
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर अपने आप भारत का हिस्सा बन जाएगा और वह दिन दूर नहीं है.
- राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों की कार्रवाई की सराहना की और सिर्फ आतंकियों को निशाना बनाया.
- पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने सीमा के अंदर जाकर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'पीओके अपने आप हमारा होगा. पीओके में मांगें उठने लगी हैं, आपने नारे सुने होंगे. मैं 5 साल पहले कश्मीर घाटी में एक कार्यक्रम में भारतीय सेना को संबोधित कर रहा था, तब मैंने कहा था कि हमें पीओके पर हमला करके कब्जा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वह वैसे भी हमारा है, पीओके खुद कहेगा, 'मैं भी भारत हूं'. वह दिन आएगा.' रक्षा मंत्री ने मोरक्को में भारतीय समुदाय से चर्चा के दौरान पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर अहम बयान दिया है. राजनाथ ने जोर देकर कहा कि पीओके अपने आप आएगा चिंता क्यों करते हैं.. पीओके खुद कहेगा कि मैं भी भारत हूं और वो दिन आएगा.
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र
राजनाथ सिंह ने भारतीय समुदाय के साथ बातचीत भी की. बातचीत में भारतीय समुदाय ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों की निर्णायक कार्रवाई की सराहना की. रक्षा मंत्री ने कहा कि 'जिन्ह मोहि मारा, तिन्ह मोहि मारे'...इस बार भी यही हुआ. हमने उन्हीं लोगों को मारा जिन्होंने हमारे लोगों को मारा. हमने किसी नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान पर हमला नहीं किया. केवल भारत ही ऐसा चरित्र रख सकता है. अगर हम चाहते तो किसी भी सैन्य या नागरिक प्रतिष्ठान पर हमला कर सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. हमें भारत के इस चरित्र को कायम रखना चाहिए.'
भारत की प्रतिक्रिया नपी-तुली
रक्षा मंत्री ने दोहराया कि पहलगाम में निर्दोष भारतीयों पर हुए कायरतापूर्ण हमले के बाद सशस्त्र बल पूरी तरह तैयार थे और उन्हें जवाब देने की पूरी आजादी दी गई थी. इस बात पर जोर देते हुए कि भारत की कार्रवाई नपी-तुली थी, उन्होंने कहा कि हमने धर्म देख कर नहीं, कर्म देख कर मारा है. ऑपरेशन सिंदूर को लेकर रक्षा मंत्री ने कहा कि यह दोबार भी शुरू हो सकता हैं . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'दूसरा भाग बाकी है या तीसरा, हम नहीं कह सकते. यह उनके (पाकिस्तान के) आचरण पर निर्भर करता है. अगर वे आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होते हैं, तो उन्हें जवाब मिलेगा.'
क्या हुआ था पहलगाम हमले के बाद
रक्षा मंत्री ने कहा, 'पहलगाम में हमारे 26 लोगों को उनका धर्म पूछकर मार डाला गया. जब आतंकियो ने हमला किया तो अगले दिन, 23 अप्रैल को, सीडीएस, तीनों सेना प्रमुखों और रक्षा सचिव के साथ बैठक में मैंने पहला सवाल यही पूछा कि अगर सरकार कोई ऑपरेशन करने का फैसला करती है, तो क्या वे इसके लिए तैयार हैं तो उन्होनें बिना एक सेकेंड भी देर किए जवाब दिया कि वो पूरी तरह तैयार हैं. फिर हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संपर्क किया और उन्होंने हमें आगे बढ़ने को कहा और पूरी खुली छूट दी. उसके बाद 'आपने देखा कि उसके बाद क्या हुआ. सीमा पर नहीं, हमने उनकी जमीन से 100 किलोमीटर अंदर जाकर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान ने युद्धविराम का अनुरोध किया, तो हम मान गए.
याद आई वाजपेयी की एक बात
राजनाथ ने यह भी कहा कि हम पाकिस्तान से अच्छे संबंध चाहते हैं क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान कहा करते थे कि दोस्त बदले जा सकते हैं, पड़ोसी नहीं. हम उन्हें सही रास्ते पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. जाहिर है अब गेंद पाकिस्तान के पाले में है. अगर वह भारत में आतंकी हरकत बंद कर देता है तो फिर कोई कार्रवाई नहीं होगी. लेकिन अगर वह अपनी गतिविधियां पहले की तरह जारी रखता है तो फिर भारत ऑपरेशन सिंदूर की तरह कार्रवाई करने के लिये पूरी तरह तैयार है.
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