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3 years ago
नई दिल्ली:

चक्रवात यास (Cyclone Yaas) आज ओडिशा (Odisha) तट से टकरा चुका है. लैंडफॉल प्रक्रिया दोपहर 2 बजे तक पूरी हो गई है. यहां तूफान धामरा बंदरगाह और बालासोर के बीच गुजरा और कई इलाकों को प्रभावित किया. चक्रवात यास को लेकर ओडिशा, बंगाल, झारखंड हाई अलर्ट पर हैं. ओडिशा के भद्रक और बंगाल के दीघा में तूफान का सबसे ज्यादा असर दिख रहा है. यहां सड़कों और घरों पर पानी भर गया है. राष्ट्रीय और राज्य की राहत बचाव टीमें रास्तों को साफ करने और जरूरी जगहों पर राहत पहुंचाने का काम कर रही हैं.

चक्रवात की गंभीरता को देखते हुए कोलकाता एयरपोर्ट से सभी उड़ानों को निलंबित कर दिया गया है. कोलकाता एयरपोर्ट की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट से 26 मई की सुबह 8.30 बजे से शाम 7.45 बजे तक सभी उड़ानें निलंबित रहेंगी.

Here are the Live updates on Cyclone Yaas in Hindi :

Yaas LIVE News: यास चक्रवात से दूरसंचार ढांचे को मामूली नुकसान, लोगों को स्थानीय भाषा में भेजे गये संदेश
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, सरकार ने बुधवार को कहा कि चक्रवाती तूफ़ान 'यास' से दूरसंचार ढांचे को मामूली नुकसान हुआ है तथा नुकसान को कम करने के लिए लोगों को पहली बार स्थानीय भाषाओं में संदेश देने के लिये नेटवर्क का व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया गया. दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने कहा कि यास चक्रवात के बारे में लोगों को अवगत कराने के लिए स्थानीय भाषाओं में पहली बार ऑडियो संदेश के जरिये सतर्क किया गया.
Yaas LIVE: NDRF की 8 कंपनियां तैनात

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, झारखंड के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि तूफान से प्रभावित होने की आशंका वाले जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बलर (NDRF) की आठ कंपनियां तैनात की गयी हैं. तूफान के प्रभाव के 26 एवं 27 मई को सर्वाधिक प्रबल रहने की आशंका को देखते हुए पूर्वी सिंहभूम जिले में प्रशासन ने कोरोनावायरस के टीकाकरण कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है और लोगों से अपने घरों में ही रहने की अपील की है.
Yaas Cyclone LIVE: बांग्लादेश मौसम कार्यालय ने चक्रवाती तूफान ‘यास’ के प्रभाव के बारे में चेताया

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, बांग्लादेश मौसम कार्यालय ने बुधवार को भीषण चक्रवाती तूफान 'यास' के प्रभाव को लेकर चेतावनी दी है. बांग्लादेश अभी इस तूफान के प्रभाव से बचा हुआ है. भारत में मंगलवार की शाम चक्रवात 'यास' भीषण चक्रवाती तूफान में बदल गया था. पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड में 12 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
Yaas Cyclone LIVE Updates: चक्रवाती तूफान यास ने ओडिशा में मचाई तबाही, पेड़ उखड़े और बिजली आपूर्ति बाधित

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, चक्रवात यास बुधवार को ओडिशा के तटीय जिलों बालासोर तथा भद्रक में तबाही के अनेक निशान छोड़कर गया है और इन जगहों पर बड़ी संख्या में पेड़ तथा बिजली के खंभे गिर गये, निचले इलाकों में बाढ़ आ गयी और कच्चे मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये. दोनों जिलों के अनेक स्थानों के निवासी मंगलवार रात से बिना बिजली के रह रहे हैं. वहीं अनेक लोगों को सरकार ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. इन्हीं दोनों स्थानों पर बहुत भीषण चक्रवात का प्रकोप देखने को मिला.

Yaas LIVE Updates: चक्रवाती तूफान ‘यास’ बुधवार मध्यरात्रि तक पहुंच सकता है झारखंड

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, ओडिशा के तट पर बुधवार सुबह लगभग नौ बजे दस्तक देने वाले चक्रवाती तूफान 'यास' के मध्य रात्रि तक झारखंड पहुंचने की आशंका है. चक्रवात के प्रभाव से आज सुबह से ही राज्य के अधिकतर स्थानों पर भारी वर्षा जारी है. यह जानकारी राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने दी.
Cyclone Yaas LIVE: CM नवीन पटनायक ने की हालातों की समीक्षा

NDTV संवाददाता के अनुसार, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 'यास' के गुजरने के बाद हालातों की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने चक्रवात प्रभावित जिलों के 128 बाढ़ प्रभावित गांवों के सभी परिवारों के लिए 7 दिन की राहत की घोषणा की. सभी प्रमुख सड़कों को अगले 24 घंटे में दुरुस्त कर लिया जाएगा. प्रभावित जिलों में अगले 24 घंटों में बिजली की 80 फीसदी सप्लाई शुरू हो जाएगी. प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने के लिए मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों, जिला प्रशासन, संस्थाओं और पुलिस की तारीफ की. मुख्यमंत्री पटनायक ने इस मुश्किल समय में भी लगातार जारी सेवाओं के लिए सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को भी धन्यवाद दिया.
Yaas LIVE News: ओडिशा में ‘यास’ ने मचाई तबाही

