रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को देर रात फ्रांस की यात्रा पर रवाना होंगी.
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को देर रात तीन दिन के दौरे पर फ्रांस जा रही हैं. फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर जिस तरह से देश में बवाल मचा हुआ है उससे रक्षा मंत्री का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है.
फ्रांस में सीतारमण वहां की रक्षा मंत्री से मिलेंगी और शुक्रवार को राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट भी जाएंगी. संभावना है कि फ्रांस के राष्ट्रपति से भी रक्षा मंत्री की मुलाकात हो.
करीब 59 हज़ार करोड़ में 36 राफेल खरीदने का सौदा 2016 में हुआ था. विपक्ष और खासकर कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार यूपीए सरकार की तुलना में राफेल की अधिक कीमत दे रही है. साथ ही 126 के बजाय 36 राफेल लेने से देश की सुरक्षा दांव पर लगी है. इतना ही नहीं राफेल सौदे में ऑफसेट का कॉन्ट्रैक्ट प्राइवेट कंपनी को दिए जाने पर भी कांग्रेस ने सवाल उठाया है.
पहले सरकार ये दावा करती रही कि राफेल सौदे में ऑफसेट के लिए कंपनी दसॉल्ट ने तय की है जबकि उस वक़्त के फ्रांस के राष्ट्रपति ने मोदी सरकार को कटघरे में तब खड़ा कर दिया जब उन्होंने एक इंटरव्यू में दावा किया कि राफेल सौदे में ऑफसेट के लिए भारतीय कंपनी के चयन का प्रस्ताव भारत सरकार की तरफ से आया था.
फ्रांस में सीतारमण वहां की रक्षा मंत्री से मिलेंगी और शुक्रवार को राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट भी जाएंगी. संभावना है कि फ्रांस के राष्ट्रपति से भी रक्षा मंत्री की मुलाकात हो.
करीब 59 हज़ार करोड़ में 36 राफेल खरीदने का सौदा 2016 में हुआ था. विपक्ष और खासकर कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार यूपीए सरकार की तुलना में राफेल की अधिक कीमत दे रही है. साथ ही 126 के बजाय 36 राफेल लेने से देश की सुरक्षा दांव पर लगी है. इतना ही नहीं राफेल सौदे में ऑफसेट का कॉन्ट्रैक्ट प्राइवेट कंपनी को दिए जाने पर भी कांग्रेस ने सवाल उठाया है.
पहले सरकार ये दावा करती रही कि राफेल सौदे में ऑफसेट के लिए कंपनी दसॉल्ट ने तय की है जबकि उस वक़्त के फ्रांस के राष्ट्रपति ने मोदी सरकार को कटघरे में तब खड़ा कर दिया जब उन्होंने एक इंटरव्यू में दावा किया कि राफेल सौदे में ऑफसेट के लिए भारतीय कंपनी के चयन का प्रस्ताव भारत सरकार की तरफ से आया था.
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