांधीनगर सीट पर बीजेपी की जीत का मार्जिन 5.3% है जबकि वहां कांग्रेस उम्मीदवार को 19.1% वोट मिला दिल्ली विधानसभा 2020 चुनावों में पांच मुस्लिम विधायक जहां से चुने गए उन सीटों पर मतदान प्रतिशत ज्यादा था.
- आंकड़े दिखाते है कि मुस्लिम मतदाताओं ने आप के उम्मीदवार के लिए एकतरफा वोट किया है.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिलता रहा है मुस्लिम वोट
हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के परिणामों को अगर विधानसभा वार मुस्लिम बहुल सीटों पर देखे तो कुल 11 सीटों में से 7 पर कांग्रेस आगे रही, 3 पर बीजेपी और 1 पर आप पर आगे रही. आप को डर है कि कहीं इन मुस्लिम सीटों पर कांग्रेस, उसका खेल ना बिगाड़ दे. क्योंकि हाल ही में हुई लोकसभा चुनावों में मुस्लिम मतदाताओं ने बड़े स्तर पर कांग्रेस और उसके अन्य सहयोगियों को वोट किया था.
आप के लिए कांग्रेस ही नहीं AIMIM भी कम परेशानी नहीं खड़ी कर रही. AIMIM ने दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से उम्मीदवार बनाया है. बताया जा रहा है कि AIMIM 10 मुस्लिम उम्मीदवार उतारेगी.
दिल्ली दंगों के कारण क्या बदलेंगे समीकरण?
2020 में हुए दंगे और आप नेताओं के बयानों से मुस्लिम समुदाय आप पर कितना विश्वास कर पाएगा, यह देखना होगा. 2022 में हुए MCD के चुनावों में कांग्रेस 9 सीट जीत पाई. जिसमें से 7 मुस्लिम प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. अगर बात MCD में मुस्लिम बहुल वार्डो की तो, कुल 23 ऐसी सीटों में से आप 9, बीजेपी, 8 और कांग्रेस 5 और 1 पर निर्दलीय को जीत मिली.
किस पार्टी ने कितने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं?
बीजेपी की अभी तक कोई लिस्ट जारी नहीं हुई है. कांग्रेस ने अभी तक 47 उम्मीदवारों का नाम जारी किया है. आम आदमी पार्टी ने सभी 81 नामों का ऐलान कर दिया है. 5 मुस्लिम उम्मीदवारों को आप ने उतारा है. साल 2020 में भी आप ने 5 मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा था. दिल्ली में करीब 13% मुस्लिम जनसंख्या है.कांग्रेस ने कुल टिकट में से 13% टिकट मुस्लिम समुदाय को दिया है. अभी कुछ सीटों का ऐलान होना बाकी है. 5 मुस्लिम विधायक है इस समय दिल्ली विधानसभा में. पांचों ही आम आदमी पार्टी के विधायक है.
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