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, ओडिशा सरकार के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात 'यास' ने उत्तरी ओडिशा और पड़ोसी पश्चिम बंगाल के तटीय शहरों में तबाही मचाई है. यह तूफान सुबह नौ बजे जब तट से टकराया तब 130-140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थी.
Yaas LIVE: चक्रवात ‘यास’: ओडिशा के तटीय जिलों में भारी बारिश

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, चक्रवात 'यास' के क्षेत्र में तबाही मचाने के बीच ओडिशा के तटीय जिलों में भारी बारिश हुई है. भुवनेश्वर स्थित मौसम केंद्र ने बुधवार को बताया कि भद्रक जिले के चांदबली में पिछले 24 घंटे में 288.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जबकि केंद्रपाड़ा के राजनिका में 251 मिमी वर्षा दर्ज की गई है. केंद्र के मुताबिक, मयूभंज जिले के नवाना में 210.4 मिमी बारिश हुई है तो जाजपुर के बिनझारपुर में 206 मिमी, जगतसिंहपुर के पारादीप में 200.3 मिमी और पुरी के अस्तरंग में 180 मिमी बरसात हुई है. विभाग ने बताया कि ढेंकनाल, अंगुल, देवगढ़ और सुंदरगढ़ जिलों में मध्यम बारिश हुई है जबकि क्योंझर जिले में औसत बरसात 44.7 मिमी रही.
Yaas LIVE: चक्रवात यास : तटीय बंगाल के आवासीय क्षेत्रों में भरा पानी

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, पश्चिम बंगाल में दीघा और उसके आसपास के स्थानों पर चक्रवात 'यास' की बड़ी मार पड़ी एवं इस पर्यटक शहर में समुद्र तट के निकट की कई सड़कें पानी से भर गयीं एवं लोग छाती भर पानी में आते -जाते नजर आये. 'यास' बुधवार सुबह ओड़िशा के तट पर पहुंचा. पूर्बा मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के कई इलाकों में चक्रवात की वजह से भारी वर्षा हुई. दीघा पूर्बा मेदिनीपुर का ही हिस्सा है.
Yaas LIVE: बंगाल में तीन लाख मकान क्षतिग्रस्त

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा कि राज्य में चक्रवात से एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने बताया कि चक्रवात के कारण तीन लाख मकान क्षतिग्रस्त हो गए. उन्होंने दावा किया कि चक्रवात के कारण राज्य सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा, ''इस प्राकृतिक आपदा से बंगाल में कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं. अब तक तीन लाख मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. एक व्यक्ति की दुर्घटनावश मौत हो गई.'' उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में 10 करोड़ रुपये की राहत सामग्री भेजी गई है.
Yaas Cyclone LIVE: ओडिशा-बंगाल में तटों से टकराने के बाद कमजोर हुआ चक्रवाती तूफान ‘यास’

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, उत्तर ओडिशा और पड़ोसी पश्चिम बंगाल में 130-145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओं के साथ समुद्र तटों से टकराने के बाद बुधवार की अपराह्र भीषण चक्रवाती तूफान 'यास' कमजोर पड़ गया. तूफान के कारण इन दो पूर्वी राज्यों में निचले इलाकों में पानी भर गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चक्रवात ओडिशा के भद्रक जिले में धामरा के उत्तर और बहनागा ब्लॉक के निकट बालासोर से 50 किलोमीटर दूर तट पर लगभग सुबह नौ बजे टकराया. उन्होंने बताया कि चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया अपराह्र एक बजकर 30 मिनट पर पूरी हुई. ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने बताया कि बालासोर जिले के बहनागा और रेमुना ब्लॉक और भद्रक जिले के धामरा और बासुदेवपुर के कई गांवों में समुद्री पानी घुस गया.
चक्रवात के कारण एक करोड़ लोग प्रभावित, तीन लाख मकान क्षतिग्रस्त: ममता बनर्जी
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को बताया कि चक्रवात 'यास' के कारण मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से राज्य में कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए और तीन लाख मकान क्षतिग्रस्त हुए.
Yaas Cyclone Live: बंगाल में कितने हुए प्रभावित

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि चक्रवात 'यास' के चलते मौसम के खराब हालात, ज्वार-भाटा के कारण बंगाल में कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और 15 लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
Cyclone Yaas Live Updates: चक्रवाती तूफान यास की लैंडफॉल प्रक्रिया पूरी

भुवनेश्वर के मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने बताया कि लैंडफॉल की प्रकिया पूरी हो गई है. अब राज्य में कल तक बारिश जारी रहेगी. मछुआरों को कल सुबह तक समुद्र में जाने से मना किया गया है क्योंकि समुद्र का स्तर घटने में अभी वक्त लगेगा.
Cyclone Yaas Tracker Live: बालासोर के करीब से गुजरा तूफान

आईएमडी ने बताया है कि यास सुबह 10.30 से 11.30 के बीच ओडिशा के उत्तरी तट पर स्थित बालासोर से 20 किमी दक्षिण से गुजरा. इस दौरान हवा की रफ्तार 130-140 से लेकर 155 KMPH थी. तूफान 11.30 पर बालासोर के 15 किमी दक्षिण-दक्षिणी पश्चिम में केंद्रित हो गया.
साइक्लोन यास लाइव अपडेट: ओडिशा में लगी हुई हैं बचावकार्य टीमें

पारादीप के म्युनिसिपल इलाके में तूफान से गिरे पेड़ों को हटाने में लगी है ODRAF की टीम.

एनडीआरएफ के डीजी सत्यनारायण प्रधान ने एनडीआरफ कर्मचारियों की वीडियो शेयर की है. तूफान ने कई इलाकों में पेड़ों को नुकसान पहुंचाया है और मार्ग बाधित किया है. एनडीआरएफ की टीमें लगातार रास्ते साफ कर रही हैं.

Cyclone Yaas Live Updates: कल सुबह झारखंड पहुंचेगा तूफान

IMD के डीजी मृत्युंजय मोहापात्रा ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि तूफान गुरुवार की सुबह तूफान पहुंचेगा, पिछले 24 घंटों में ओडिशा में भारी बारिश हुई है. उन्होंने बताया कि आज उत्तरी और तटीय ओडिशा में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है.

वहीं, पश्चिम बंगाल में भी आज कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होगी. झारखंड में आज और कल दोनों ही दिन कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है.
मुंबई से कोलकाता और भुवनेश्वर के लिए फ्लाइट्स कैंसल

यास के चलते बुधवार को मुबंई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशल एयरपोर्ट से कोलकाता और भुवनेश्वर जाने वाली कई फ्लाइट्स रद्द की गई हैं. जानकारी है कि अब तक 6 फ्लाइट्स- जिनमें 3 आने और 3 जाने वाली फ्लाइट्स कैंसल हैं. यात्रियों को सलाह दी गई है कि वो अपने एयरलाइंस से यात्रा को लेकर एडवांस में जानकारी ले लें.
ओडिशा के बालासोर से गुजर रहा है तूफान

यास ओडिशा के बालासोर के दक्षिणी तट से गुजर रहा है. सुबह 10.30 पर तूफान बालासोर से 25 किमी दक्षिण में था. लैंडफॉल की प्रक्रिया लगभग 2 घंटों में पूरी होगी.
ओडिशा के भद्रक के धामरा में ऐसी स्थिति बनी हुई है. रिहायशी इलाकों में समुद्र का पानी काफी ऊंचाई तक घुस आया है. यहां पेड़ और घर पानी में डूबे दिखाई दे रहे हैं.
पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर हो रही बारिश

लैंडफॉल के पहले पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता सहित मिदनापुर और अन्य कई इलाकों में तेज बारिश हो रही है.


Cyclone Yaas Tracker Live: चक्रवात यास : सेना के बचाव और राहत कॉलम की जगह 

 पश्चिम बंगाल

 - राज्य प्रशासन को सहायता के लिए कुल 17 कॉलम पहले से तैनात कर किए गए हैं.

 - नादिया और पश्चिम मिदनापुर में दो कॉलम.

 - पुरुलिया और वेस्ट बर्धमान में दो कॉलम.

 - झारग्राम और बकुरा में दो कॉलम.

 - बीरभूम में एक कॉलम.

 - हावड़ा और कोलकाता पोर्ट पर दो कॉलम.

 - उत्तर और दक्षिण 24 परगना में दो कॉलम.

 - कोलकाता पूर्व, मध्य और पूर्वी मिदनापुर में तीन कॉलम.

 - कोलकाता दक्षिण के लिए एक कॉलम.

 - हुगली में एक कॉलम.

 - बेहाला (कोलकाता) में एक कॉलम.

 ओडिशा (उड़ीसा)

 - बालासोर के लिए तीन कॉलम और एक इंजीनियर टास्क फोर्स.
थल सेना का चक्रवात यास से निपटने के लिये राहत एवं बचाव अभियान

थल सेना ने चक्रवात यास के कारण बन रहे हालात से निपटने के लिये लोगों को तुरंत मदद  पहुचाने हेत पश्चिम बंगाल राज्य सरकार के साथ ब्रीफिंग, संयुक्त रेकी, संपर्क और समन्वय पूरा कर लिया गया है. तुरंत सहायता पहुचाने के लिए प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में सेना के बचाव और राहत कॉलम पहले से तैनात हैं. इस बीच, पूर्वी मिदनापुर में पानी के लेवल में वृद्धि के कारण फंसे 32 नागरिकों को बचाने के लिए एक बचाव दल शुरू किया गया है.
लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू

सुबह 9 बजे के आसपास लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू हो गई है. अत्यधिक खतरनाक चक्रवाती तूफान ओडिशा के बालासोर से 50 किमी दक्षिण-दक्षिणी पश्चिम में स्थित है.


ओडिशा के जजपुर में एक वृद्ध महिला और एक बच्चे को स्ट्रेचर पर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाती NDRF की टीम.



साइक्लोन यास पर आईएमडी का 8.30 का बुलेटिन

आईएमडी ने बताया है कि अगले कुछ घंटों में लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. तूफान उत्तरी ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों पर धामरा के उत्तर और बालासोर के दक्षिण से एक अत्यधिक खतरनाक चक्रवाती तूफान की तरह गुजरेगा. इस दौरान इसकी गति 130-140 किमी से बढ़कर 155 किमी प्रति घंटा हो सकती है.
तूफान के लैंडफॉल के पहले दिख रहा असर

तूफ़ान यास अब से कुछ घंटे बाद ओडिशा के धामरा बंदरगाह और बालासोर के बीच तट से टकराएगा. माना जा रहा है कि इस दौरान हवा की रफ़्तार 185 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है. तूफ़ान से पहले ही कई इलाकों में तेज़ हवाएं चलीं हैं, कई जगह बारिश हुई, पेड़ भी गिर गए हैं. पश्चिम बंगाल के नईहट्टी और हालीशहर में कई घर तूफ़ान और तेज़ बारिश की वजह से तबाह हो गए हैं.
कहां-कहां दिख सकता है यास का असर

मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात का सबसे ज़्यादा असर तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल में होगा. इसके अलावा तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भी इसका प्रभाव दिखाई देने की आशंका है. इन राज्यों के अलावा झारखंड, केरल के तटवर्ती इलाक़े भी तूफ़ान यास से प्रभावित हो सकते हैं. असम, मेघालय, यूपी और बिहार के कई इलाक़ों में भी तूफ़ान की वजह से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. 
बंगाल के दीघा में सुबह ऐसी स्थिति हो गई है. यहां समुद्र का स्तर बढ़ने से पानी अंदर शहर में सड़कों पर घुस आया है. 

