विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन Covaxin को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी दी है. स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक ने यह वैक्सीन विकसित की है. सूत्रों ने बुधवार शाम को यह जानकारी दी. WHO की ओर से मिली इस मंजूरी के मायने यह है कि भारत में बनी इस कोरोना वैक्सीन को अब अन्य देशों में मान्यता मिल सकेगी और यह वैक्सीन लगवारे वाले भारतीयों को अब विदेशों में यात्रा केदौरान क्वारंटीन होने या प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ेगा.इमरजेंसी लिस्टिंग या EUL एक लंबी समीक्षा प्रक्रिया के बाद आती है. भारत बायोटेक ने पहले अप्रैल में मंजूरी के लिए आवेदन किया था और जुलाई में जरूरी डेट उपलब्ध कराए थे इसमें वैक्सीन की सुरक्षा, प्रभावशीलता से संबंधित जानकारियां शामिल थीं.
WHO has granted emergency use listing (EUL) to #COVAXIN® (developed by Bharat Biotech), adding to a growing portfolio of vaccines validated by WHO for the prevention of #COVID19. pic.twitter.com/dp2A1knGtT
— World Health Organization (WHO) (@WHO) November 3, 2021
Congratulations India for Emergency Use Listing of its indigenously produced #COVID19 vaccine COVAXIN
— WHO South-East Asia (@WHOSEARO) November 3, 2021
@MoHFW_INDIA @PIB_India @ANI pic.twitter.com/hyZrLcCRMs
यह समर्थ नेतृत्व की निशानी है,
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) November 3, 2021
यह मोदी जी के संकल्प की कहानी है,
यह देशवासियों के विश्वास की ज़ुबानी है,
यह आत्मनिर्भर भारत की दिवाली है।
Thanking @WHO for granting emergency use listing ( EUL) to Made-in-India #Covaxin
भारत में पिछले 24 घंटे में 11,903 नए COVID-19 केस, कल से 14.2 फीसदी ज़्यादा
डब्ल्यूएचओ ईयूएल के उपयोग के लिए कोवैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़ों का मूल्यांकन कर रहा है. तकनीकी परामर्शदाता समूह ने 26 अक्टूबर को टीके को आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध करने के लिहाज से अंतिम ‘जोखिम-लाभ मूल्यांकन' करने के लिए कंपनी से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगे थे.एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ के तकनीकी परामर्शदाता समूह ने कोवैक्सीन के लिए आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध के दर्जे की सिफारिश की है.''डब्ल्यूएचओ का तकनीकी परामर्शदाता समूह एक स्वतंत्र सलाहकार समूह है जो डब्ल्यूएचओ को यह सिफारिश करता है कि क्या किसी कोविड-19 रोधी टीके को ईयूएल प्रक्रिया के तहत आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है या नहीं. कोवैक्सीन ने लक्षण वाले कोविड-19 रोग के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभाव दिखाया है और वायरस के नये डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत सुरक्षा दर्शाई है. कंपनी ने जून में कहा था कि उसने तीसरे चरण के परीक्षणों से कोवैक्सीन के प्रभाव का अंतिम विश्लेषण समाप्त किया है.
गौरतलब है कि हाल ही में, Covaxin को ऑस्ट्रेलिया ने भी यात्रा के लिए मान्यता प्रदान की है. ऑस्ट्रेलिया ने इसके साथ ही अपने अंतरराष्ट्रीय सीमा प्रतिबंधों में भी ढील का ऐलान किया है. ऑस्ट्रेलियाई सरकार की मीडिया रिलीज में कहा गया था, 'भारत बायोटेक इंडिया की ओर से निर्मित कोवैक्सीन और सिनोफॉर्म, चीन की निर्मित BBIBP-CorV को यात्रियों के टीकाकरण के लिए मान्यता होगी. कोवैक्सीन के लिए यह मान्यता 12 या इससे अधिक उम्र के यात्रियों के लिए और BBIBP-CorV के लिए 18 से 60 वर्ष के वैक्सीनेटेड यात्रियों के लिए होगी. ' (भाषा से भी इनपुट)