भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर बढ़ता जा रहा है. देश में जारी लॉकडाउन (COVID-19 Lockdown) के बावजूद इसके मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. इस बीच देश में कोरोनावायरस का मामला 20 हजार पार कर गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 20,471 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,486 नए मामले सामने आए हैं और 49 लोगों की मौत हुई है. वहीं, देश में कोरोना से अब तक 652 लोगों की जान जा चुकी है, हालांकि राहत की बात यह है कि 3960 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं. बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. हालांकि 20 अप्रैल से लॉकडाउन के दौरान उन इलाकों में कुछ छूट भी दी गई है, जहां कोरोना के मामले कम हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की थी. बता दें कि पहले चरण का लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म हो रहा था.
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की इसी प्रतिबद्धता के मद्देनजर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश को मंजूरी दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में जुटे और ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को परेशान करने और उन पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़े दंड का प्रावधान करते हुए बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी है.
The Epidemic Diseases (Amendment) Ordinance, 2020 manifests our commitment to protect each and every healthcare worker who is bravely battling COVID-19 on the frontline.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 22, 2020
It will ensure safety of our professionals. There can be no compromise on their safety!
मोदी ने कहा कि यह अध्यादेश हमारे पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये है. प्रधानमंत्री ने कहा, 'उनकी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा.' उन्होंने कहा कि महामारी संशोधन अध्यादेश 2020 कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर तैनात प्रत्येक स्वास्थ्य कर्मी की सुरक्षा सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है. गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को मंजूर किए गए अध्यादेश में कोरोनावायरस का मुकाबला कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है जिसमें सात साल तक की सजा और 5 लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
केंद्र के आदेशों का पूरी तरह पालन करेंगे: पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि यह ‘सच नहीं है' कि राज्य में कोविड-19 स्थिति का आकलन करने के लिए तैनात केंद्रीय टीम का सहयोग नहीं किया गया और उसने आश्वासन दिया कि वह लॉकडाउन पर केंद्र सरकार के सभी आदेशों का पालन करेगी. यह आश्वासन तब दिया गया जब केंद्र ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर कोरोना वायरस के जमीनी हालात का आकलन करने के लिए तैनात केंद्रीय टीम के काम में बाधा डालने का आरोप लगाया. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को लिखे पत्र में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा कि यह सच नहीं है कि राज्य सरकार ने दो अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दलों (IMCT) को कोई सहयोग नहीं दिया. उन्होंने एक टीम के साथ दो बैठकें की थी और दूसरी के साथ संपर्क में थे.
VIDEO: कोरोना मरीज को प्लाज्मा थेरेपी
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं