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This Article is From Oct 18, 2020

तमिलनाडु में चरवाहे के बेटे ने पास की NEET की परीक्षा, पढ़ाई के लिए मांगी आर्थिक मदद

जीविथ कुमार की मां परमेश्वरी देवी जो एक मनरेगा कार्यकर्ता हैं, उन्होंने अपने बेटे की सफलता पर खुशी जताई और उनके शिक्षकों को उनकी मदद और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया.

तमिलनाडु में चरवाहे के बेटे ने पास की NEET की परीक्षा, पढ़ाई के लिए मांगी आर्थिक मदद
NEET परीक्षा में देशभर के सरकारी स्कूल के छात्रों में राष्ट्रीय टॉपर जिविथकुमार
चेन्नई:

तमिलनाडु में एक चरवाहे के बेटे ने इस साल के राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) को पास किया है, जो देश के सरकारी स्कूलों के उन छात्रों की सूची में शीर्ष पर हैं जिन्होंने स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रतिष्ठित परीक्षा दी थी.हालांकि, आर्थिक तंगी के कारण, तमिलनाडु के थेनी जिले के एक चरवाहे और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (MGNREGA) कार्यकर्ता के पुत्र, जीविथकुमार (Jeevithkumar) ने कहा कि वह इस पाठ्यक्रम को आगे बढ़ाने में सक्षम नहीं हो सकता है.

वह सिलवरपट्टी, पेरियाकुलम में गवर्नमेंट मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्र थे और उन्होंने परीक्षा देने के अपने दूसरे प्रयास में कुल 720 में से 664 अंक हासिल किए. जीविथकुमार ने कहा कि वह शायद मेडिकल की पढ़ाई नहीं कर पाएंगे क्योंकि सरकारी कॉलेजों की फीस देना भी उनके परिवार की पहुंच से बाहर है.

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उन्होंने कहा, "डॉक्टर बनना मेरा उद्देश्य नहीं था, लेकिन मैंने इसकी कोशिश की क्योंकि परीक्षा में बहुत मुश्किल आई थी. अब मैं एमबीबीएस कोर्स करना चाहूंगा, लेकिन मेरा परिवार प्राइवेट कॉलेज छोड़ों सरकारी कॉलेजों की फीस भी नहीं दे पाएगा, मैं लोगों से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे मेरी पढ़ाई में मदद करें, "

उन्होंने अपने स्कूल में अपने शिक्षकों को उनके मार्गदर्शन और NEET की तैयारी के लिए एक कोचिंग संस्थान में दाखिला लेने में मदद के लिए धन्यवाद दिया.

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जिविथकुमार ने आगे कहा, “पिछले साल, मैंने परीक्षा केवल यह महसूस करने के लिए परीक्षा दी थी कि यह कितना कठिन होता है. मैंने इसे फिर से देने की योजना बनाई और मेरे शिक्षकों ने एक NEET कोचिंग में शामिल होने में मेरी मदद की और इस बार मैं664 अंक हासिल करने में सफल रहा, जिसने मुझे देशभर के सरकारी स्कूल के छात्रों में राष्ट्रीय टॉपर बना दिया. "

जीविथकुमार की मां परमेश्वरी देवी जो एक मनरेगा कार्यकर्ता हैं, उन्होंने अपने बेटे की सफलता पर खुशी जताई और उनके शिक्षकों को उनकी मदद और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया.

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उन्होंने कहा, "जीविथ के स्कूल और शिक्षकों ने यह सुनिश्चित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई कि वह एक साल के कोचिंग क्लास में दाखिला लेने में सक्षम था. कक्षा 10 और 12 में उच्च अंक हासिल करने वाले हमारे परिवार में जीविथ पहले थे. हम इस बात से खुश हैं कि उसने कितना अच्छा किया है और ऐसा महसूस होता है कि वह पहले ही डॉक्टर बन चुका है, "

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने शुक्रवार को NEET 2020 के परिणाम घोषित किए थे.

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