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CPM नेता सीताराम येचुरी का निधन, सांस लेने में दिक्कत के बाद AIIMS में हुए थे एडमिट

Sitaram Yechury News: सीताराम येचुरी को तेज बुखार आने के बाद 19 अगस्त को AIIMS में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उन्हें ICU में एडमिट किया गया था.

नई दिल्ली:

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी नहीं रहे. दिल्ली के AIIMS में गुरुवार को उनका निधन हो गया. तेज बुखार आने के बाद उन्हें 19 अगस्त को AIIMS में भर्ती कराया गया था. यहां 23 दिन से उनका इलाज चल रहा था. 72 साल के CPM नेता ने हाल ही में मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी कराया था.

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिा (मार्क्सवादी) ने X पर पोस्ट करके सीताराम येचुरी के निधन की जानकारी दी है. CPIM ने लिखा- "गहरे दुख के साथ हम घोषणा करते हैं कि CPIM महासचिव हमारे प्रिय कॉमरेड सीताराम येचुरी का आज 12 सितंबर को दोपहर 3.03 बजे निधन हो गया है. दिल्ली के AIIM में उन्होंने अंतिम सांसें लीं. येचुरी सांस की नली में इंफेक्शन से जूझ रहे थे."
 

AIIMS को दान में दिया जाएगा पार्थिव शरीर
सीताराम येचुरी के परिवारवालों ने एक अहम फैसला किया है. उनका अंतिम संस्कार नहीं होगा, बल्कि पार्थिव शरीर को AIIMS को दान कर दिया जाएगा. पार्थिव शरीर का इस्तेमाल मेडिकल स्टूडेंट्स की एजुकेशन के लिए किया जाएगा. 13 सितंबर को CPIM के दफ्तर में येचुरी का पार्थिव शरीर श्रद्धांजलि के लिए रखा जाएगा. यहां सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक लोग उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दे सकेंगे. इसके बाद पार्थिव शरीर AIIMS को वापस कर दिया जाएगा. 

सीताराम येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) में शामिल हुए थे. एक साल बाद उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की सदस्यता ले ली. उन्हें एक साल (1977-78) के दौरान तीन बार JNU छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया. येचुरी SFI के ऐसे पहले अध्यक्ष थे, जो केरल या बंगाल से नहीं थे.

1986 में SFI छोड़ी, कांग्रेस में पोलित ब्यूरो के लिए चुने गए
सीताराम येचुरी 1984 में CPI(M) की केंद्रीय समिति के लिए चुने गए. इस बीच उन्होंने 1986 में SFI छोड़ दी. फिर कांग्रेस के पोलित ब्यूरो के लिए चुने गए. 2005 में वो पश्चिम बंगाल से राज्यसभा पहुंचे थे.

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चेन्नई में जन्म, हैदराबाद में स्कूली शिक्षा और JNU में पोस्ट-ग्रेजुएशन
सीताराम येचुरी का जन्म तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में 12 अगस्त 1952 में हुआ था. उनकी शुरुआती शिक्षा हैदराबाद में हुई. नई दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया. JNU से उन्होंने पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. JNU से उन्होंने इकोनॉमिक्स में MA किया. उन्होंने पीएचडी के लिए JNU में एडमिशन लिया था. लेकिन, 975 में इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तारी के कारण वो अपनी थीसिस पूरी नहीं कर पाए. उनकी शादी सीमा चिश्ती से हुई थी. येचुरी की पत्नी सीमा चिश्ती पेशे से पत्रकार हैं. येचुरी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी पत्नी आर्थिक रूप से उनका भरण-पोषण करती हैं. 

2017 में मिला सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान 
येचुरी 2015 में प्रकाश करात के बाद पहली बार CPI(M) के महासचिव बने. 2017 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद (राज्यसभा) का सम्मान मिला था. 2018 में वो दूसरी बार CPI(M) के महासचिव बने. 2022 में येचुरी को तीसरी बार को इस पद कि जम्मेदारी मिली.

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2021 में 34 साल के बेटे की कोरोना से  हुई मौत
सीताराम येचुरी की पहली शादी वीना मजूमदार की बेटी इंद्राणी मजूमदार से हुई थी. इस शादी से उनकी एक बेटी और एक बेटा है. येचुरी के बेटे आशीष की 22 अप्रैल 2021 को 34 साल की उम्र में कोरोना से मौत हो गई थी.


पीएम मोदी ने जाहिर किया शोक
पीएम मोदी ने सीताराम येचुरी के निधन पर शोक जाहिर किया है. प्रधानमंत्री ने X पर लिखा कि सीताराम येचुरी के निधन से दुख हुआ. वह वामपंथ के अग्रणी प्रकाश थे. राजनीतिक स्पेक्ट्रम से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे. उन्होंने एक प्रभावी सांसद के रूप में भी अपनी पहचान बनाई. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं.

राहुल गांधी ने जताया शोक
सीताराम येचुरी के निधन पर शोक जताते हुए राहुल गांधी ने X पर पोस्ट करके दुख जाहिर किया है. राहुल गांधी ने लिखा- "सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे. भारत के विचार के रक्षक और हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले थे. मुझे हमारी लंबी चर्चाएं याद आएंगी. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना." 

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