भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों के अनुसार देश में कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों की मौत का कारण स्पष्ट तरीके से दर्ज किया जाएगा. कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों का रिकॉर्ड रखते समय मरीजों को निमोनिया, हृदय विकार और रक्तप्रवाह में थक्का जैसी बीमारियों का भी स्पष्ट वर्णन किया जाएगा. कोविड-19 महामारी में मृत्यु के कारण को दर्ज करने के इसके महत्व को समझाते हुए आईसीएमआर ने कहा कि कोविड-19 एक नई बीमारी है और ऐसी महामारी है जो सभी समुदायों, सभी देशों को प्रभावित कर रही है. भारत में इसके सुदृढ़ आंकड़ों की जरूरत है ताकि बीमारी से लोक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन किया जा सके और समय पर इसकी स्वास्थ्य हस्तक्षेप योजना तैयार की जा सके.
भारत में कोविड-19 से होने वाली मौतों को उचित तरीके से दर्ज किए जाने के नए दिशा-निर्देशानुसार में आईसीएमआर ने कहा कि मौत का उचित कारण ना पता चल पाने लेकिन कोरोना वायरस के लक्षण होने पर ऐसे मामले ‘‘संभावित कोविड-19'' मृतक श्रेणी में दर्ज किए जाएंगे.
दिशा-निर्देशों के अनुसार लक्षण होने लेकिन जांच रिपोर्ट लंबित होने पर यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाए तो उसे संदिग्ध मौत की श्रेणी में दर्ज किया जाएगा. वहीं लक्षण होने लेकिन जांच में कोविड-19 ना होने की पुष्टि होने पर उन्हें क्लिनिकल तरीके से महामारी विज्ञान से निदान की गई कोविड-19 की श्रेणी में दर्ज किया जाएगा. इसकी क्लिनिकल प्रस्तुति मामूली से गंभीर श्रेणी तक में होती है और बीमारी की गंभीरता, पुराना कोई रोग या मरीज की उम्र मौत के महत्वपूर्ण कारक हैं.
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड स्तर पर कोरोना वायरस संक्रमण के 4,213 मामले सामने आए हैं जिससे सोमवार तक देश में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 67,152 पर पहुंच गई. वहीं 97 लोगों की मौत के बाद कोरोना वायरस अब तक देश में 2,206 लोगों की जान ले चुका है.
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