हरियाणा में कोरोनावायरस से सबसे बुरी तरह से प्रभावित गुड़गांव जिले में 31 मई से 11 जून के बीच इस महामारी से होने वाली मौतों के मामलों में छह गुना वृद्धि दर्ज की गई है जबकि मामलों की संख्या साढ़े तीन गुना से ज्यादा बढ़ चुकी हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के अनुसार हरियाणा में वायरस के लगभग 6,000 मामलों में से गुड़गांव में ही 45 प्रतिशत से अधिक मामले सामने आये हैं और राज्य में कोविड-19 से हुई 64 मौतों में से 19 मरीजों की मौत इसी जिले में हुई है. गुड़गांव की तरह ही इस वायरस से अन्य दो प्रभावित जिले फरीदाबाद और सोनीपत हैं. गत 11 जून तक इन तीनों जिलों में मामलों की संख्या चार हजार से अधिक थी जबकि 64 मरीजों में से 46 लोगों की मौत हुई है.
आंकड़े के अनुसार, 31 मई तक गुड़गांव में कोविड-19 के 774 मामले थे जिनमें से 487 मरीजों का इलाज चल रहा था जबकि तीन लोगों की मौत हुई थी लेकिन 11 जून तक मृतकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई और मामलों की संख्या 2,737 पहुंच गई जिनमें से 1,760 मरीजों का इलाज चल रहा है. विभाग के आंकड़ों के अनुसार गुड़गांव में 11 जून को एक ही दिन में छह लोगों की मौत हुई थ. इसके अनुसार. हरियाणा में 31 मई और 11 जून के बीच कोरोना वायरस के मामलों और इससे हुई मौत के मामले साढ़े तीन गुना से ज्यादा बढ़ चुके हैं.
राज्य में 31 मई तक 20 लोगों की मौत हुई थी जबकि 2,091 मामले थे जिनकी संख्या 11 जून तक क्रमश: 64 और 5,968 हो गई. आंकड़ों के अनुसार, फरीदाबाद में 31 मई तक मामलों की कुल संख्या 367 थी और आठ लोगों की मौत हुई थी जबकि 11 जून तक मामलों की संख्या बढ़कर 929 हो गई और 22 मरीजों की मौत हुई. इसके अनुसार सोनीपत में 31 मई तक मामलों की कुल संख्या 199 थी और एक व्यक्ति की मौत हुई थी जबकि 11 जून तक मामलों की संख्या बढ़कर 502 पहुंच गई और मृतकों की संख्या पांच पहुंच गई.
गुड़गांव के मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीरेंद्र यादव ने बताया कि जिले में जिन 19 मरीजों की मौत हुई थी, उनमें से ज्यादातर या तो अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे या उनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक थी.
अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) राजीव अरोड़ा ने बताया कि जान गंवाने वाले ज्यादातर मरीज गंभीर अन्य बीमारियों से ग्रस्त थे. जब उनसे विशेषकर गुड़गांव और फरीदाबाद में मामलों में अचानक हुई वृद्धि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘हम सतर्क हैं.'' उन्होंने कहा कि गुड़गांव, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर के चार जिलों में 75 लाख से अधिक लोग रहते हैं, और इन क्षेत्रों में लगभग 2,600 मरीजों का इलाज चल रहा हैं, इसीलिए इसे सामुदायिक प्रसार नहीं कहा जा सकता है.
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