पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की इमारत में लगी आग औऱ जान-माल के नुकसान पर कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने सफाई दी है. पूनावाला ने कहा कि उस जगह टीके का निर्माण नहीं हो रहा था, जहां ये आग लगी थी. इससे कोरोना की वैक्सीन के काम पर असर नहीं पड़ा है. सीरम में ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार टीके कोविशील्ड का उत्पादन हो रहा है और यह पूरी तरह सुरक्षित है.
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पूनावाला ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ एक प्रेस कान्फ्रेंस में यह बात कही. उद्धव ठाकरे से जब अग्निकांड को लेकर किसी लापरवाही के बारे में पूछा गया तो उन्हें कहा कि जांच जारी है. ठाकरे ने कहा कि जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह लापरवाही है या कुछ और.
पूनावाला ने कहा कि यह नया संयत्र था, जहां भविष्य के लिए बीसीजी और रोटावायरस वैक्सीन का उत्पादन होना था. वहां कोई वास्तविक वैक्सीन अभी बनाई ही नहीं जा रही थी. कोविशील्ड के उत्पादन और संरक्षण का काम पहले की तरह चल रहा है. आग से करीब एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.पूनावाला ने कहा कि सिर्फ वित्तीय नुकसान हुआ है. पूनावाला ने कहा कि अग्निकांड में जिन 5 लोगों की मौत हुई है, उनकी जिम्मेदारी कंपनी पर है.सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माण केंद्र है, जो 100 एकड़ में फैला हुआ है.
अब तक 1.10 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन की खेप विभिन्न शहरों में पहुंचाई जा चुकी है. हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्करों को पहले चरण में कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा रही है. सीरम के जिस मंजरी कॉम्पलेक्स में आग लगी, वह वैक्सीन फैकल्टी के स्थान से कुछ मिनट की ही दूरी पर है. भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए मंजरी कॉम्पलेक्स में आठ-नौ भवनों का निर्माण किया जा रहा है, इसका उद्देश्य SII की वैक्सीन निर्माण क्षमता को बढ़ाना है. गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में सीरम इंस्टीट्यूट का दौरा किया था और वैक्सीन निर्माण की प्रगति का जायजा लिया था.
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