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This Article is From May 20, 2020

यूपी: गांव जाने के लिए माता-पिता के साथ सरकारी बस का इंतजार कर रही बच्‍ची को ट्रक ने कुचला, मौत

यह बच्‍ची और उसके माता-पिता सीतापुर जिले में स्थित अपने गांव जाने के लिए एक सड़क के किनारे खड़े होकर राज्य सरकार की ओर से इंतजाम की गई बस (UP Government Bus) का इंतजार कर रहे थे. इस बच्‍ची के माता-पिता हरियाणा में काम करते थे.

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यूपी: गांव जाने के लिए माता-पिता के साथ सरकारी बस का इंतजार कर रही बच्‍ची को ट्रक ने कुचला, मौत
ट्रक ने छह साल की प्रियंका को कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई
मैनपुरी:

Coronavirus Pandemic: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में मंगलवार सुबह एक तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से एक 6 साल की लड़की (6-Year-Old Girl) की मौत हो गई. यह बच्‍ची और उसके माता-पिता सीतापुर जिले में स्थित अपने गांव जाने के लिए एक सड़क के किनारे खड़े होकर राज्य सरकार की ओर से इंतजाम की गई बस (UP Government Bus)का इंतजार कर रहे थे. इस बच्‍ची के माता-पिता हरियाणा में काम करते थे. सोमवार को यह परिवार यूपी के अपने गांव के नजदीक के स्‍थान तक पहुंचने के लिए हरियाणा में एक ट्रक में सवार हुआ था.ट्रक मंगलवार सुबह यूपी के मैनपुरी जिले  की ओर जा रहा था, इसी दौरान पुलिसकर्मियों ने इस सीमा चेक-पोस्ट पर रोक दिया और परिवार को ट्रक से उतरने के लिए कहा. रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने इस परिवार को सड़क के किनारे इंतजार करने के लिए कहा और बताया कि जल्द ही उनके लिए एक सरकारी बस की व्यवस्था की जाएगी.

जैसे ही परिवार सड़क के किनारे तक पहुंचा, इसी दौरान पास की खदान से पत्थर ले जा रहे एकट्रक ने छह वर्षीय प्रियंका को टक्कर मार दी. यह ट्रक के बेहद तेज गति से चल रहा था और बच्‍ची को टक्कर मारने के बाद यह कुछ मीटर आगे एक पुलिस बैरियर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. प्रियंका के पिता शिव कुमार ने बताया, "मैं हरियाणा में अन्य लोगों के खेतों में काम करता था. हम बस घर जाने की कोशिश कर रहे थे. कोरोना वायास की महामारी के कारण जारी लॉकडाउन ने हमारी जिंदगी को बुरी तरह से प्रभावित किया है और इस मुश्किल वक्‍त में हम अपने घर जाने के लिए बेताब थे." गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण देश में मार्च माह के अंतिम सप्‍ताह से लॉकडाउन जारी है, इसके कारण प्रवासी मजदूरों के सामने रोजी-रोजी का संकट पैदा हो गया और उनका रोजगार छिन गया है. रोजगार छिनने के कारण वे जो भी साधन मिल रहा है, उससे अपने घर लौट रहे हैं. कुछ मजदूर तो घर पहुंचने के लिए पैदल ही सफर कर रहे हैं. अपने घर लौटने के दौरान इन मजदूरों को सड़क हादसों का भी शिकार होना पड़ा है.

गौरतलब है कि लखनऊ से लगभग 180 किलोमीटर दूर औरैया जिले में 26 मजदूरों की मौत के बाद यूपी ने साइकिल, ट्रक या पैदल यात्रा कर रहे प्रवासी मजदूरों के प्रवेश के लिए शनिवार रात अपनी सीमाएं बंद कर दी थीं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सुरक्षित सरकारी बसों को हर लौटने वाले प्रवासी के लिए उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें.

VIDEO:  Red Zone में कुछ इस तरह से आगे बढ़ रही है जिंदगी​

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