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देहरादून के 28 गांवों में मुस्लिम आबादी बढ़ी, हिंदुओं की घटी- जांच रिपोर्ट में दावा

Muslim Population in Dehradun: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सीमावर्ती इलाकों में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है, जबकि हिन्दू जनसंख्या में कमी आई है. जांच की गई तो कहानी सामने आई.

देहरादून के 28 गांवों में मुस्लिम आबादी बढ़ी, हिंदुओं की घटी- जांच रिपोर्ट में दावा
Muslim Population in Uttarakhand (फाइल फोटो)
  • उत्तराखंड के देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में 28 गांवों में मुस्लिम आबादी बढ़कर हिंदू आबादी से अधिक हो गई है
  • मुस्लिम ग्राम प्रधानों ने परिवार रजिस्टरों में रिश्तेदारों के नाम जोड़कर जनसंख्या आंकड़ों में हेरफेर की है
  • फैमिली रजिस्टर में शादी के बाद बाहर गई महिलाओं के नाम नहीं काटे गए और दामाद, बच्चों के नाम भी दर्ज हैं
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देहरादून:

Muslim Population in Uttarakhand: उत्तराखंड में लगातार जनसांख्यिकी बदलाव की बातें सामने आ रही हैं. अब राजधानी देहरादून से ऐसे ही चौंकाने वाले आंकड़े सामने आया है. यहां के 28 गांव में अब मुस्लिम आबादी ज्यादा हो गई है. जबकि वहां हिंदू आबादी बहुसंख्यक हुआ करती थी. कई क्षेत्रों में तेजी से मुस्लिम आबादी बढ़ी है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण देहरादून राजधानी का वो क्षेत्र है, जो उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगता है. विकासनगर जिसे पछुवा दून कहा जाता है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस क्षेत्र में करीब 28 गांव ऐसे है, जहां पर मुस्लिम आबादी बढ़ गई है और हिंदुओं की आबादी कम हो गई है. लगातार जनसंख्या असंतुलन की खबरें सामने आने के बाद जब इस मामले में जांच की गई और परिवार रजिस्टरों पर नजर डाली गई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए.

फैमिली रजिस्टर में की गई गड़बड़ी
जांच में पाया गया कि मुस्लिम ग्राम प्रधानों ने अपनी कुर्सी को कायम रखने के लिए ग्राम सभा के अधिकारियों की मिलीभगत से अपने रिश्तेदारों के नाम यहां के परिवार रजिस्टरों में एक षड़यंत्र के तहत दर्ज करवा लिए थे. यानी फैमिली रजिस्टर में शादी होने के बाद अभी भी परिवार वालों के नाम दर्ज हैं. जबकि उत्तराखंड से बाहर लड़की की शादी होने के बाद उसका नाम परिवार रजिस्टर से काटा जाना चाहिए था, लेकिन उन लड़कियों का नाम नहीं काटा गया बल्कि दामाद और उसके बच्चों के नाम भी रजिस्टर में दर्ज करवा दिए गए.

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जानकारी के मुताबिक, परिवार रजिस्टर में  नाम चढ़ाए गए हैं और वे सब सरकारी सुविधाएं ले रहे हैं वोटर लिस्ट में भी नाम है,उनके आधार कार्ड बन गए है राशन कार्ड बन गए हैं. यह सिर्फ देहरादून से सटे विकास नगर पछुवा दून में ही नहीं बल्कि राज्य के कई ऐसे क्षेत्र है जहां पर तेजी से मुस्लिम  आबादी बढ़ी है.

फर्जी प्रमाणपत्र से बढ़वाए गए नाम
दरअसल, अगस्त महीने में एक कॉमन सर्विस सेंटर में बड़े पैमाने पर फर्जी प्रमाणपत्र बनाए जाने का मामला सामने आया था. इस मामले में जांच की गई तो यह खुलासा हुआ कि सुनियोजित तरीके से पंचायत चुनाव में वोट बैंक बढ़ाने के लिए न सिर्फ बाहरी लोगों के नाम दर्ज किए जा रहे हैं बल्कि जो नाम काटे जाने चाहिए उनको भी बरकरार रखा गया है.जानकारी के मुताबिक, पछुवा दून के क्षेत्र में ग्रामों में जनसंख्या बदलाव यानी डेमोग्राफी चेंज लगातार देखा जा रहा है. राज्य गठन से पहले जो हिंदू बाहुल्य क्षेत्र थे, अब वहां पर वर्तमान में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र हो चुके हैं.

