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This Article is From Sep 08, 2020

मनी लॉन्डरिंग केस : दीपक कोचर 19 सितम्बर तक ED की हिरासत में

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को धन शोधन मामले में यहां की एक अदालत ने मंगलवार को 19 सितम्बर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया.

मनी लॉन्डरिंग केस : दीपक कोचर 19 सितम्बर तक ED की हिरासत में
दीपक कोचर (फाइल फोटो)
मुंबई:

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को धन शोधन मामले में यहां की एक अदालत ने मंगलवार को 19 सितम्बर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया.
आईसीआईसीआई-वीडियोकोन से जुड़े धन शोधन के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सोमवार को ईडी ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. जानकारी प्राप्त करने के लिए दीपक कोचर को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है.


धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत यह मामला पिछले साल जनवरी में दर्ज किया गया था.
जांच एजेंसी ने दीपक कोचर को विशेष पीएमएलए न्यायाधीश मिलिंद वी कुर्ताडिकर के समक्ष पेश किया, जिन्होंने उन्हें 19 सितंबर तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया. रिमांड का अनुरोध करते हुए ईडी ने अदालत को बताया कि जांच में सामने आया है कि सात सितंबर 2009 को आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकोन इंटरनेशल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटिड (वीआईईएल) को 300 करोड़ रुपये के कर्ज़ की मंजूरी दी थी.


जब यह ऋण वीआईईएल को दिया गया तब दीपक कोचर की पत्नी चंदा कोचर बैंक की स्वीकृति समिति की प्रमुख थी.
ईडी ने कहा कि तहकीकात में पता चला कि कर्ज़ को मंजूरी मिलने के सिर्फ एक दिन बाद ही, वीआईईएल ने इसमें से 64 करोड़ रुपये नू पावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटिड (एनआरपीएल) को स्थानांतरित कर दिए.एनआरपीएल को पहले नू पॉवर रिन्यूएबल्स लिमिटिड (एनआरएल) के तौर पर जाना जाता था और यह दीपक कोचर की कंपनी है.


अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि दीपक कोचर जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है, क्योंकि महत्वपूर्ण पहलू हैं जिनकी जांच किए जाने की जरूरत है. इन पहलुओं में उनकी कंपनी द्वारा प्राप्त धन और किस तरह से पैसा का लेन-देन हुआ, शामिल है.दीपक कोचर के वकील विजय अग्रवाल ने उनकी रिमांड का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल करीब 12 बार जांच में शामिल हुए हैं और सभी दस्तावेज जमा कराएं हैं.


वकील ने कहा, " इसलिए यह हिरासत में लेकर पूछताछ का मामला नहीं है."दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने और रिमांड दस्तावेजों को देखने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि दीपक कोचर को हिरासत में लेकर पूछताछ करना " जरूरी" है.
अदालत ने कहा कि यह एक आर्थिक अपराध है जिसमें कुछ अलग तरीके की जांच की जरूरत होती है, लिहाजा सभी दलीलों पर विचार करते हुए आरोपियों को ईडी की हिरासत में भेजा जाता है.


चंदा कोचर और दीपक कोचर तथा वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत तथा अन्य के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद ईडी ने अपना मामला दर्ज किया है.ईडी ने वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को 1875 करोड़ रुपये के कर्ज को अवैध तरीके से मंजूरी देने के आरोप में चंदा कोचर और दीपक कोचर तथा उनकी कारोबारी संस्थाओं पर धनशोधन का आरोप लगाया है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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