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This Article is From Oct 22, 2021

बंगाल में कोरोना केसों में उछाल, अधिकारियों ने दुर्गा पूजा के दौरान नियमों के पालन में लापरवाही को माना कारण..

अधिकारी दुर्गा पूजा फेस्टिवल के दौरान सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन करने में लापरवाही को कोरोना मामले बढ़ने की वजह मान रहे हैं.

अधिकारियों के अनुसार, दुर्गा पूजा के दौरान नियमों के पालन में लापरवाही के कारण कोरोना केस बढ़े हैं

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता (Kolkata) में दुर्गा पूजा फेस्टिवल (Durga Puja festival)के बाद कोविड-19 केसों में उछाल देखने में आया है. कोरोना केसों का ग्राफ इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि शहर के 'सेफहाउस' और क्‍वारंटीन सेंटर्स को सोमवार से फिर से खोलने का फैसला किया गया है ताकि जरूरतमंद मरीजों को आइसोलेट किया जा सके. ऐसा लगता है कि दुर्गा पूजा और पंडाल की 'अफरातफरी' की कीमत शहर में केसों की संख्‍या बढ़ने के रूप में सामने आई हैं. कोलकाता में शुक्रवार को कोरोना के 242 नए केस दर्ज किए गए जबकि पिछले शुक्रवार को यह संख्‍या महज 127 थी.  सामने आए इन 242 मामलो में 150 ऐसे लोग शामिल हैं जिन्‍हें दोनों टीके लग चुके हैं जबकि पहली डोज लेने वाले 15 लोग भी संक्रमण का शिकार बने हैं . 

अधिकारी पिछले सप्‍ताह दुर्गा पूजा फेस्टिवल के दौरान सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन करने में लापरवाही को कोरोना मामले बढ़ने की वजह मान रहे हैं. कोलकाता म्‍युनिसिपल कार्पोरेशन के हेल्‍थ इन चार्ज अतिन घोष ने कहा, ' हमने देखा कि दुर्गा पूजा के दौरान बड़ी संख्‍या में लोग घर से बाहर सड़कों पर निकले, इसमें से कई लोगों ने मास्‍क भी नहीं पहने थे. इसके चलते स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के सभी कर्मचारियों की लीव कैंसल दी गई हैं. हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.  '

अधिकारियों ने कहा, चिंता की बात यह है कि संक्रमित हुए नए मरीजों में से ज्‍यादातर असिम्‍पटोमेटिक (जिनमें कोराना के लक्षण नजर नहीं आते) हैं, इन लोगों से  आसपास के लोगों को संक्रमण फैल सकता है. राजधानी कोलकाता ही नहीं, पूरे बंगाल में कोरोना के मामलों की संख्‍या इजाफा हुआ है. सात दिनों में कोरोना के मामलों की संख्‍या 451 से बढ़कर 833 तक पहुंच गई है. अधिकारियों का मानना है कि आने वाले सप्‍ताह में ही कोरोना के प्रकोप की सही स्थिति का पता चल सकेगा. सीएमआरआई अस्‍पताल के डॉ. राजा धर ने कहा किइ अगले सप्‍ताह यह संख्‍या बढ़ सकती है, ऐसे में अस्‍पतालों को संक्रमण की गंभीरता पर ध्‍यान देने की जरूरत है. 

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