चेन्नई: चेन्नई की एक सत्र अदालत ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को 12 अगस्त तक के लिए हिरासत में लेने की अनुमति दे दी. बालाजी को 14 जून को धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
प्रधान सत्र न्यायाधीश एस. अली ने ईडी द्वारा दायर याचिका पर हिरासत की अनुमति प्रदान की. ईडी ने मामले में पूछताछ के लिए बालाजी की पांच दिन की हिरासत का अनुरोध किया था. बालाजी को पुझल जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत में पेश किया गया.
बालाजी की ओर से ईडी हिरासत की अवधि के दौरान उन्हें हर दिन कावेरी अस्पताल में दो बार मेडिकल जांच कराने की अनुमति देने के लिए एक अर्जी दायर की गई थी. हालांकि, न्यायाधीश ने यह अर्जी खारिज कर दी. सेंथिल बालाजी को 14 जून को गिरफ्तार किया गया था और वह उसी दिन से न्यायिक हिरासत में हैं.
बालाजी की पत्नी मेगाला ने पूर्व में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके पति ईडी की अवैध हिरासत में हैं, जिसने उन्हें धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था. उन्होंने ईडी को उनके पति को अदालत में पेश करने और उन्हें रिहा करने का न्यायालय से निर्देश देने का अनुरोध किया था. एक खंडपीठ ने चार जुलाई, 2023 को याचिका पर खंडित फैसला सुनाया था.
इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को बालाजी और उनकी पत्नी द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि विचार किया जाने वाला एकमात्र प्रश्न अपीलकर्ता की हिरासत से संबंधित है. पूर्ववर्ती ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार में परिवहन मंत्री रहते हुए बालाजी को नौकरी के बदले नकदी घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. बालाजी बाद में अन्नाद्रमुक छोड़कर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) में शामिल हो गए.
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