पंजाब का गुरदीप उन 14 लोगों में शामिल है जिन्हें मौत की सजा दी जाने वाली है।
नई दिल्ली:
पंजाब का एक शख्स उन 14 लोगों में शामिल हैं जिसे मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में अगले कुछ घंटों में सजा-ए-मौत दी जाने वाली है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार शाम को 48 वर्षीय गुरदीप सिंह के परिवार से फोन पर बात की और आश्वस्त किया कि गुरदीप को बचाने के लिए वे अपनी ओर से पूरे प्रयास कर रही हैं। गुरदीप मूलत: जालंधर से है।
गुरदीप की बेटी मंजीत कौर ने बताया, 'सुबह हमारे पास पिता का फोन आया। उन्होंने बताया कि सारी उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं और अब उसका मृत शरीर ही लौटेगा।' मंजीत उस समय बमुश्किल तीन वर्ष की थी जब उसके पिता भारत से चले गये थे। उन्हें एक एजेंट ने ठगा था। गुरदीप ने यह सोचकर एजेंट को राशि दी थी कि यह न्यूजीलैंड के लिए वर्क वीजा है लेकिन उन्हें यात्रा के बीच इंडोनेशिया में ही छोड़ दिया गया। गुरदीप की पत्नी कुलविंदर कौर ने बताया कि सुबह उनके भाई की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के स्टॉफ से बात हुई है। हमारी उम्मीद उन पर टिकी हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि हमारे अधिकारियों ने गुरदीप से मुलाकात की है और हमारे दूतावास ने इंडोनेशिया की सरकार से सभी कानूनी विकल्प देखने को कहा है। उन्होंने कहा कि सिंह के पास इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के पास दया याचका की अपील करने का अधिकार है। मौजूदा समय में इंडोनेशिया के अधिकारियों ने मादक द्रव्यों के बढ़ते इस्तेमाल के खिलाफ मौत की सजा देने के फैसले का बचाव किया है और 14 दोषियों की मौत की सजा टालने की संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन की अपील खारिज कर दी है। इन दोषियोंमें नाइजीरिया, पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के नागरिक भी शामिल हैं।
उधर परिवार के सदस्यों का कहना है कि वकीलों और राजनयिकों से मिली जानकारी के अनुसार दोषियों को गुरुवार रात को सजा दे दी जाएगी। इससे पहले इंडोनेशिया में अप्रैल 2015 में मौत की सजा दी थी जब आठ दोषियों को ऐसी ही आरोप में फांसी की सजा दी गई थी। इसमें दो ऑस्ट्रेलिया के नागरिक शामिल थे। गौरतलब है कि देश में मादक पदार्थ की तस्करी की कोशिश करने के मामले में गुरदीप सिंह को अधिकारियों ने दोषी पाया गया है स्वराज ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘हम 28 जुलाई को मौत की सजा मिलने से उसकी जान बचाने के लिए आखिरी वक्त की कोशिशें कर रहे हैं।’ इंडोनेशिया के तांगेरांग बांटेन प्रांत में एक जिला अदालत ने सिंह को कथित तौर पर मौत की सजा सुनाई है। (एजेंसी से भी इनपुट)
गुरदीप की बेटी मंजीत कौर ने बताया, 'सुबह हमारे पास पिता का फोन आया। उन्होंने बताया कि सारी उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं और अब उसका मृत शरीर ही लौटेगा।' मंजीत उस समय बमुश्किल तीन वर्ष की थी जब उसके पिता भारत से चले गये थे। उन्हें एक एजेंट ने ठगा था। गुरदीप ने यह सोचकर एजेंट को राशि दी थी कि यह न्यूजीलैंड के लिए वर्क वीजा है लेकिन उन्हें यात्रा के बीच इंडोनेशिया में ही छोड़ दिया गया। गुरदीप की पत्नी कुलविंदर कौर ने बताया कि सुबह उनके भाई की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के स्टॉफ से बात हुई है। हमारी उम्मीद उन पर टिकी हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि हमारे अधिकारियों ने गुरदीप से मुलाकात की है और हमारे दूतावास ने इंडोनेशिया की सरकार से सभी कानूनी विकल्प देखने को कहा है। उन्होंने कहा कि सिंह के पास इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के पास दया याचका की अपील करने का अधिकार है। मौजूदा समय में इंडोनेशिया के अधिकारियों ने मादक द्रव्यों के बढ़ते इस्तेमाल के खिलाफ मौत की सजा देने के फैसले का बचाव किया है और 14 दोषियों की मौत की सजा टालने की संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन की अपील खारिज कर दी है। इन दोषियोंमें नाइजीरिया, पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के नागरिक भी शामिल हैं।
उधर परिवार के सदस्यों का कहना है कि वकीलों और राजनयिकों से मिली जानकारी के अनुसार दोषियों को गुरुवार रात को सजा दे दी जाएगी। इससे पहले इंडोनेशिया में अप्रैल 2015 में मौत की सजा दी थी जब आठ दोषियों को ऐसी ही आरोप में फांसी की सजा दी गई थी। इसमें दो ऑस्ट्रेलिया के नागरिक शामिल थे। गौरतलब है कि देश में मादक पदार्थ की तस्करी की कोशिश करने के मामले में गुरदीप सिंह को अधिकारियों ने दोषी पाया गया है स्वराज ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘हम 28 जुलाई को मौत की सजा मिलने से उसकी जान बचाने के लिए आखिरी वक्त की कोशिशें कर रहे हैं।’ इंडोनेशिया के तांगेरांग बांटेन प्रांत में एक जिला अदालत ने सिंह को कथित तौर पर मौत की सजा सुनाई है। (एजेंसी से भी इनपुट)
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