गांवों के आंकड़ों से खुलासा


गांव - हिन्दू आबादी - मुस्लिम आबादी

ढकरानी -40% हिंदू - 60% मुस्लिम
2011 में - 60% हिंदू  -40% मुस्लिम 

ढलीपुर -50% हिंदू -50% मुस्लिम 
2011 -75% हिंदू - 25% मुस्लिम 

कुंजा- 50% हिंदू- 50% मुस्लिम 
2011- 65% हिंदू -35% मुस्लिम 

कुंजाग्रांट-23% हिंदू -77% मुस्लिम 
2011 - 30% हिंदू - 70% मुस्लिम 

कुल्हाल - 15% हिंदू - 85% मुस्लिम 
2011 - 20% हिंदू - 80% मुस्लिम 

धर्मावाला -50% हिंदू - 50% मुस्लिम 
 2011 -70% हिंदू - 30% मुस्लिम 

तिमली -5% हिंदू - 95% मुस्लिम 
2011- 25% हिंदू -75% मुस्लिम

बैरागी वाला-50% मुस्लिम -50% हिंदू 
2011 -60% हिंदू - 40% मुस्लिम

जमनीपुर-70% हिंदू -30% मुस्लिम 
2011 - 80% हिंदू - 20% मुस्लिम

केदारावाला -30% हिंदू - 70% मुस्लिम 
2011 - 55% हिंदू - 45% मुस्लिम

बुलाकी वाला- 75% हिंदू - 25% मुस्लिम 
2011- 88% हिंदू - 11% मुस्लिम

मेहूवाला खालसा-55% हिंदू - 45% मुस्लिम 
2011 -75% हिंदू - 25 प्रतिशत मुस्लिम

जीवनगढ़ -50% हिंदू - 50% मुस्लिम 
2011 में - 65% हिंदू - 35% मुस्लिम

नवाबगढ़ -44% हिंदू - 56% मुस्लिम 
2011 में - 60% हिंदू - 40% मुस्लिम

जसोवाला - 55% हिंदू -45% मुस्लिम 
2011 -65% हिंदू -35% मुस्लिम

माजरी -30% हिंदू -70% मुस्लिम 
2011में - 65% हिंदू - 35% मुस्लिम

आम वाला(पौंधा)- 40% हिंदू- 60% मुस्लिम
 2011 में - 45% हिंदू - 55% मुस्लिम

जाटों वाला -20% हिंदू - 80% मुस्लिम 
2011 में - 60% हिंदू - 40% मुस्लिम

जाटों वाला -20% हिंदू - 80% मुस्लिम 
2011 में - 60% हिंदू - 40% मुस्लिम

सभावाला-55% हिंदू -45% मुस्लिम 
2011 -75 % हिंदू - 25% मुस्लिम

कल्याणपुर/ हसनपुर- 15% हिंदू - 85% मुस्लिम 
2011 - 55% हिंदू - 45% मुस्लिम

शेरपुर- 70% हिंदू -30% मुस्लिम 
2011 -75 % हिंदू - 25% मुस्लिम 

सिंघनीवाला/शीशम बाड़ा- 50% हिंदू -50% मुस्लिम
 2011 -55% हिंदू - 45% मुस्लिम

कुशालपुर - 4% तक हिंदू -96% मुस्लिम 
2011 -10% हिंदू - 90% मुस्लिम

ढाकी -20% हिंदू -80% मुस्लिम
2011 -30% हिंदू -70% मुस्लिम

सहसपुर -38% हिंदू -62% मुस्लिम 
2011 -50% हिंदू - 50% मुस्लिम

लक्ष्मीपुर -25% हिंदू -75% मुस्लिम
 2011 - 30% हिंदू - 70% मुस्लिम

रामपुर कला - 5% हिंदू -95% मुस्लिम
2011 - 20% हिंदू -80% मुस्लिम

शंकरपुर -35% हिंदू -65% मुस्लिम
2011 - 40% हिंदू - 60% मुस्लिम 

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