आईएमडी के मुताबिक, साइक्लोन यास सुबह 6.45 पर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम में था. तूफान ओडिशा के धामरा से 40 किमी पूर्व, पश्चिम बंगाल के दीघा से 90 किमी दक्षिण-दक्षिणी पश्चिम में और ओडिशा के बालासोर से 90 किमी दक्षिण-दक्षिणी पश्चिम में था.

बालासोर में जहां तेज बारिश हो रही है, वहीं दीघा में समुद्र का पानी सड़कों पर आ रहा है.
ओडिशा के बालासोर और चांदीपुर में तेज हवा के साथ बारिश

साइक्लोन के करीब आने के साथ-साथ ओडिशा के कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है. बालासोर और चांदीपुर में सुबह से तेज हवा के साथ बारिश हो रही है.
ओडिशा के भद्रक जिले में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश
ओडिशा के भद्रक जिले के धामरा में तेज हवाएं और भारी बारिश हो रही है, क्योंकि चक्रवाती यास लैंडफॉल के करीब है. आईएमडी का कहना है कि 'बहुत भीषण चक्रवाती तूफान' आज दोपहर तक 130-140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा के साथ लैंडफॉल बनाने की उम्मीद है.
इन क्षेत्रों में हो सकती है भारी बारिश : आईएमडी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, ओडिशा के भद्रक, जगतसिंहपुर, कटक, बालासोर, ढेंकनाल, जाजपुर, मयूरभंज, केंद्रपाड़ा और क्योंझरगढ़ में कुछ स्थानों पर भारी और अधिकांश स्थानों पर मध्यम बारिश की उम्मीद है.
बंगाल में समुंद्र किनारे दिखा चक्रवात यास का असर
पश्चिम बंगाल के पूर्व मिदनापुर जिले के दीघा में समुद्र में तेज लहरें उठ रही हैं.
कोलकाता में भी दिखेगा चक्रवात यास का असर
चक्रवाती तूफान यास के मद्देनजर ओडिशा के जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिले के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है. वहीं, बंगाल में पश्चिम मिदनापुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों और राज्य की राजधानी कोलकाता में 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है.
ओडिशा में लैंडफॉल से पहले भारी बारिश
ओडिशा में लैंडफॉल से पहले भद्रक जिले में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश
ओडिशा में चक्रवाती तूफान यास का दस्तक, तेज हवाओं के साथ भारी बारिश शुरु
ओडिशा में करीब 30 लाख और बंगाल में करीब 50 लाख लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है. अधिकारियों ने कहा कि सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए उन्हें सुरक्षित आवास उपलब्ध कराना एक चुनौती है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने तटीय जिलों में स्थिति का जायजा लिया, जहां तेज हवाओं के साथ भारी बारिश शुरू हो गई है. उन्होंने कहा, "हर जीवन अनमोल है, इसलिए जीवन की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाने चाहिए."
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तीन तटीय जिलों के जिलाधिकारियों को सतर्क रहने को कहा
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने चक्रवात "यास" के मद्देनजर तीन तटीय जिलों के जिलाधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है. यह चक्रवात बुधवार को पड़ोसी राज्य ओडिशा में टकराने की संभावना है. मुख्यमंत्री ने विशाखापट्टनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम जिलों के जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की और हालात का जायजा लिया. श्रीकाकुलम में डेरा डाले मुख्य सचिव आदित्य नाथ दास ने मुख्यमंत्री को तीन उत्तर तटीय जिलों की वर्तमान परिस्थितियों से अवगत कराया.

उन्होंने कहा कि हालात पर करीबी नजर बनाए रखने और परिस्थिति के अनुसार कार्रवाई के लिए सभी उच्च अधिकारी ओडिशा से सटे श्रीकाकुलम में ठहरे हुए हैं. हल्की बारिश के अलावा श्रीकाकुलम जिले में चक्रवात का अधिक प्रभाव नहीं है. मुख्य सचिव ने कहा कि चक्रवात के दौरान बिजली आपूर्ति प्रभावित होने की सूरत में अस्पतालों में डीजल जेनरेटर का इंतजाम किया गया है ताकि कोविड-19 मरीजों के लिए ऑक्सीजन अपूर्ति में कोई बाधा नहीं आए.

चक्रवात यास: सेना ने पश्चिम बंगाल में राहत कार्य के लिये 17 कॉलम तैनात किए
देश के पूर्वी तटीय इलाकों में चक्रवात यास के मद्देनजर सेना ने पश्चिम बंगाल में 17 एकीकृत राहत कॉलम की तैनाती की है जिनमें आवश्यक उपकरण और नाव के साथ विशेषज्ञ कर्मी शामिल हैं. सेना ने एक बयान में कहा, "अनुरोध के आधार पर पश्चिम बंगाल सरकार के साथ करीबी समन्वय में सेना के इन कॉलम की तैनाती की गई है."

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि चक्रवात यास के बुधवार सुबह ओडिशा के भद्रक जिले में धामरा बंदरगाह के निकट दस्तक देने की आशंका है और इसकी गति 155 से 165 किलोमीटर तक हो सकती है जो बढ़कर 185 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती है. बयान में कहा गया कि सेना के कॉलम फंसे हुए हताहतों को निकालने, चिकित्सा उपचार, सड़क खोलने या पेड़ काटने और राहत सामग्री के वितरण जैसे काम के लिये स्थानीय प्रशासन के जरूरत के मुताबिक काम करने में समर्थ है.

