
- इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का टर्मिनल 2, 26 अक्टूबर से यात्रियों के लिए फिर से खुल जाएगा
- एयर इंडिया और इंडिगो की लगभग एक सौ बीस घरेलू उड़ानें 25 से 26 अक्टूबर की रात से टर्मिनल 2 से संचालित होंगी
- टर्मिनल 2 में सेल्फ बैगेज ड्रॉप, ऑटोमेटिक बोर्डिंग ब्रिज, बेहतर वेंटिलेशन और फायर सेफ्टी जैसी सुविधाएं हैं
नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का टर्मिनल 2 अब जल्द ही आम यात्रियों के लिए खुलने जा रहा है. अगर सब कुछ सही रहा तो दिवाली के बाद और छठ से पहले टर्मिनल 2 खोलने की योजना है. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने घोषणा की है कि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का अपग्रेडेड टर्मिनल 2 (T2) 26 अक्टूबर से यात्रियों के लिए खुल जाएगा. यह समय सर्दियों की फ्लाइट शेड्यूल की शुरुआत के साथ होगा.
6 महीने से बंद टर्मिनल, अपग्रेडेशन का चल रहा था काम
यह टर्मिनल लगभग 40 साल पहले एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने बनाया था. इसे इसी साल अप्रैल में बंद कर दिया गया था ताकि इसमें बड़े स्तर पर सुधार किए जा सकें. अब इसमें आधुनिक सुविधाएं लगाई गई हैं जिससे यात्रियों को तेज और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा.
कौन-सी फ्लाइट्स यहां से चलेंगी?
25–26 अक्टूबर की रात से, एयर इंडिया और इंडिगो की लगभग 120 घरेलू उड़ानें टर्मिनल 2 से शिफ्ट हो जाएंगी. इससे एयरपोर्ट की भीड़ बेहतर तरीके से संभाली जा सकेगी और यात्रियों को और अच्छा अनुभव मिलेगा. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के सीईओ विधे कुमार जैपुरीआर का कहना है, "टर्मिनल 2 सिर्फ इमारत की मरम्मत नहीं है, बल्कि यात्रियों की पूरी यात्रा को नए तरीके से डिजाइन किया गया है. सेल्फ बैगेज ड्रॉप और ऑटोमेटिक बोर्डिंग ब्रिज जैसी आधुनिक तकनीकें यात्रियों को सुविधा, तेजी और भविष्य का अनुभव देंगी. आईजीआई एयरपोर्ट अब आने वाले समय के लिए और मजबूत बन रहा है."
टर्मिनल पर मिलेगी यात्रियों को ये सुविधा
सेल्फ बैगेज ड्रॉप (SBD): यात्री खुद अपना बैग चेक-इन कर पाएंगे. बस बोर्डिंग पास स्कैन करें, बैग पर टैग लगाएं और मशीन में डाल दें. इससे लंबी लाइनों से छुटकारा मिलेगा.
नए पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज (PBB): विमान में चढ़ने के लिए लगने वाले ब्रिज अब ऑटोमेटिक तकनीक से काम करेंगे. ये भारत में पहली बार हो रहा है. इसमें व्हीलचेयर यात्रियों के लिए रैंप और सुरक्षित डिजाइन शामिल हैं. नए पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज में ऐसी डिजाइन है जो सुरक्षा और आराम दोनों बढ़ाती है. इसमें साइड कुशन लगे हैं जिससे सेफ्टी और लुक दोनों बेहतर हों, और स्विंग डोर्स लगे हैं जो ऑपरेटर की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं.
आधुनिक डिजाइन: नई छत, स्काईलाइट, और मजबूत फ्लोरिंग से टर्मिनल और ज्यादा खुला और आकर्षक लगेगा.
बेहतर कनेक्टिविटी: रोड एक्सेस को भी सुधारा गया है ताकि यात्रियों को आसानी से आना-जाना हो.
