
गांव में तनाव का माहौल...
बिसाहड़ा:
बिसाहड़ा गांव में गुस्सा साफ दिखता है. गांव में घुसते ही मीडिया को देखकर लोग उत्तेजित हो जाते हैं. अखलाक की हत्या के आरोपियों में से एक रवि उर्फ रॉबिन का शव एक ताबूत में रखा गया है. गांव की औरतें कैमरा देखकर मेरे कैमरा सहयोगी मोमिन को अपने पास बुलाती हैं. मैं भागकर मोमिन के साथ उनके पास जाता हूं. ये महिलाएं इस बात से सख्त नाराज़ हैं कि रवि की मौत को अखलाक के कत्ल की तरह ही कवर क्यों नहीं किया जा रहा.
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“मीडिया क्यों दिखा नहीं रहा इस घटना को. क्या ये मौत नहीं है." एक महिला कहती है फिर बाकी उसके साथ मिलकर हमसे ऐसे ही सवाल करती हैं. मंगलवार को रवि की मौत दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में हो गई. डॉक्टरों के मुताबिक, उसकी मौत का कारण सांस की तकलीफ और किडनी फेल होना था. लेकिन बिसाहड़ा में तकरीबन हर आदमी, महिला को लगता है कि रवि की मौत जेल में यातना मिलने की वजह से हुई है.
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"जेलर ने रवि को जेल में ऊठक बैठक करवाए और पीटा.. लेकिन यह बात कोई नहीं बता रहा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या आएगा हमें मालूम है." गांव का एक आदमी कैमरे पर हमसे कहता है, "हम चाहते हैं कि जान मोहम्मद (अखलाक के भाई ) की गिरफ्तारी हो. उसने धमकी दी थी कि वह सबको मरवा देगा और अब उसने ये करवा दिया."
रवि के शव को बिसाहड़ा में लोगों ने तिरंगे में लपेट दिया है. वह उसे शहीद बता रहे हैं. गोरक्षा दल का एक कार्यकर्ता माइक पर भीड़ को संबोधित करते हुए कहता है, "हमारा एक भाई आज शहीद हुआ है.. इसका बलिदान बेकार नहीं जायेगा.. यह अमर रहेगा.. इसका बलिदान काम आएगा, हमारे उन भाइयों के लिए जो जेल में बंद हैं.. वो छूटेंगे.. "
बिसाहड़ा में कट्टर हिन्दूवादी संगठन भड़काऊ भाषण भी लगातार दे रहे हैं. गुरुवार को मुजफ्फरपुर दंगों के दौरान भड़काने के आरोप में गिरफ्तार हो चुकी साध्वी प्राची ने भी यहां भाषण दिया और मुजफ्फरपुर में मारे गए दो हिन्दू लड़कों को "याद" करने को कहा.
बिसाहड़ा में लोग रवि के शव का अंतिम संस्कार न करने के लिए अड़े हुए हैं. वे कहते हैं कि जब तक जान मोहम्मद गिरफ्तार नहीं होता और रवि के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा नहीं मिलता तब तक वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
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“मीडिया क्यों दिखा नहीं रहा इस घटना को. क्या ये मौत नहीं है." एक महिला कहती है फिर बाकी उसके साथ मिलकर हमसे ऐसे ही सवाल करती हैं. मंगलवार को रवि की मौत दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में हो गई. डॉक्टरों के मुताबिक, उसकी मौत का कारण सांस की तकलीफ और किडनी फेल होना था. लेकिन बिसाहड़ा में तकरीबन हर आदमी, महिला को लगता है कि रवि की मौत जेल में यातना मिलने की वजह से हुई है.
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"जेलर ने रवि को जेल में ऊठक बैठक करवाए और पीटा.. लेकिन यह बात कोई नहीं बता रहा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या आएगा हमें मालूम है." गांव का एक आदमी कैमरे पर हमसे कहता है, "हम चाहते हैं कि जान मोहम्मद (अखलाक के भाई ) की गिरफ्तारी हो. उसने धमकी दी थी कि वह सबको मरवा देगा और अब उसने ये करवा दिया."
रवि के शव को बिसाहड़ा में लोगों ने तिरंगे में लपेट दिया है. वह उसे शहीद बता रहे हैं. गोरक्षा दल का एक कार्यकर्ता माइक पर भीड़ को संबोधित करते हुए कहता है, "हमारा एक भाई आज शहीद हुआ है.. इसका बलिदान बेकार नहीं जायेगा.. यह अमर रहेगा.. इसका बलिदान काम आएगा, हमारे उन भाइयों के लिए जो जेल में बंद हैं.. वो छूटेंगे.. "
बिसाहड़ा में कट्टर हिन्दूवादी संगठन भड़काऊ भाषण भी लगातार दे रहे हैं. गुरुवार को मुजफ्फरपुर दंगों के दौरान भड़काने के आरोप में गिरफ्तार हो चुकी साध्वी प्राची ने भी यहां भाषण दिया और मुजफ्फरपुर में मारे गए दो हिन्दू लड़कों को "याद" करने को कहा.
बिसाहड़ा में लोग रवि के शव का अंतिम संस्कार न करने के लिए अड़े हुए हैं. वे कहते हैं कि जब तक जान मोहम्मद गिरफ्तार नहीं होता और रवि के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा नहीं मिलता तब तक वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.