सेना ने कहा, "सेना के यह कॉलम पुरुलिया, झारग्राम, बीरभूम, बर्धमान, पश्चिम मिदनापुर, हावड़ा, हुगली, नादिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में मौजूद हैं." इसमें कहा गया कि पश्चिम बंगाल में जरूरत के मुताबिक कोलकाता में पुन: तैनाती के लिये नौ राहत टुकड़ियों को तैयार रखा गया है और यह अल्प समय में तैनाती के लिये तैयार हैं. सेना में सैनिकों की संख्या के एक निश्चित गठन को कॉलम कहते हैं.

चक्रवाती तूफान यास के हर पल की स्थिति की जानकारी देगा एसरी इंडिया का नक्शा
भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) सॉफ्टवेयर और समाधान उपलब्ध कराने वाली एसरी इंडिया ने चक्रवाती तूफान यास के रास्ते की पूरी जानकारी और उस पर नजर रखने के लिए एक नक्शा जारी किया है. चक्रवात के 26 मई को ओड़िशा के उत्तरी भाग में बालेश्वर के समीप पहुंचने की संभावना है.
कंपनी के अनुसार चक्रवाती तूफान यास के रास्ते की सीधी तस्वीर (यास लाइव पाथ) जीआईएस मैपिंग एप्लीकेशन सबसे अधिक खतरे वाले इलाकों में पहले से तैयारी करने, जगह खाली कराने, पुनर्वास योजनाओं में भी मदद करेगा.

एसरी ने एक बयान में कहा कि यह जीआईएस नक्शा चक्रवात के अनुमान की स्थिति, रुख, उसका रास्ता, वायु की गति, चेतावनी आदि जैसी सूचना समय रहते उपलब्ध कराता है. इसका उपयोग मैपिंग एवं जोखिम से निपटने संबंधी तैयारियों में किया जा सकता है. एसरी इंडिया के प्रबंध निदेशक अगेन्द्र कुमार ने कहा, ''इस पहल का उद्देश्य संबंधित अधिकारियों, विभागों और सामाजिक संगठनों को तूफान की स्थिति के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना है जिससे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा जा सके और लोगों के जीवन एवं संपत्ति की सुरक्षा के लिए समय रहते कदम उठाये जा सके.'' 

उन्होंने कहा, '' चक्रवात यास के 'लाइव पाथ मैप' को खास तौर पर भौगोलिक सूचना प्रणाली प्रौद्योगिकी का उपयोग कर अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया गया है. इससे जुड़े नागरिकों और संगठनों को योजना तैयार करने और उन्हे सुरक्षा के लिए अस्थायी रूप से कम गंभीर इलाकों में ले जाने में मदद मिलेगी.''

मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि चक्रवाती तूफान यास बुधवार दोपहर ओड़िशा के बालेश्वर के समीप पहुंचने की संभावना है. इसमें 155-165 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी. कुमार ने कहा, ''एसरी इंडिया में हमारा ध्यान विभिन्न स्रोतों से सूचना एकत्र करना और एक समान जीआईएस मंच पर उसे साझा करने पर है ताकि इससे नुकसान को कम करने और लोगों की जिंदगी एवं संपत्ति बचाने में सामूहिक प्रयासों में मदद मिल सके.'' यह नक्शा एसरी की वेबसाइट पर उपलब्ध है. यह मौसम, हवा की गति, मकानों की संख्या और क्षेत्र में आबादी के बारे में अद्यतन जानकारी देगा.

चक्रवात यास : एनडीआरएफ ने ओडिशा बंगाल में अभी तक की सबसे ज्यादा टीमें तैनात कीं
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एस. एन. प्रधान ने मंगलवार को बताया कि चक्रवात यास के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के लिए बल ने अभी तक की सबसे ज्यादा टीमें ओडिशा और बंगाल में तैनात की गयी हैं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल में आठ लाख से ज्यादा जबकि ओडिशा में दो लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न चक्रवात से देश के पांच राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह के प्रभावित होने की आशंका है, जिसे देखते हुए एनडीआरएफ ने अपनी 113 टीमें तैनात की हैं. 

एनडीआरएफ के प्रवक्ता ने बताया कि कुल टीमों में से 104 टीमें जमीनी स्तर पर तैनात हैं जबकि नौ टीमों को इन राज्यों में 'हाई अलर्ट' पर रखा गया है. एनडीआरएफ की सबसे ज्यादा 52 टीमें ओडिशा में जबकि 45 टीमें पश्चिम बंगाल में तैनात की गई हैं. प्रवक्ता ने बताया कि बाकि टीमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में तैनात की गई हैं. एनडीआरएफ के महानिदेशक प्रधान ने बताया कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल में उनकी टीमों की यह सबसे बड़ी तैनाती है. उन्होंने बताया कि इससे पहले ओडिशा में 2019 में चक्रवातीय तूफान 'फेनी' के दौरान 50 टीमें तैनात की गई थीं, वहीं पश्चिम बंगाल में हाल ही में आए चक्रवातीय तूफान अम्फान में 30 टीमों की तैनाती की गई थी.

