नई दिल्ली:
सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने गुरुवार को आयकर विभाग को नीरा राडिया के टेलीफोन वार्ता से सम्बंधित टेप की प्रतिलिपि तैयार करने का निर्देश दिया। राडिया पर अवैध रूप से धन एकत्र करने और विदेशी सांठगांठ के आरोप लगे थे जिसके बाद ये टेप तैयार किए गए थे।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय ने महानिदेशक (जांच) को निर्देश दिया कि नीरा राडिया की 2,800 टेलीफोन वार्ताओं की प्रतिलिपि तैयार करें और इसे दो महीने के भीतर न्यायालय को सौंपे।
न्यायालय ने उद्योगपति रतन टाटा की याचिका पर सुनवाई के दौरान आयकर विभाग को यह निर्देश जारी किया। टाटा ने न्यायालय से अपील की थी कि राडिया के टेप की प्रतिलिपि मीडिया में प्रकाशित करने पर रोक लगाई जाए क्योंकि इससे उनके निजता के अधिकार का उल्लंघन होता है।
न्यायालय ने यह निर्देश तब जारी किया जब अतिरिक्त महाधिवक्ता एएस चंडोक ने न्यायालय को बताया कि आयकर विभाग प्रतिलिपि तैयार नहीं कर रहा बल्कि वह केवल उसे सुनकर प्रासंगिक सामग्री को लेकर एक रिपोर्ट तैयार कर रहा जिसे समीक्षा समिति के पास पेश किया जाएगा।
न्यायालय ने कहा कि सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने के लिए राडिया के संपूर्ण वार्तालाप की प्रतिलिपि की जरूरत है। सीपीआईएल ने न्यायालय से अपील की है कि इन वार्तालापों को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया जाए। उसने हालांकि कहा है कि वार्तालाप में जो हिस्सा वैयक्तिक हो उसे सार्वजनिक करने से रोका जा सकता है।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय ने महानिदेशक (जांच) को निर्देश दिया कि नीरा राडिया की 2,800 टेलीफोन वार्ताओं की प्रतिलिपि तैयार करें और इसे दो महीने के भीतर न्यायालय को सौंपे।
न्यायालय ने उद्योगपति रतन टाटा की याचिका पर सुनवाई के दौरान आयकर विभाग को यह निर्देश जारी किया। टाटा ने न्यायालय से अपील की थी कि राडिया के टेप की प्रतिलिपि मीडिया में प्रकाशित करने पर रोक लगाई जाए क्योंकि इससे उनके निजता के अधिकार का उल्लंघन होता है।
न्यायालय ने यह निर्देश तब जारी किया जब अतिरिक्त महाधिवक्ता एएस चंडोक ने न्यायालय को बताया कि आयकर विभाग प्रतिलिपि तैयार नहीं कर रहा बल्कि वह केवल उसे सुनकर प्रासंगिक सामग्री को लेकर एक रिपोर्ट तैयार कर रहा जिसे समीक्षा समिति के पास पेश किया जाएगा।
न्यायालय ने कहा कि सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने के लिए राडिया के संपूर्ण वार्तालाप की प्रतिलिपि की जरूरत है। सीपीआईएल ने न्यायालय से अपील की है कि इन वार्तालापों को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया जाए। उसने हालांकि कहा है कि वार्तालाप में जो हिस्सा वैयक्तिक हो उसे सार्वजनिक करने से रोका जा सकता है।
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