काली धुंध से ढका दिल्ली का आसमान, गैर जरूरी निर्माण पर रोक; डीजल ट्रकों की एंट्री बैन

Delhi Air Pollution: सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के डेटा के मुताबिक, अक्टूबर 2020 में दिल्ली का औसत AQI 257 दर्ज किया गया था. इसके अलावा अक्टूबर 2021 में AQI 173 और अक्टूबर 2022 में 210 AQI दर्ज किया गया था.

खास बातें

  • इस साल अब तक 2500 से ज्यादा पराली जलाने के मामले
  • कम बारिश होना पॉल्यूशन बढ़ने की बड़ी वजह
  • मुंबई में हवा की क्वालिटी भी बेहद खराब कैटेगरी में
नई दिल्ली:

दिल्ली की हवा की क्वालिटी (Delhi Air Quality Index) लगातार खराब होती जा रही है. राजधानी की हवा का स्तर (Delhi AQI) 3 साल बाद अक्टूबर में सबसे खराब (Delhi Air Pollution) दर्ज किया गया. SAFAR-इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर के आखिरी दिन राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 327 दर्ज किया गया, जो अभी भी लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में गैर-जरूरी निर्माण गतिविधि और शहर में डीजल ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान के चरण III के हिस्से के रूप में कई अन्य उपाय भी लागू होंगे. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के डेटा के मुताबिक, अक्टूबर 2020 में दिल्ली का औसत AQI 257 दर्ज किया गया था. इसके अलावा अक्टूबर 2021 में AQI 173 और अक्टूबर 2022 में 210 AQI दर्ज किया गया था.

दिल्ली के आसपास के राज्यों खासकर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को भी प्रदूषण बढ़ने का एक मुख्य कारण माना जा रहा है. देश के उत्तरी हिस्सों में पराली जलाना अभी भी जारी है. इसके कारण दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और आस-पास के इलाकों में हवा में धुंध बढ़ रही है. इस साल अब तक 2500 से ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि, खेत में आग लगने की संख्या पिछले दो सालों की तुलना में कम है.

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चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (Phased Response Action Plan) के तीसरे चरण के तहत यह निर्देश जारी किया गया है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का GRAP प्लान सर्दी के मौसम के दौरान दिल्ली-एनसीआर में लागू किया जाता है. 

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा से संबंधित बैठक में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने कहा कि प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण प्रदूषण का स्तर अभी और बढ़ने की आशंका है. सीएक्यूएम क्षेत्र में प्रदूषण से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने वाला एक वैधानिक निकाय है.

वायु गुणवत्ता सूचकांकस(AQI) के आधार पर GRAP को चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है. पहला चरण एक्यूआई 201 से 300 (खराब), दूसरा चरण एक्यूआई 301 से 400 (बहुत खराब), तीसरा चरण एक्यूआई 401 से 450 (गंभीर) और चौथा चरण एक्यूआई 450 (अति गंभीर) होने पर लागू किया जाता है.

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GRAP के तीसरे चरण में आवश्यक सरकारी परियोजनाओं, खनन और पत्थर तोड़ने को छोड़कर निर्माण, तोड़फोड़ कार्यों पर पूरी तरह रोक लगा दी जाती है. तीसरे चरण में दिल्ली से बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहनों, डीजल से चलने वाले ट्रकों, और मध्यम व भारी माल वाहनों (आवश्यक सेवाओं में शामिल वाहनों को छोड़कर) के प्रवेश पर प्रतिबंध भी शामिल है.

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