एनडीआरएफ की प्रत्येक टीम में 47 कर्मी होते हैं जिनके पास पेड़ और खंभे काटने के उपकरण, संचार उपकरण, रबड़ की बनी नौकाएं और सामान्य मेडिकल किट होती है. प्रधान ने बताया, ''हाल ही में आए तूफान ताउते से सीख लेकर केन्द्र और राज्य सरकारों ने हद से ज्यादा एहतियात बरती है, इसी कारण इतनी बडी संख्या में तैनाती की गयी है और सभी का लक्ष्य जान-माल की नुकसान को न्यूनतम करना, संभव हो तो जनहानि को शून्य करना है.'' शाम करीब छह बजे जारी एक वीडियो संदेश में प्रधान ने कहा, ''प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में, यास को लेकर गृह मंत्री, कैबिनेट सचिव और गृह सचिव की उपस्थिति में हुई बैठक में इसीपर सहमति बनी और राज्य भी इसपर राजी हैं.'' उन्होंने कहा, ''आशा की जा रही है कि राज्य सरकार और जिला प्रशासनों के प्रयास बेकार नहीं जाएंगे और हम सभी मिलकर जान-माल की न्यूनतम हानि सुनिश्चित कर सकेंगे.''

प्रधान ने बताया कि यास फिलहाल ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट से करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर गंभीर चक्रवातीय तूफान की स्थिति में है और उसके गंभीर से बेहद गंभीर चक्रवातीय तूफान में बदलने तथा तड़के ओडिशा के तट पर धामरा और चांदबाली के बीच से होकर गुजरने का अनुमान है. मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवात के दौरान हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने और इसके बढ़कर 185 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंचने की संभावना है.

चक्रवातीय तूफान ‘यास’ को लेकर बिहार में अलर्ट, मुख्यमंत्री ने तैयारियों को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चक्रवातीय तूफान 'यास' के मद्देनजर तैयारियों को लेकर मंगलवार को आपदा प्रबंधन विभाग, संबद्ध विभागों तथा सभी जिलाधिकारियों के साथ ऑनलाईन बैठक की और सभी को पूरा-पूरा एहतियात बरतने तथा सतर्क रहने का निर्देश दिया. अपने आवास पर हुई बैठक में उन्होंने कहा कि सूचना के अनुसार पूरा राज्य इससे प्रभावित होगा और सबंधित विभाग एवं अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रखते हुए उसके अनुसार जरूरी तैयारी करे. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकी मरीजों को कोई परेशानी ना हो. साथ ही बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था जरूर रखें.

बैठक में स्वास्थ्य सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा 'यास' चक्रवात के संबंध में मिली सूचना की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य में 27 से 30 मई तक आंधी, तूफान, वज्रपात तथा वर्षा की संभावना है, इसे देखते हुये सभी जिलाधिकारियों को सर्तक कर दिया गया है. ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग को विषेष रूप से अलर्ट रहने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी अलर्ट पर हैं. नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर तथा ऊर्जा सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने भी अपने विभागों से संबंधित तैयारियों को लेकर विस्तृत जानकारी दी.

चक्रवात यास के मद्देनजर नवीन पटनायक ने लोगों की जिंदगी बचाने पर जोर दिया
भीषण चक्रवाती तूफान ''यास'' के बुधवार को ओडिशा में दस्तक देने के मद्देनजर राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंगलवार को अधिकारियों से कहा कि लोगों का जीवन बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएं. राज्य में चक्रवात की स्थिति का जायजा लेने के लिए पटनायक ने एक बैठक की. राज्य के तटीय इलाकों में 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और भारी बारिश होने से लोगों के जनजीवन पर इसका असर पड़ने लगा है. ओडिशा के मुख्यमंत्री ने कहा, ''हर जीवन अनमोल है, इसलिए जीवन रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाने चाहिए.''

चक्रवाती तूफान वर्तमान में 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है और वर्तमान में यह पारादीप तट से करीब 180 किलोमीटर दूर है. ओडिशा सरकार ने इससे प्रभावित होने वाले जिलों की तरफ मानव बल, मशीन और दवाएं भेजी हैं. विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी़ के. जेना ने समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को सूचित किया, ''चक्रवात भद्रक जिले में बासुदेवपुर और बालासोर जिले में बहनगा के बीच धर्मा बंदरगाह के नजदीक बुधवार को दस्तक देगा.''

एसआरसी ने कहा कि बुधवार की सुबह चार बजे यह दस्तक देगा और सुबह आठ बजे तक यह काफी तीव्र होगा और 77 प्रखंडों को उच्च असर वाली श्रेणी में रखा गया है. जेना ने बताया कि दस्तक देने के समय हवा की गति 140 से 155 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. एसआरसी ने कहा कि एनडीआरएफ की 52 टीम, ओडीआरएएफ की 60 टीम, अग्निशमन दल की 206 टीम और वन विभाग की लकड़ी काटने वाली 60 टीम को दस तटीय एवं आसपास के जिलों में तैनात कर दिया गया है.

चक्रवात ‘यास’: बंगाल वन विभाग ने तीन जिलों में 16 राहत दलों का गठन किया
पश्चिम बंगाल वन विभाग ने आसन्न चक्रवात 'यास' के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तीन जिलों में 16 दलों का गठन किया है. एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कोलकाता, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में इन दलों का गठन किया गया है. वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने 'पीटीआई - भाषा' को बताया, ''कोलकाता और दक्षिण / उत्तर 24 परगना जिलों में, 16 दल केएमसी सहित स्थानीय निकायों के साथ समन्वय कर काम करेंगे, जिसमें कटे हुए पेड़ों को हटाने और मनुष्यों और जानवरों के बचाव कार्यों सहित अन्य कार्य शामिल होंगे.'' विभाग सुंदरबन में बाघों को भटकने से रोकने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है.

