भारत में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा 109 पहुंच गया है. 109 मामलों में 90 भारतीय नागरिक और 17 विदेशी नागरिक हैं. सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से हैं जहां पर 32 मामले सामने आ चुके हैं. जबकि केरल में इसकी संख्या 22 पहुंच गई है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 11, दिल्ली में 7, कर्नाटक में 6, तेलंगाना में 3, लद्दाख में 3, राजस्थान में 2 जम्मू कश्मीर में 2 तमिलनाडु,पंजाब और आंध्र प्रदेश में 1-1 मामले सामने आए हैं. जो 17 विदेशी इसकी चपेट में हैं उनमें 14 हरियाणा में 2 राजस्थान में और 1 उत्तर प्रदेश में रखा गया है. आज 14 ताजा मामले में सामने आए हैं. जिसमें महाराष्ट्र में12, तेलंगाना में 2, दिल्ली में 1, और कर्नाटक में एक केस शामिल है.
दूसरी ओर कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित 68 वर्षीय एक महिला की दिल्ली में मौत होने के बाद उसकी अंत्येष्टि को लेकर हुए विवाद के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस का शिकार होने वाले लोगों के शवों की अंत्येष्टि के लिए दिशानिर्देश तैयार करने पर काम शुरू कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि शव की अंत्येष्टि से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की आशंका नहीं है, लेकिन ऐसे में दिशानिर्देश इस गलत धारणा को खत्म करने के लिए और किसी मृतक से रोग के नहीं फैलने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए तैयार किए जा रहे हैं.
डब्ल्यूएचओ (WHO ने शवों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए एक बार इस्तेमाल किये जाने वाले पूरी बांह के गाउन का उपयोग करने की सलाह दी है. इसने यह भी सिफारिश की है कि मुर्दाघर कर्मी और अंत्येष्टि टीम व्यक्तिगत सुरक्षा वाले उपयुक्त उपकरणों का इस्तेमाल करें और हाथ को स्वच्छ रखने के लिए एहतियात बरतें. श्वसन संबंधी रोग जो बड़ी बूंदों से संचारित होते हैं उनमें एडेनोवायरस, एवियन इंफ्लूएंजा ए (एच5एन1), ह्यूमन इंफ्लूएंजा और सार्स-सीओवी शामिल हैं. इसमें कहा गया है, 'इंफ्लूएंजा महामारी के दौरान फैलने वाले मानव विषाणु के मौसमी इंफ्लूएंजा की तरह ही संचारित होने की संभावना है.' चिकित्सा अधिकारियों की निगरानी में शनिवार को पश्चिमी दिल्ली की 68 वर्षीय महिला की अंत्येष्टि की गई. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल और नगर निकायों के चिकित्सकों ने अंत्यष्टि की निगरानी की.
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