कोर्ट ने यू्क्रेन की महिला से कहा- बच्चे से मिलना उद्देश्य, वैमनस्य कम करने का प्रयास करें

महिला का आरोप है कि बच्चे को रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान उसका पिता यूक्रेन से अवैध रूप से भारत ले आया था

कोर्ट ने यू्क्रेन की महिला से कहा- बच्चे से मिलना उद्देश्य, वैमनस्य कम करने का प्रयास करें

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली :

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को यूक्रेन की एक महिला को अपने बेटे से बातचीत करने और उसे सहज महसूस कराने के लिए अपने परित्यक्त भारतीय पति से ‘वैमनस्य कम करने' के प्रयास करने की सलाह दी. महिला का आरोप है कि बच्चे को रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान उसका पिता यूक्रेन से अवैध रूप से भारत ले आया था. 

अदालत को अवगत कराया गया कि उसके पहले के निर्देशों के अनुसार, परिवार - लड़का, उसके माता-पिता और बहन- ने दिल्ली हाईकोर्ट के क्रेच में एक साथ कुछ समय बिताया और वे फिर से एक-दूसरे के साथ बातचीत करना चाहते हैं. अपनी बेटी के साथ बच्चे से मिलने भारत आई महिला ने न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ को बताया कि 22 नवंबर को जब वे क्रेच में बच्चे के साथ थे और उसने यादगार के लिए उसकी तस्वीरें लीं, तो उसके पूर्व पति ने जबरन उन्हें अपने फोन से डिलीट करवा दिया.

इस पर अदालत ने कहा, ‘‘आप कोशिश करें और वैमनस्य के बिंदुओं को कम करें. आपका उद्देश्य यह है कि आप अपने बेटे के साथ बातचीत कर सकें, इसलिए ऐसा करें. बच्चे को उस अवस्था तक पहुंचना होगा, जहां वह मां के साथ सहज हो. कभी-कभी बच्चे को गहरा आघात लग जाता है.'' पीठ ने महिला को ‘अदालत क्रेच' में बच्चे से मिलने और बातचीत करने की अनुमति दी, क्योंकि लड़के के पिता ने कहा कि उन्हें इस व्यवस्था पर कोई आपत्ति नहीं है.

अदालत ने दोनों पक्षों को शुक्रवार को फिर से पेश होने के लिए कहा है.

अदालत ने बच्चे को उसकी मां से मिलाने के प्रयास में 22 नवंबर को परिवार से कुछ समय साथ बिताने को कहा था.

महिला ने पहले अदालत को सूचित किया था कि उसका तलाक हो चुका है और हालांकि यूक्रेन की एक अदालत ने उसे नाबालिग की अभिरक्षा दी थी, लेकिन उसका पूर्व पति उसे बिना बताए लड़के को ले आया. महिला ने अधिवक्ता श्रवण कुमार के माध्यम से अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उसके बेटे को उसके पूर्व पति ने 23 मार्च को अगवा कर लिया था, जब उसका पूर्व पति बच्चे को घुमाने ले गया था और वापस नहीं लौटा. पिछले साल उनकी शादी टूटने के बाद, उस व्यक्ति को अपने नाबालिग बेटे से मिलने का अधिकार दिया गया था. 

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महिला ने बच्चे की पेशी के अनुरोध के अलावा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या दिल्ली पुलिस को अपहरण, वैध दस्तावेजों के बिना नाबालिग की अवैध यात्रा, यूक्रेन में जाली भारतीय पासपोर्ट बनाने और उसे एवं उसकी बेटी को दर्द देने के लिए मामला दर्ज करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है.