
ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद अमेरिका के टैरिफ से दुनिया के तमाम देशों में खलबली मची हुई है. पिछले दिनों ही ट्रंप ने भारत पर 26 फीसदी रेसिप्रोकल लगा दिया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित 75 देशों पर लगाए अपने अतिरिक्त टैरिफ को 90 दिन के लिए रोक दिया है. जिसके बाद अमेरिका ने भारत पर टैरिफ 26 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है. टैरिफ कम करने पर व्यापारी संगठन सीटीआई ने भी अमेरिका के इस कदम का स्वागत किया है. निर्यातकों ने कहा कि अमेरिका के जवाबी टैरिफ को 90 दिन के लिए टालने से बड़ी राहत मिली है. साथ ही इससे भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत को आगे बढ़ाने का रास्ता खुला है.
अमेरिका ने चीन पर लगाया 125% टैरिफ
सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि चीन पर 125% टैरिफ लगाने से अमेरिकी बाजार में भारत की कंपनियों और व्यापारियों के लिए बहुत बड़े अवसर के रास्ते खुल गए हैं. भारत का अमेरिका को सालाना निर्यात 7 अरब डॉलर से बढ़कर 15 अरब डॉलर हो सकता है. इसके साथ ही सीटीआई ने कहा कि भारत का सामान चीन की तुलना में अमेरिका के लिए ज्यादा सस्ता होगा. कुछ दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामान पर 26% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, उन्होंने आज इसको 16 फीसदी घटाते हुए 26 से 10 फीसदी कर दिया है.
अमेरिका के इस कदम का दिल्ली और देश में व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री सीटीआई ने स्वागत किया है.
अमेरिका के टैरिफ वॉर में भारत के पास मौके
CTI चेयरमैन बृजेश गोयल और महासचिव विष्णु भार्गव ने बताया कि अमेरिका ने भारत के लिए आज दोहरी राहत दी है. जहां एक ओर भारत पर टैरिफ 16% घटाते हुए 26% से घटाकर 10% कर दिया है. वहीं दूसरी ओर भारत के सबसे बड़े कारोबारी प्रतिस्पर्धी देश चीन पर 125% टैरिफ लगा दिया है, इससे अब भारत और दिल्ली के व्यापारियों और कंपनियों के लिए चीन की तुलना में अमेरिका में सामान बेचने के ज्यादा अवसर पैदा होंगे. क्योंकि अब अमेरिका के व्यापारियों के लिए चीन की तुलना में भारत का सामान ज्यादा सस्ता होगा.
अमेरिका को भारत से जाती है ये चीजें
सीटीआई महासचिव गुरमीत अरोड़ा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग ने बताया कि अमेरिका को भारत मेटल, पर्ल, स्टोन, लेदर, केमिकल, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिक, मसाले, मशीनरी पार्ट्स, फार्मास्युटिकल, मसाले और चावल आदि का निर्यात करता है और चीन भी इनमें से ज्यादातर सामान अमेरिका को भेजता है. अब टैरिफ लगने से अमेरिकी के व्यापारियों का ज्यादा रूझान भारत की ओर बढ़ेगा. बृजेश गोयल ने बताया कि अमेरिका को भारत सालाना 7 अरब डॉलर का सामान निर्यात करता है.
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