तकनीकी सुधार से यात्रियों का अनुभव होगा बेहतर
दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 पर यात्रियों को नई एयर कंडीशनिंग और वेंटिलेशन सिस्टम की सुविधा मिलेगी, जिससे एयर क्वालिटी बेहतर होगी. वहीं, किसी भी प्रकार की आगजनी की घटना से बचने के लिए फायर सेफ्टी सिस्टम को अपग्रेड किया गया है.इसके अलावा पावर सप्लाई को और मजबूत किया गया है. साथ ही नया फ्लाइट इंफॉर्मेशन डिस्प्ले सिस्टम (FIDS) भी लगा है, जिससे यात्रियों को फ्लाइट की जानकारी तुरंत और साफ मिल सके. टर्मिनल पर दिव्यांग और बुजुर्ग यात्रियों के लिए खास साइनज और सुविधाएँ जोड़ी गई हैं, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की और सुविधा न हो.
ट्रैफिक सिस्टम में होगा सुधार
विमानों की पार्किंग और मूवमेंट वाले क्षेत्र को भी नए सिरे से बनाया गया है ताकि ज्यादा ट्रैफिक आसानी से संभाला जा सके.
एयरपोर्ट में यात्री क्षमता बढ़ेगी
दिल्ली एयरपोर्ट से जुड़े एक सूत्र ने कहा, " टर्मिनल 2 के शुरू होने से पैसेंजर फुटफॉल में बढ़ोतरी होगी. अभी हम दो टर्मिनल (T1 &T3) मिलाकर करीब 79 मिलियन यात्रियों को संभाल रहें हैं. अगर भविष्य में ट्रैफिक बढ़ता है तो हम 20 मिलियन यात्रियों को टी 2 पर शिफ्ट कर सकेंगे और यह हमारी 100 मिलियन की क्षमता को पूरा करेगा. इसके अलावा, जो यात्री टर्मिनल 2 पर आएंगे तो वह पास में ही टर्मिनल 3 पर जाकर अपनी इंटरनेशनल उड़ान को पकड़ सकेंगे. यह सुविधा उसकी यात्रा को और आसान बनाएगी. "
रनवे खुलने से बढ़ेगी फ्लाइट
दिल्ली एयरपोर्ट का रनवे 10/28 तकनीकी अपग्रेडेशन से जुड़े कार्य के लिए 15 जून से बंद है. ऐसे में इसकी भी इसी हफ्ते शुरू होने की संभावना है. एयरपोर्ट से जुड़े सूत्र ने कहा, " रनवे बंद होने से विमान की आवाजाही रोक दी गई थी. लेकिन तकनीकी कार्य पूरा होने के बाद इसे 16 सितंबर से शुरू होने की संभावना है. रनवे शुरू करने को लेकर सभी पक्षों में सहमति बन गई है बस डीजीसीए के आदेश का इंतजार है. इस रनवे की खुलने से फ्लाइट ऑपरेशन में सुविधा होगी. जिन विमान में कटौती की गई थीं और जो रीशेड्यूल हुईं थीं, वो दोबारा से शुरू होंगी. "
रनवे पर लगा कैट 3
दरअसल, रनवे पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS ) को अपग्रेड किया गया है ताकि यह कैट 3 की सुविधा यहां पायलट को मिल सके, जिससे कोहरे और कम दृश्यता की स्थिति में उड़ान संचालन संभव हो सके. अभी तक इस रनवे के एक तरफ (एनएच 48) ही कैट 3 की सुविधा थी, जबकि दूसरे तरफ सिर्फ कैट 1 था. इसी को लेकर 15 जून से रनवे बंद किया गया था.
जानकारी के अनुसार रनवे बंद होने से करीब 114 विमानों के स्लॉट कैंसिल किए गए थे जबकि 50 के करीब फ्लाइट को रीशेड्यूल किया गया था. लेकिन अब रनवे शुरू किए जाने पर उड़ानों में की गई कटौती वापस हो जाएंगी.
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