चक्रवात ''यास'' के टकराने से पहले बंगाल, ओडिशा ने लाखों लोगों को निकाला, झारखंड भी सतर्क
चक्रवात यास मंगलवार की शाम को भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया. इसके चलते पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जोखिम वाले क्षेत्रों से 12 लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक एम. महापात्र ने कहा कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए 'रेड कोडेड' चेतावनी जारी की गई है. महापात्र ने कहा, ''उत्तर पश्चिम और बंगाल की खाड़ी में गंभीर चक्रवाती तूफान यास भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है.''

यह उत्तर- उत्तर पश्चिम की तरफ मुड़ सकता है तथा इसकी तीव्रता और अधिक हो सकती है. यह बुधवार की सुबह तक उत्तर ओडिशा में धमरा बंदरगाह के पास दस्तक दे सकता है. मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवात के दौरान हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने और इसके बढ़कर 185 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंचने की संभावना है. चक्रवात के खतरे के बीच भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने कहा कि कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बुधवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 7:45 तक उड़ानों का संचालन निरस्त रहेगा. इसी तरह, भुवनेश्वर का बीजू पटनायक हवाईअड्डा मंगलवार रात 11 बजे से बृहस्पतिवार सुबह पांच बजे तक बंद रहेगा. दक्षिण पूर्व रेलवे ने भी कई ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की है.

चक्रवात के मद्देनजर पड़ोसी राज्य झारखंड ने भी अलर्ट जारी किया है और चक्रवात के प्रभाव के मद्देनजर तैयारी की जा रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनके प्रशासन ने नौ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. वहीं, ओडिशा सरकार का कहना है कि उसने सुरक्षा को देखते हुए तटीय जिलों से तीन लाख से अधिक लोगों को निकाला है. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के वैज्ञानिक डॉ उमाशंकर दास ने बताया कि चक्रवात ओडिशा के भद्रक जिले में धमरा और चांदबाली के बीच टकराने का अनुमान है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए 74,000 से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा दो लाख से अधिक पुलिसकर्मियों एवं नागरिक स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) कर्मियों को तैनात किया गया है और आवश्यकता पड़ने पर सेना की भी मदद ली जाएगी.

बनर्जी ने कहा, "हमने नौ लाख लोगों को राहत एवं बाढ़ केंद्रों में पहुंचाया है. राज्य में ऐसे 4000 केंद्र हैं. हम 24 घंटे हालात पर नजर बनाए हुए हैं. निगरानी के लिए प्रत्येक ब्लॉक में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं. साथ ही राज्य सचिवालय में भी नियंत्रण कक्ष बनाया गया हैं." उन्होंने कहा, "मुख्य एवं गृह सचिव जिलाधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं. मैंने दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, झारग्राम, पूर्व मेदिनीपुर के जिलाधिकारियों से बात की है." मुख्यमंत्री ने कहा कि कोलकाता के लिए भी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.

उधर, ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि निचले इलाके के कच्चे घरों में रहने वाले 2.10 लाख से अधिक लोगों को चक्रवात आश्रय गृहों में भेजा गया है. इनमें बालासोर जिले के सबसे अधिक 74,132 लोग और भ्रदक जिले के 73,103 लोग शामिल हैं. एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि करीब 5,000 ऐसी गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है,जोकि एक जून तक बच्चे को जन्म दे सकती हैं. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गृह राज्य मंत्री डी एस मिश्रा को राज्य के उत्तरी हिस्से में हालात की निगरानी करने के लिए बालासोर भेजा है.

जेना ने कहा कि चार तटीय जिलों केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, भद्रक और बालासोर सबसे अधिक जोखिम वाले इलाके हैं जबकि यास के चलते मयूरभंज, क्योंझर, सुंदरगढ़, ढेंकनाल, अंगुल के अलावा पुरी और खुर्दा जिले का भी हिस्सा प्रभावित होगा. उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के 52 और ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल की 60 टीमों और अग्निशमन के 205 दलों समेत 404 बचाव दल जोखिम वाले जिलों में तैनात रहेंगे. आईएमडी ने मंगलवार सुबह जारी अपने बुलेटिन में कहा कि 'यास' के अगले 12 घंटे में उत्तर-पश्चिमोत्तर दिशा में बढ़ने की संभावना है. ओडिशा के मयूरभंज जिले और पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों में हवा की रफ्तार 100-120 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 145 किलोमीटर प्रति घंटे की हो सकती है. ओडिशा के पुरी, कटक, खुर्दा और जाजपुर जिले तथा पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर और उत्तरी 24 परगना जिलों में 80-90 किलोमीटर रफ्तार की हवाएं 110 किलोमीटर तक पहुंच सकती हैं.

मौसम विभाग ने अगली सूचना तक मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है. वहीं, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि झारखंड ने भी चक्रवात के जोखिम को देखते हुए पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सीमा के पास स्थित पूर्वी एवं पश्चिमी सिंहभूम जिलों से लोगों को हटाया है. आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि चक्रवात के चलते कोल्हन संभाग प्रभावित हो सकता, जिसमें पूर्वी एवं पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले आते हैं.

उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों से सटे जिलों में एनडीआरएफ टीमों को तैनात किया गया है. कौशल ने कहा कि अस्पतालों से बिजली, ऑक्सीजन एवं अन्य आवश्यक आपूर्ति के संबंध में पर्याप्त इंतजाम रखने का कहा गया है. मौसम विभाग ने झारखंड में 110-120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना जतायी है. उधर, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एस. एन. प्रधान ने मंगलवार को बताया कि चक्रवात यास के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के लिए बल ने अभी तक की सबसे ज्यादा टीमें ओडिशा और बंगाल में तैनात की गयी हैं. बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न चक्रवात से देश के पांच राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह के प्रभावित होने की आशंका है, जिसे देखते हुए एनडीआरएफ ने अपनी 113 टीमें तैनात की हैं. देश के पूर्वी तटीय इलाकों में चक्रवात यास के मद्देनजर सेना ने पश्चिम बंगाल में 17 एकीकृत राहत कॉलम की तैनाती की है जिनमें आवश्यक उपकरण और नाव के साथ विशेषज्ञ कर्मी शामिल हैं. सेना ने एक बयान में कहा, "अनुरोध के आधार पर पश्चिम बंगाल सरकार के साथ करीबी समन्वय में सेना के इन कॉलम की तैनाती की गई है."

इस बीच, पश्चिम बंगाल के हुगली और उत्तरी 24 परगना जिलों में मंगलवार को तूफान आने के बाद कम से कम दो व्यक्तियों की बिजली का करंट लगने से मौत हो गयी जबकि करीब 80 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे 'बवंडर' बताया है. चक्रवात 'यास' के बुधवार को ओड़िशा के भद्रक जिले में धर्मा बंदरगाह पर पहुंचने से पहले ही यह प्राकृतिक घटना घटी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, '' यह अप्रत्याशित था... चक्रवात ने चिनसुराह पर कहर बरपाया, 40 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये. दो व्यक्तियों की बिजली का करंट लगने से मौत हो गयी.''
चक्रवात यास : झारखंड में तैयारियां पूरी, कोल्हान से लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया गया
बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवातीय तूफान 'यास' के बुधवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर पहुंचने के अनुमान और इसके कारण हो रही मूसलाधार बारिश, आंधी के मद्देनजर झारखंड में भी सरकार पूरी सतर्कता बरत रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसांवा आदि जिलों के अनेक इलाकों में झोपड़ियों और कमजोर मकानों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. 

राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने 'पीटीआई/भाषा' को बताया कि तूफान से प्रभावित होने की आशंका वाले जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की आठ कंपनियां तैनात की गयी हैं. उन्होंने बताया कि पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, खूंटी, बोकारो समेत कोल्हान मंडल के अनेक क्षेत्रों के तूफान से प्रभावित होने की आशंका है, ऐसे में वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि इन सभी सीमावर्ती जिलों, राजधानी रांची तथा राज्य के अनेक इलाकों में आज भी भारी वर्षा हुई और कल इन जगहों पर तेज आंधी आने की आशंका है. मौसम विभाग के अनुसार, तूफान के प्रभाव के 26 एवं 27 मई को सर्वाधिक प्रबल रहने की आशंका को देखते हुए पूर्वी सिंहभूम जिले में प्रशासन ने कोरोना के टीकाकरण के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है और लोगों से घरों में ही रहने की अपील की है. मौसम विभाग के झारखंड केन्द्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने बताया कि अगले 24 घंटों में राज्य के अधिकतर जिलों में मूसलाधार बारिश और ओडिशा तथा बंगाल से सटे हुए जिलों में तेज आधी के साथ बारिश होने की आशंका है.

बोकारो के उपायुक्त राजेश सिंह ने पीटीआई/भाषा को बताया कि जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को चक्रवाती तूफान 'यास' से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार और सतर्क रहने को कहा गया है. झारखंड सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर चक्रवातीय तूफान से बचाव और राहत को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं जिसके तहत अस्पतालों में बिजली और ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति, और बिजली के लिए जेनेरेटर की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है.

यास भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हुआ : आईएमडी
चक्रवात यास मंगलवार की शाम को भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया. यह जानकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक एम. महापात्र ने दी. आईएमडी ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए 'रेड कोडेड' चेतावनी अलर्ट जारी किया है. महापात्र ने कहा, ''उत्तर पश्चिम और बंगाल की खाड़ी में गंभीर चक्रवाती तूफान यास भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है.''

यह उत्तर- उत्तर पश्चिम की तरफ मुड़ सकता है तथा इसकी तीव्रता और अधिक हो सकती है. यह बुधवार की सुबह तक उत्तर ओडिशा में धमरा बंदरगाह के पास दस्तक दे सकता है.

आईएमडी के चक्रवात चेतावनी विभाग ने कहा, ''यह बुधवार की दोपहर उत्तर ओडिशा - पश्चिम बंगाल में पारादीप और सागर द्वीप के तटों के बीच धमरा के नजदीक से भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में गुजर सकता है.'' इसने बताया कि पारादीप में डोप्लर मौसम रडार से इसकी निगरानी की जा रही है.
चक्रवात यास को लेकर अलर्ट पर तीन राज्य, लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया
चक्रवात यास के खतरे को देखते हुए स्थानीय प्रशासन बंगाल और ओडिशा के निचले तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रही है. गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को जिला प्रशासन की मदद से सरकारी अस्पतालों, समुदायिक केंद्रों में शिफ्ट किया जा रहा है. ताकि उनकी देखभाल की जा सके. वहीं, मछुआरों को निर्देश दिया गया है कि अपने नावों को सुरक्षित स्थानों पर रख लें. 

इसी तरह ओडिशा सरकार ने भी चक्रवात यास को लेकर तटीय जिलों के संवेदनशील इलाकों से करीब 2 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि चक्रवात का प्रभाव लैंडफॉल से पहले और बाद में छह घंटे तक गंभीर रहेगा, और ओडिशा में चांदबली में सबसे अधिक नुकसान होने का अनुमान है.

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