दिल्ली ग़ाज़ियाबाद बॉर्डर पर हजारों की संख्या में मज़दूर बैठे हुए हैं,यूपी पुलिस ने इन्हें रोका हुआ है. इनसे कहा गया है कि इनके लिए बसों की व्यवस्था की जा रही है और खाना भी आएगा. गौरतलब है कि 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद पूरे देश में दिहाड़ी मजदूर और कामकागों और छोटी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. हालात ये हैं कि हजारों की संख्या में लोग अपने घरों की ओर पैदल भी जा रहे हैं. इन लोगों के लिए 1000 या 500 किलोमीटर की दूरी भी छोटी लग रही है. कई लोगों का कहना है कि काम न होने की वजह से जेब में पैसा नहीं है और खाने के लिए भी कुछ नहीं बचा है. वहीं बीमारी के बारे में कहना है कि जो भी होगा घर परिवार के साथ झेल लिया जाएगा.
इन हालात से निपटना प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती हो गई है और अब नेता भी इस ओर सरकार का ध्यान खींचने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा,आज हमारे सैकड़ों भाई-बहनों को भूखे-प्यासे परिवार सहित अपने गाँवों की ओर पैदल जाना पड़ रहा है।इस कठिन रास्ते पर आप में से जो भी उन्हें खाना-पानी-आसरा-सहारा दे सके,कृपा करके दे! कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं-नेताओं से मदद की ख़ास अपील करता हूँ. जय हिंद!'
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, 'दिल्ली के बॉर्डर पर त्रासद स्थिति पैदा हो चुकी है. हजारों की संख्या में लोग पैदल अपने घरों की तरफ निकल पड़े हैं. कोई साधन नहीं, भोजन नहीं. कोरोना का आतंक, बेरोजगारी और भूख का भय इनके पैरों को घर गाँव की ओर धकेल रहा है. मैं सरकार से प्रार्थना करती हूँ कृपया इनकी मदद कीजिए'.
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